International Relations Books in hindi Archives - Sahitya Bhawan Publications https://sahityabhawanpublications.com/product-tag/international-relations-books-in-hindi/ Sahitya Bhawan Publications Sat, 17 Feb 2024 13:02:08 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7 https://sahityabhawanpublications.com/wp-content/uploads/2017/10/cropped-sbp_tmp_logo-32x32.png International Relations Books in hindi Archives - Sahitya Bhawan Publications https://sahityabhawanpublications.com/product-tag/international-relations-books-in-hindi/ 32 32 अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध (International Relations) https://sahityabhawanpublications.com/product/international-relations-3/ https://sahityabhawanpublications.com/product/international-relations-3/#comments Sat, 21 Oct 2017 13:57:46 +0000 http://sahityabhawanpublications.com/?post_type=product&p=2079
  • For B.A. Part III of Allahabad University, Allahabad
  • Thoroughly Revised and Enlarged Edition: 2022
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    अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध International Relations Book For B.A. Part III of Allahabad University, Allahabad

    आधुनिक विश्व में ‘अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों’ के अध्ययन का महत्व लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों के अध्ययन का एक मुख्य उद्देश्य राष्ट्रों के आपसी व्यवहार तथा आचरण के मूल कारणों का ज्ञान कराना है, जिससे यह ज्ञात हो सके कि राज्यों के आपसी व्यवहार की मूल प्रेरणाएं, उनके विशिष्ट आचरण और नीतियों के मूलभूत सिद्धान्त क्या हैं?

    ‘अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों’ का विषय अत्यधिक आधुनिक और रोचक है, परन्तु इसकी सीमा यह है कि इसमें आत्मपरकता की अत्यधिक सम्भावना है। विश्व में विविध प्रकार की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्थाएं हैं, विविध एवं परस्पर विरोधी राष्ट्रीय हित हैं, जो नागरिकों और राजनयिकों के विचारों एवं कार्यों को प्रभावित करते रहते हैं। यद्यपि लेखक लेखक पूर्ण निष्पक्षता का दावा नहीं करता फिर भी घटनाओं और विषय के विश्लेषण को वस्तुपरक बनाने का भरसक प्रयास किया गया है। इस विषय की दूसरी सीमा यह है कि अन्तर्राष्ट्रीय घटनाएं एवं हित द्रुतगति से परिवर्तित होते रहते हैं। लेखक ने यह पूर्ण प्रयास किया है कि पुस्तक को अधुनातन (Up-to-date) बनाया जाए। लेखक ने अपनी ओर से इस बात का भी भरसक प्रयत्न किया है कि पुस्तक की भाषा इतनी सरल और उसका प्रवाह इतना स्वाभाविक हो कि ‘अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों’ के गूढ़तम पक्ष को समझने में पाठकों को कोई कठिनाई न हो।

    अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध International Relations Syllabus For B.A. Part III of Allahabad University, Allahabad
    Unit I: The Study of International Relations: Meaning, Nature and Scope Approaches to the Study of IR: Realist and Liberal Role of State and Non-state actors

    Unit–II: Cold War and its impact on World Politics Features of the present world order Globalisation and its impact on the developing world Problems of the third world security

    Unit–III: NAM: Origin, role, and relevance North-South Dialogue Regional Organisations: ASEAN, SAARC

    Unit–IV:  International Terrorism, Nuclear Proliferation: Problem and Solution Disarmament and Arms Control Collective Security: Under the League and the United Nations

    Unit–V: India’s Foreign Policy: Determinants and objectives Key features of Indian foreign policy India’s relations with Pakistan The Post-Cold War Indo-US relations

    अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध International Relations Book विषय-सूची

    1. अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों का अध्ययन: अर्थ, प्रकृति एवं क्षेत्र
    2. अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों के अध्ययन के उपागम: आदर्शवादी एवं यथार्थवादी उपागम
    3. अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों के अध्ययन के उपागम: उदारवादी एवं नव-उदारवादी उपागम
    4. अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में राज्य एवं राज्येतरकर्ता की भूमिका
    5. शीत-युद्ध और इसका विश्व राजनीति पर प्रभाव
    6. वर्तमान विश्व व्यवस्था की विशेषताएं
    7. भूमण्डलीकरण (वैश्वीकरण) और विकासशील देशों पर इसके प्रभाव
    8. तृतीय विश्व की सुरक्षा समस्याएं
    9. गुटनिरपेक्षता
    10. उत्तर-दक्षिण संवाद
    11. क्षेत्रीय सहयोग के संगठन: आसियान तथा सार्क
    12. अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद
    13. परमाणु प्रसार: समस्या और समाधान
    14. निःशस्त्रीकरण एवं शस्त्र नियन्त्रण
    15. राष्ट्र संघ एवं संयुक्त राष्ट्र संघ के अन्तर्गत सामूहिक सुरक्षा
    16. भारत की विदेश नीति: उद्देश्य एवं निर्धारक तत्व
    17. भारत की विदेश नीति की प्रमुख विशेषताएं
    18. भारत-पाकिस्तान सम्बन्ध
    19. शीतयुद्धोत्तर भारत-अमरीका सम्बन्ध

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    अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध (International Relations) https://sahityabhawanpublications.com/product/international-relations-hindi-book-ba-ma/ https://sahityabhawanpublications.com/product/international-relations-hindi-book-ba-ma/#comments Wed, 18 Oct 2017 05:57:40 +0000 http://sahityabhawanpublications.com/?post_type=product&p=1881
  • For M.A of University of Allahabad, Sri Dev Suman Uttarakhand University Tehri Garhwal, University of Lucknow, Jiwaji University Gwalior, Maharshi Dayanand Saraswati University Ajmer, Kurukshetra Universsity
  • Thoroughly Revised and Enlarged Edition: 2024
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    अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध (International Relations) book For:

    • M.A Semester I of Jiwaji University Gwalior & M.A 2 Year of University of Allahabad, Maharshi Dayanand Saraswati University Ajmer, Kurukshetra University
    • M.A Semester III & IV of Sri Dev Suman Uttarakhand University Tehri Garhwal, University of Lucknow

    अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों के अध्ययन का एक मुख्य उद्देश्य राष्ट्रों के आपसी व्यवहार तथा आचरण के मूल कारणों का व्यापक ज्ञान कराना है जिससे यह ज्ञात हो सके कि राज्यों के आपसी व्यवहार की मूल प्रेरणाएं, उनके विशिष्ट आचरण और नीतियों के मूलभूत सिद्धान्त क्या हैं? इन सिद्धान्तों का सम्यक् विवेचन और अध्ययन अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति के उचित मूल्यांकन में अत्यधिक सहायक होता है। पाश्चात्य देशों में अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति के सैद्धान्तिक पक्ष पर प्रचुर साहित्य का सृजन हो रहा है। वैसे ‘अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति’ से सम्बन्धित अनेक पुस्तकें हिन्दी में प्रकाशित हुई हैं। अद्यावधि विशेषत: हिन्दी में प्रणीत पुस्तकों की शैली जटिल तथा विषय-सामग्री दुर्बोध और अस्पष्ट है। कुछ तो एक देशीय या परिचयात्मक मात्र हैं जिससे उनमें विषय का विशद विश्लेषणात्मक विवेचन नहीं हो पाया है। वास्तव में, एम. ए. तथा सिविल सर्विस प्रभृति परीक्षाओं में प्रविष्ट होने वाले अध्येयताओं के लिए कतिपय प्रसंगों के विशद विवेचन के स्थान पर एक ही पुस्तक में प्राय: सभी सहसम्बद्ध प्रसेगों की यथासम्भव अधिकतम जानकारी अभीष्ट होती है।

    अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध International Relations Book का प्रणयन इसी आवश्यकता की पूर्ति के लिए हुआ है। लेखकों ने यह पूर्ण प्रयास किया है की पुस्तक को अद्धतन (up-to-date) बनाया जाए। अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध International Relations Book में ‘शीतयुद्ध का अन्त’ , ’गुटनिरपेक्ष आन्दोलन की प्रासंगिकता‘, ’रूप की विदेश नीति’, ‘अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति की अभरती प्रवृत्तियां’, ‘यूरोप में नई आर्थिक और राजनीतिक प्रवृत्तियां’, ‘उत्तर-दक्षिण संवाद’, ‘सहयोग’, ‘अन्तर्राष्ट्रीय एजेण्डे तथा उत्तर-दक्षिण सम्बन्ध‘ एवं ’नई विश्व व्यवस्था’ जैसे अध्याय अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में आये नये बदलाव को इंगित करते हैं।

    अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध International Relations Book विषय-सूची

    1. द्वितीय विश्व-युद्ध के कारण तथा युद्धोत्तर शान्ति समझौते
    2. विश्व-युद्धोत्तर अन्तर्राष्ट्रीय प्रवृत्तियाँ
    3. शीत-युद्ध की उत्पत्ति तथा विकास
    4. दितान्त (तनाव-शैथिल्य) एवं इसका विश्व राजनीति पर प्रभाव
    5. दूसरा शील-युद्ध: संवाद से टकराव
    6. शीत-युद्ध का अन्त
    7. संयुक्त राष्ट्र संघ (संगठन, कार्य प्रणाली एवं भूमिका)
    8. महाशक्तियां और तृतीय विश्व
    9. गुटनिरपेक्षता (उद्देश्य, विशेषताएं एवं प्रासंगिकता)
    10. साम्यवादी खेमे का बिखराव
    11. यूरोप का पुनर्गठन
    12. एशिया में विउपनिवेशीकरण एवं नए राज्यों का उदय
    13. अफ्रीका में विउपनिवेशीकरण एवं नए राज्यों का उदय
    14. संयुक्त राज्य अमेरीका की विदेश नीति
    15. साम्यवादी चीन की विदेश नीति
    16. भारत की विदेश नीति: रूपरेखा
    17. भारत एवं उसके पड़ोसी
    18. भारत की परमाणु नीति: भारत-अमेरीका असैन्य नाभिकीय सहयोग समझौता
    19. भारत तथा उसके इजरायल के साथ सम्बन्ध
    20. गुट-निरपेक्ष आन्दोलन में भारत की भूमिका
    21. भारत-अमेरीका सम्बन्ध
    22. भारत-रूस सम्बन्ध
    23. भारत-जापान सम्बन्ध
    24. भारत औश्र संयुक्त राष्ट्र संघ
    25. भारत और सार्क
    26. भारत और आसियान
    27. भारत और यूरोपीय संघ
    28. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी
    29. भारत की पूर्व की ओर देखो नीति
    30. समसामयिक बहुध्रवीय विश्व में भारत
    31. रूस की विदेश नीति
    32. पाकिस्तान की विदेश नीति
    33. अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति: समसामयिक नई प्रवृत्तियां तथा मुद्दे
    34. फिस्तिीन समस्या तथा अरब-इजरायल विवाद
    35. तेल कूटनीति तथा खाड़ी संकट
    36. अफगान संकट
    37. हिन्द महासागर
    38. यूरोप में नई आर्थिका और राजनीतिक प्रवृत्तियां
    39. लैटिन अमेरीका का अभ्युदय
    40. अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में दक्षिण एशिया
    41. अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में दक्षिण-पूर्वी एशिया
    42. बदलता विश्व परिदृश्य: नई विश्व-व्यवस्था
    43. नवीन अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था
    44. दक्षिण-दक्षिण सहयोग
    45. उत्तर-दक्षिण संवाद
    46. भूमण्डलीकरण (वैश्वीकरण) और विकासशील देशों के हित
    47. मानव अधिकार
    48. अन्तर्राष्ट्रीय एजेण्डे पर पर्यावरणीय मुद्दे
    49. अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद
    50. विश्व व्यापार संगठन तथा उत्तर-दक्षिण सम्बन्ध
    51. अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों में नारीवाद एवं लिंग सम्बन्धी मुद्दे
    52. निः शस्त्रीकरण: समस्याएं और चुनौतियां
    53. परमाणु अप्रसार: समस्याएं और चुनौतियां
    54. एशिया में क्षेत्रीय सहयोग के संगठन: आसियान तथा सार्क
    55. सामयिक अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य

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    अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध (International Relations) https://sahityabhawanpublications.com/product/international-relations-hindi-book-ba-3/ https://sahityabhawanpublications.com/product/international-relations-hindi-book-ba-3/#respond Wed, 11 Oct 2017 10:19:27 +0000 http://sahityabhawanpublications.com/?post_type=product&p=924
  • B.A IIIrd Year of Govind Guru Tribal University, Kota University, Maharaja Ganga Singh University, Maharaja Surajmal Brij University, Mohanlal Sukhadia University, Pandit Deendayal Upadhyaya Shekhawati University, Raj Rishi Bhartrihari Matsya University, Rajasthan University.
  • M.A (Political Science) IInd Semester of Jananayak Chandrashekhar University, Mahatma Gandhi Kashi Vidyapith.
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    आधुनिक विश्व में ‘अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों’ के अध्ययन का महत्व लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों के अध्ययन का एक मुख्य उद्देश्य राष्ट्रों के आपसी व्यवहार तथा आचरण के मूल कारणों का ज्ञान कराना है जिससे यह ज्ञात हो सके कि राज्यों के आपसी व्यवहार की मूल प्रेरणाएं, उनके विशिष्ट आचरण और नीतियों के मूलभूत सिद्धान्त क्या हैं?

    ‘अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों’ का विषय अत्यधिक आधुनिक और रोचक है, परन्तु इसकी सीमा यह है कि इसमें आत्मपरकता की अत्यधिक सम्भावना है। विश्व में विविध प्रकार की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्थाएं हैं, विविध एवं परस्पर विरोधी राष्ट्रीय हित हैं, जो नागरिकों और राजनयिकों के विचारों एवं कार्यों को प्रभावित करते रहते हैं। यद्यपि लेखक पूर्ण निष्पक्षता का दावा नहीं करते फिर भी घटनाओं और विषय के विश्लेषण को वस्तुपरक बनाने का भरसक प्रयास किया गया है। इस विषय की दूसरी सीमा यह है कि अन्तर्राष्ट्रीय घटनाएं एवं हित दुतगति से परिवर्तित होते रहते हैं। लेखकों ने यह पूर्ण प्रयास किया है कि पुस्तक में अगस्त 2019 तक की स्थिति को सम्मिलित करके पुस्तक को अधुनातन(up-to-date) बनाया जाय। लेखकों ने अपनी ओर से इस बात का भी भरसक प्रयत्न किया है कि पुस्तक की भाषा इतनी सरल और उसका प्रवाह इतना स्वाभाविक हो कि ‘अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों’ के गूढ़तम पक्ष को समझने में पाठकों को कोई कठिनाई न हो।

    पुस्तक के इस 27 वें संशोधित संस्करण की एक अद्वितीय विशेषता यह है कि पुस्तक के अंत में राजस्थान विश्वविद्यालय के वर्ष 2020 की परीक्षा के प्रश्न-पत्र (हल करके) विद्यार्थियों के मार्गदर्शन हेतु प्रस्तुत किए एग हैं।

    न्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध International Relations Book विषय-सूची
    1. विश्व-युद्धोत्तर अन्तर्राष्ट्रीय प्रवृत्तियाँ
    2. शीत-युद्ध एवं इसके विभिन्न चरण
    3. संयुक्त राष्ट्र संघ (संगठन, कार्य-प्रणाली एवं भूमिका)
    4. संयुक्त राज्य अमेरीका एवं तृतीय विश्व
    5. साम्यवादी खेमे का विघटन
    6. युरोप का पुनर्गठन
    7. भारत की विदेश नीति: (निर्धारक तत्व एवं प्रमुख विशेषताएं)
    8. भारत एवं संयुक्त राष्ट्र संघ
    9. गुटनिरपेक्ष आन्दोलन: वर्तमान में प्रासंगिकता
    10. भारत की पूर्व की ओर देखो नीति
    11. भारत के पड़ोसी देश: भारत-चीन सम्बन्धों के सन्दर्भ में
    12. भारत-अमेरीका सम्बन्ध
    13. भारत-रूस सम्बन्ध
    14. समसामयिक बहुध्रुवीय विश्व में भारत
    15. अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में सम-सामयिक प्रवृत्तियां एवं मुद्दे
    16. पश्चिमी एशिया की राजनीति
    17. नवीन अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था
    18. क्षेत्रीय सहयोग के संगठन: आसियान, सार्क, ब्रिक्स एवं इब्सा
    19. संयुक्त राष्ट्र में सुधार की मांग
    20. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी
    21. मानव अधिकार
    22. पर्यावरणीय मुद्दे
    23. लैंगिक न्याय एवं लिंग सम्बन्धी मुद्दे
    24. वैश्विक आतंकवाद
    25. परमाणु प्रसार
    • वर्ष 2021 के प्रश्न-पत्र (लघुत्तरात्मक प्रश्न हल सहित)

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