Latest books on Sociology Archives - Sahitya Bhawan Publications https://sahityabhawanpublications.com/product-tag/latest-books-on-sociology/ Sahitya Bhawan Publications Sat, 16 Nov 2024 13:51:52 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7 https://sahityabhawanpublications.com/wp-content/uploads/2017/10/cropped-sbp_tmp_logo-32x32.png Latest books on Sociology Archives - Sahitya Bhawan Publications https://sahityabhawanpublications.com/product-tag/latest-books-on-sociology/ 32 32 समाजशास्त्र (Sociology) https://sahityabhawanpublications.com/product/%e0%a4%b8%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%9c%e0%a4%b6%e0%a4%be%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0-sociology-ba-iii-lknw/ https://sahityabhawanpublications.com/product/%e0%a4%b8%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%9c%e0%a4%b6%e0%a4%be%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0-sociology-ba-iii-lknw/#respond Mon, 26 Sep 2022 06:33:19 +0000 https://sahityabhawanpublications.com/?post_type=product&p=22770
  • For B.A Semester III of Lucknow University
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    पुस्तक का यह नवीन संस्करण लखनऊ विशवविद्यालय द्वारा बी.ए. समाजशास्त्र के तृतीय सेमेस्टर हेतु निर्धारित नए पाठ्यक्रम पर आधारित है |
    पाठ्यक्रम का प्रश्न-पत्र-V समाजशास्त्रीय चिन्तन तथा इसमें योगदान करने वाले प्रमुख विचारकों के दृष्टिकोण पर आधारित है | इसके अन्तर्गत सर्वप्रथम उन भौतिक और बौध्दिक दशाओं का उल्लेख किया गया है जिनके प्रभाव से यूरोप में समाजशास्त्र का प्रादुर्भाव हुआ | इसी क्रम में अगस्त कोंत, हरबर्ट स्पेन्सर, इमाइल दरख़ाइम, विलफ्रेडो परेटो तथा जार्ज सिमेल द्वारा प्रस्तुत उन अवधारणाओं एवं सिद्धान्तों को स्पष्ट किया गया है समाजशास्त्र की अध्ययन-वस्तु का निर्धारण करने के साथ ही समाजशास्त्र को एक व्यवस्थित विज्ञान के रूप में प्रतिष्ठित किया |

    समाजशास्त्र (Sociology) Syllabus For B.A. IIIrd Semester of Lucknow University 

    Paper V : FOUNDATION OF SOCIOLOGICAL THOUGHT I

    Unit I : Emergence of Sociology : Social, Economic and Political Factors, the Industrial Revolution and the French Revolution.
    Intellectual Sources : Enlightenment, Philosophy of History, Political Philosophy, Social and Political Reform Movements, and Biological Theories of Evolution.

    Unit II : Auguste Comte : Positivism, The Hierarchy of Sciences and The Law of Three Stages. Herbert Spencer : Organicism, Social Evolution and Social Darwinism.

    Unit III : Emile Durkheim : Social Fact, Division of Labour, Mechanical Solidarity, Organic Solidarity, Anomic Division of Labour, Suicide—Altruistic, Egoistic and Anomic.

    Unit IV : Vilfredo Pareto : Action—Logical & Non-logical Actions, Residues and Derivations.
    George Simmel : Forms of ‘Sociation’, Consequences of Social Conflict, Emotions and Violence.

    Paper VI : SOCIAL CHANGE AND DEVELOPMENT : CONCEPTS AND APPROACHES

    Unit I : Evolution, Change, Development and Progress; Social Change in Structure & Social Change of Structure.

    Unit II : Economic Growth, Human Development, Social Development, Sustainable Development.

    Unit III : Ecological and Social Modernization Theories of Development (N. Smelser, D. Lerner, W.W. Rostow, A. Giddens).

    Unit IV : Dependency : Centre-periphery (A.G. Frank), Uneven development (Samir Amin).

    समाजशास्त्र Sociology Book विषय-सूची

    समाजशास्त्रीय चिन्तन के आधार

    1. समाजशास्त्र का प्रादुर्भाव
    2. सामाजिक, आर्थिक एवं राजनितिक कारक : फ़्रांस की क्रान्ति तथा औद्दोगिक क्रान्ति
    3. समाजशास्त्र के प्रादुर्भाव के बौध्दिक स्रोत : ज्ञानोदय, इतिहास का दर्शन, राजनितिक दर्शन तथा सामाजिक और राजनितिक सुधार आन्दोलन
    4. आगस्त कोंत (1798-1857)
    5. हरबर्ट स्पेन्सर (1820-1903)
    6. इमाइल दरख़ाइम (1858-1917)
    7. विल्फ्रेडो परेटो (1848-1923)
    8. जॉर्ज सिमेल (1858-1918)

    सामाजिक परिवर्तन एवं विकास : अवधारणाएं एवं दृष्टिकोण

    1. सामाजिक परिवर्तन (उद्विकास, विकास एवं प्रगति)
    2. सामाजिक परिवर्तन की अवधारणा : संरचना में परिवर्तन एवं संरचना का परिवर्तन
    3. आर्थिक वृध्दि, मानव विकास एवं सामाजिक विकास
    4. सतत विकास
    5. पारिस्थिकीय
    6. विकास के सिद्धान्त (स्मेल्सर, लर्नर, रोस्टोव तथा एंथोनी गिडेन्स)
    7. निर्भरता [परिधि-केन्द्र (आंद्रे गुण्डर फ्रैंक) तथा असमान विकास (समीर अमीन)]

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    समाजशास्त्र (Sociology) https://sahityabhawanpublications.com/product/sociology-ba-ivth-semester-lucknow-university/ https://sahityabhawanpublications.com/product/sociology-ba-ivth-semester-lucknow-university/#respond Tue, 14 Jan 2020 07:46:01 +0000 https://sahityabhawanpublications.com/?post_type=product&p=10659 For B.A. II Year Semester IV of Lucknow University

    • प्रथम प्रश्न-पत्र: समाजशास्त्रीय चिन्तन के आधार (Foundation of Sociological Thought)
    • द्वितीय प्रश्न-पत्र: भारत में विकास (Development in India)
    • Latest Edition: 2023

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    यह समाजशास्त्र Sociology पाठ्य-पुस्तक लखनऊ विश्वविद्यालय के बी. ए. द्वितीय वर्ष, समाजशास्त्र के चतुर्थ सेमेस्टर हेतु निर्धारित पाठ्यक्रम पर आधारित है।

    पाठ्यक्रम के अनुसार पुस्तक की सम्पूर्ण विषय-वस्तु प्रथम एवं द्वितीय प्रश्न-पत्र के अनुसार दो मुख्य खण्डों में विभाजित है। पहला खण्ड समाजशास्त्रीय चिन्तन के आधार से सम्बन्धित है, जबकि द्वितीय खण्ड भारत में विकास से सम्बन्धित विभिन्न अवधारणाओं, प्रयत्नों और समस्याओं की विवेचना करने से सम्बन्धित है।

    इस वर्ष चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा के लिए यह नीति निर्धारित की गई है कि सम्पूर्ण प्रश्न-पत्र वस्तुनिष्ठ प्रश्नों पर आधारित होगा। वस्तुनिष्ठ प्रश्न उन्हीं विषयों से सम्बन्धित होंगे, जिनका निर्धारण पाठ्यक्रम में किया गया है। प्र्र्र्र्र्र्रश्न-पत्र में वर्णनात्मक और लघु प्रश्नों की तुलना में वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का उत्तर देना सरल नहीं होता। विभिन्न वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का संयोजन इस तरह किया जाता है कि विद्यार्थी पाठ्यक्रम से सम्बन्धित विभिन्न अवधारणाओं, सिद्धान्तों, प्रमुख घटनाओं एवं तथ्यों से परिचित होकर दिए गए विकल्पों से सही विकल्प का चुनाव कर सकें। इस तरह के प्रश्नों का उत्तर तभी दिया जा सकता है, जब विद्यार्थी सबसे पहले अध्ययन-विषय के विभिन्न पक्षों की समुचित जानकारी प्राप्त कर लें।

    समाजशास्त्र Sociology Syllabus For B.A. II Year Semester IV of Lucknow University, Lucknow

    Paper-I: Foundation of Sociological Thought

    Unit-I: Karl Marx : The Base – Production, Means of Production, Relations of Production, Mode of Production and Forces of Production; the Super Structure; Relationship between the Base and the Super Structure Materialist, Classes, Class-in-itself & Class-for-itself and Class Struggle.

    Unit II: Max Weber: Ideal Type, Social Action – Zweckrational, Wertrational, Traditional and Effectual, Verstehen; Power & Authority; Bureaucracy; the Protestant Ethic and the Spirit of Capitalism.

    Unit-III: George Herbert Mead: Mind, Symbols, and Communication; the Concept of Self; ‘I’ and ‘Me’; Role Taking; Symbolic Interaction; the Concept of Society.

    Unit IV: Talcott Parsons: Action and Behavior; Action Frame of Reference; Social System; Pattern Variables. Robert K. Merton: Middle Range Theory, Manifest and Latent Function.

    Paper-II: Development in India

    Unit-I: Concept of Evolution, Growth, Progress, and Development: Economic v/s Social Development, Human Development.

    Unit-II: Theories of Development (Smelser, Lerner, Rostow) and Underdevelopment Dependency: Centre-periphery (Frank), Uneven Development (Samir Amin); Globalisation (Giddens).

    Unit-III: Social Inequalities: Caste, Class, Gender and Ethnicity, Development and Issues of Marginalisations.

    Unit-IV: Ecology and Development : Development and Displacement, Rehabilitation and Resettlement Policy (R & R), Sustainable Development, Global Warming and Climate Change.

    समाजशास्त्र Sociology Book विषय-सूची

    प्रथम प्रश्न-पत्र : समाजशास्त्रीय चिन्तन के आधार (Foundation of Sociological Thought)

    1. कार्ल माक्र्स
    2. मैक्स वेबर
    3. जाॅर्ज हरबर्ट मीड
    4. टाल्काॅट पारसन्स

    द्वितीय प्रश्न-पत्र : भारत में विकास (Development in India)

    1. भारत में सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रियाएं : संस्कृतिकरण, लौकिकीकरण, नगरीकरण एवं लोकंतत्रिकरण
    2. औद्योगीकरण, पशिचमीकरण, आधुनिकीकरण एवं वैश्वीकरण
    3. भारत में सामाजिक मुद्दे एवं समस्याएं
    4. सामाजिक असमानताएं : जाति, वर्ग, लिंग तथा संजातियता
    5. विकास एवं सीमान्तीकरण
    6. विकास एवं विस्थापन
    7. सुचना-क्रान्ति एवं सामाजिक परिवर्तन
    8. पारिस्थितिकीय अपकर्ष
    9. पर्यावरण प्रदुषण
    10. संस्कृति तथा विकास

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    समाजशास्त्र (Sociology) https://sahityabhawanpublications.com/product/sociology-hindi-book-ba-2-lkouniv/ https://sahityabhawanpublications.com/product/sociology-hindi-book-ba-2-lkouniv/#respond Sat, 03 Aug 2019 06:53:26 +0000 https://sahityabhawanpublications.com/?post_type=product&p=8827 For B. A. II Year Semester III of Lucknow University

    • प्रथम प्रश्न-पत्र: समाजशास्त्रीय चिन्तन के आधार (Foundation of Sociological Thought)
    • द्वितीय प्रश्न-पत्र: भारत में सामाजिक परिवर्तन (Social Change in India)

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    समाजशास्त्र Sociology पुस्तक का यह नवीन संस्करण लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा बी. ए. द्वितीय वर्ष, समाजशास्त्र के तृतीय सेमेस्टर हेतु निर्धारित पाठ्यक्रम पर आधारित है।

    • पाठ्यक्रम के अनुसार पुस्तक दो मुख्य खण्डों में विभाजित है। प्रथम खण्ड मे प्रथम प्रश्न-पत्र की विषय-वस्तु तथा द्वितीय खण्ड में द्वितीय प्रश्न-पत्र के लिए निर्धारित विषय-वस्तु का समावेश किया गया है।
    • पाठ्यक्रम का प्रथम प्रश्न-पत्र समाजशास्त्रीय चिन्तन के प्रादुर्भाव तथा इसमें योगदान करने वाले प्रमुख विचारकों के दृष्टिकोण पर आधारित है। इसके अन्तर्गत सर्वप्रथम उन भौतिक और बौद्धिक दशाओं का उल्लेख किया गया है, जिनके प्रभाव से यूरोप में समाजशास्त्र का प्रादुर्भाव हुआ। इसी क्रम में आगस्त कोंत, हरबर्ट स्पेन्सर, इमाइल दरखाइम, विलफ्रेडो परेटो तथा जाॅर्ज सिमेल द्वारा प्रस्तुत उन प्रमुख अवधारणाओं एवं सिद्धान्तों को स्पष्ट किया गया है, जिन्होंने समाजशास्त्र की अध्ययन-वस्तु का निर्धारण करने के साथ ही समाजशास्त्र को एक व्यवस्थित विज्ञान के रूप में प्रतिष्ठित किया।
    • पुस्तक का द्वितीय खण्ड द्वितीय प्रश्न-पत्र ‘भारत में सामाजिक परिवर्तन’ की विवेचना से सम्बन्धित है। इसके अन्तर्गत सामाजिक परिवर्तन से सम्बन्धित विभिन्न सैद्धान्तिक अवधारणाओं को सरल, व्यवस्थित और प्रामाणिक आधार पर स्पष्ट किया गया है। अपने दैनिक जीवन में हम सामाजिक परिवर्तन जैसे शब्द का प्रचुरता से उपयोग करते हैं, लेकिन इससे सम्बन्धित विभिन्न पक्षों और समस्याआंे को समाजाशास्त्रीय दृष्टिकोण से समझने से ही इसकी वास्तविक प्रकृति को समझा जा सकता है। इसके लिए सर्वप्रथम सामाजिक संरचना की समाजशास्त्रीय अवधारणा को समझने के लिए ‘सामाजिक संरचना में परिवर्तन’ तथा ‘सामाजिक संरचना’ के परिवर्तन’ की प्रकृति और पारस्परिक अन्तर को स्पष्ट किया गया है। इसके साथ ही इस खण्ड में सामाजिक परिवर्तन के उन सिद्धान्तों की भी विवेचना की गई है, जिनके आधार पर विभिन्न समाजशास्यिों ने सामाजिक परिवर्तन के कारणों को स्पष्ट किया है। भारत में आज सामाजिक परिवर्तन की प्रकृति को सूचना प्रौद्योगिकी ने व्यापक रूप से प्रभावित किया है। पुस्तक में सूचना प्रौद्योगिकी से सम्बन्धित नवीनतमक स्थिति के सन्दर्भ में सामाजिक परिवर्तन से इसके सम्बन्ध की विवेचना की गई है। भारतीय समाज में संरचनात्मक और सांस्कृतिक परिवर्तन लाने में अनेक प्रक्रियाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। इनमें पश्चिमीकरण, आधुनिकीकरण, वैश्वीकरण, लौकिकीकरण, संस्कृतिकरण, स्थानीकरण तथा सार्वभौमीकरण कुछ प्रमुख प्रक्रियाएं हैं। पुस्तक में इन सभी प्रक्रियाओं की प्रकृति तथा भारतीय समाज और संस्कृति पर इनके प्रभावों की विवेचना की गई है।

    समाजशास्त्र Sociology Syllabus For B.A. II Year of Lucknow University, Lucknow

    Paper 1: Foundation of Sociological Thought

    Unit I: Emergence of Sociology: Social, Economic and Political Factors; The Industrial Revolution and the French Revolution. Intellectual Sources : Enlightenment, Philosophy of History, Political Philosophy, Social and Political Reform Movements and Biological Theories of Evolution.

    Unit II: Auguste Comte: Positivism, The Hierarchy of Science and The Law of Three Stages. Herbert Spencer: Organicism, Social Evolution, and Social Darwinism.

    Unit III: Emile Durkheim: Social Fact, Division of Labour, Mechanical Solidarity, Organic Solidarity, Anomie, Suicide – Altruistic, Egoistic and Anomic.

    Unit IV: Vilfredo Pareto: Action – Logical and Non-logical Actions, Residues and Derivations. George Simmel: Forms of ‘Sociation’, Consequences of Social Conflict, Emotions, and Violence.

    Paper 2: Social Change in India

    Unit I: Concept of Social Change: Change in Structure and Change of Structure. Types of Social Change.

    Unit II: Theories of Social Change: Linear, Cyclical and Demographic. Information Technology.

    Unit III: Social Change in India: Westernization, Modernization and Globalization.

    Unit IV: Process of Social Change in India : Secularization, Sanskritization, Universalization and Parochialization.

    समाजशास्त्र Sociology Book विषय-सूची

    प्रथम प्रश्न-पत्र : समाजशास्त्रीय चिन्तन के आधार

    1. समाजशास्त्र का प्रादुर्भाव
    2. सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक कारक: फ्रांस की क्रान्ति तथा औद्योगिक क्रान्ति
    3. समाजशास्त्र के प्रादुर्भाव के बौद्धिक स्रोत: ज्ञानोदय, इतिहास का दर्शन, राजनीतिक दर्शन तथा सामाजिक और राजनीतिक सुधार आन्दोलन
    4. आगस्त कोंत (1798-1857)
    5. हरबर्ट स्पेन्सर (1820-1903)
    6. इमाइल दरखाइम (1858.-1917)
    7. विलफ्रेडो परेटो (1848-1923)
    8. जाॅर्ज सिमेल (1858-1918)

    द्वितीय प्रश्न-पत्र: भारत में सामाजिक परिवर्तन

    1. सामाजिक परिवर्तन की अवधारणा: संरचना में परिवर्तन एवं संरचना का परिवर्तन
    2. सामाजिक परिवर्तन के प्रकार: उद्विकास, विकास, प्रगति एवं क्रान्ति
    3. सामाजिक परिवर्तन के सिद्धान्त: रेखीय, चक्रीय एवं जनांकिकीय
    4. सूचना प्रौद्योगिकी एवं सामाजिक परिवर्तन
    5. पश्चिमीकरण
    6. आधुनिकीकरण
    7. वैश्वीकरण
    8. भारत में सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रियाएं: लौकिकीकरण
    9. संस्कृतिकरण
    10. परम्पराओं का स्थानीकरण एवं सार्वभौमीकरण

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    समाजशास्त्र (Sociology) https://sahityabhawanpublications.com/product/sociology-hindi-book-ba-1-chhattisgarh/ https://sahityabhawanpublications.com/product/sociology-hindi-book-ba-1-chhattisgarh/#comments Sun, 28 Jul 2019 11:05:39 +0000 https://sahityabhawanpublications.com/?post_type=product&p=8699 For B.A Ist Year of Baster University, Bilaspur University, Hemchand Yadav Vishwavidyalaya, Pandit Ravishankar Shukla University, Sarguja University

    • प्रथम प्रश्न-पत्र: समाजशास्त्र का परिचय
    • द्वितीय प्रश्न-पत्र: समकालीन भारतीय समाज

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    प्रस्तुत पुस्तक छत्तीसगढ़ के विभिन्न विश्वविद्यालयों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा निति, 2020 के अन्तर्गत बी.ए. (प्रथम वर्ष) समाजशास्त्र के पूर्णतया नवीन पाठ्यक्रम पर आधारित है | पुस्तक में पाठ्यक्रम से सम्बन्धित दोनों प्रश्न-पत्रों की विषय-सामग्री का समावेश है |

    समाजशास्त्र Sociology Syllabus For B.A. Part I of Atal Bihari Vajpayee Vishwavidyalaya Bilaspur, Sarguja University Ambikapur

    Paper I: Introduction to Sociology

    UNIT-I Sociology: Meaning, Nature, Scope, Subject matter, and significance. Basic Concepts: Society, Community, Institution, Association, Group, Status, and Role.

    UNIT-II Social Institutions: Marriage, Family, and Kinship. Culture and Society: Culture, Socialization, The individual and Society, Social Control, Norms, and Values.

    UNIT-III Social Stratification: Meaning, Forms, and Theories. Social Mobility: Meaning, Forms, and Theories.

    UNIT-IV Social Change: Meaning and Patterns, Types, Factors, Evolution, and Progress.

    UNIT-V Social System and Process: Social System – Meaning, Characteristics, and Elements. Social Process – Meaning, Elements, Characteristics, and Types.

    Paper-II: Contemporary society

    UNIT-I Classical View about Indian Society: Verna, Ashram, Karma, Dharma, and Purusharth.

    UNIT-II The Structure and Composition of Indian Society. Structure; Village, Towns, Cities, and Rural-Urban Linkage. Compositions: Tribes, Dalits, Women, and Minorities.

    UNIT-III Basic Institutions of Indian Society: Caste system, Joint Family, Marriage and Changing Dimensions.

    UNIT-IV Familial Problems: Dowry, Domestic Violence, Divorce, Intraintergenerational Conflict, Problem of elderly.

    UNIT-V Social Problems: Surrogate Motherhood, Live-in-Relationship, Regionalism, Communalism, Corruption, Youth Unrest.

    समाजशास्त्र Sociology Book विषय-सूची

    प्रथम प्रश्न-पत्र : समाजशास्त्र का परिचय

    इकाई I : समाजशास्त्र का परिचय

    1. समाजशास्त्र का अर्थ, अध्ययन-क्षेत्र, विषय-वस्तु एवं महत्व
    2. समाजशास्त्र की प्रकृति: वैज्ञानिक एवं मानविकी उन्मुखन
    3. मौलिक अवधारणाएं: समाज
    4. समुदाय, समिति एवं संस्था
    5. सामाजिक समूह
    6. प्रस्थिति एवं भूमिका

    इकाई-II सामाजिक संस्थाएं

    1. विवाह
    2. परिवार तथा नातेदारी
    3. संस्कृति तथा समाज
    4. समाजीकरण
    5. व्यक्ति एवं समाज
    6. सामाजिक नियन्त्रण
    7. मूल्य एवं आदर्श नियम

    इकाई III : सामाजिक स्तरीकरण तथा गतिशीलता

    1. सामाजिक स्तरीकरण
    2. सामाजिक गतिशीलता: अर्थ, स्वरूप एवं सिद्धान्त

    इकाई IV : सामाजिक परिवर्तन

    1. सामाजिक परिवर्तन: अर्थ, प्रतिमान तथा प्रकार
    2. सामाजिक परिवर्तन के कारक
    3. उद्विकास एवं प्रगति

    इकाई V : सामाजिक व्यवस्था एवं प्रक्रियाएं

    1. सामाजिक व्यवस्था
    2. सामाजिक प्रक्रियाएं: अर्थ, तत्व तथा प्रकार

    द्वितीय प्रश्न-पत्र : समकालीन भारतीय समाज

    इकाई I : भारतीय समाज के बारे में शास्त्रीय दृष्टि

    1. भारतीय समाज के बारे में शास्त्रीय दृष्टि
    2. वर्ण-व्यवस्था
    3. आश्रम-व्यवस्था
    4. कर्म का सिद्धान्त
    5. धर्म
    6. पुरुषार्थ

    इकाई II : भारतीय समाज की संरचना एवं संयोजन

    1. भारतीय समाज की संरचना: ग्राम, कस्बे तथा नगर
    2. ग्रामीण-नगरीय सम्बन्ध
    3. भारतीय समाज का संयोजन: जनजातियां
    4. दलित जातियां
    5. भारतीय समाज में स्त्रियां
    6. भारत में अल्पसंख्यक

    इकाई III : भारतीय समाज की आधार संस्थाएं

    1. जाति व्यवस्था
    2. संयुक्त परिवार
    3. विवाह तथा परिवर्तनशील आयाम

    इकाई IV : पारिवारिक समस्याएं

    1. दहेज
    2. घरेलू हिंसा
    3. विवाह-विच्छेद
    4. अन्तः एवं अन्तर-पीढ़ी संघर्ष
    5. वृद्धजनों की समस्या

    इकाई V : समाजिक समस्याएं

    1. नियुक्त मातृत्व की समस्या
    2. अविवाहित दाम्पत्य सम्बन्ध
    3. क्षेत्रवाद एवं साम्प्रदायिकता
    4. भ्रष्टाचार
    5. युवा असन्तोष

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    समाजशास्त्र (Sociology) https://sahityabhawanpublications.com/product/sociology-hindi-book-ba-3-kunainital/ https://sahityabhawanpublications.com/product/sociology-hindi-book-ba-3-kunainital/#comments Sat, 06 Apr 2019 12:23:33 +0000 https://sahityabhawanpublications.com/?post_type=product&p=7412 For B.A. (Hons.) Semester V of Kumaun University

    • Paper I: संस्थापित समाजशास्त्रीय चिन्तन (Classical Sociological Thoughts)
    • Paper II: ग्रामीण समाजशास्त्र (Rural Sociology)

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    यह समाजशास्त्र Sociology पुस्तक कुमाऊं विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित बी. ए. तृतीय वर्ष, समाजशास्त्र के पांचवें सेमेस्टर के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम पर आधारित है।

    पुस्तक की सम्पूर्ण विषय-वस्तु दो मुख्य भागों में विभाजित हैकृप्रथम भाग में प्रथम प्रश्न-पत्र के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम से सम्बन्धित ‘संस्थापित समाजशास्त्रीय चिन्तन’ की विवेचना की गई है। इसके अन्तर्गत सर्वप्रथम समाजशास्त्रीय चिन्तन के विकास से सम्बन्धित विभिन्न दशाओं का उल्लेख करते हुए यह स्पष्ट किया गया है कि भारत तथा यूरोप का दार्शनिक चिन्तन किस तरह समाजशास्त्रीय चिन्तन के रूप में परिवर्तित हुआ। इसके पश्चात् आगस्त कॉम्ट, इमाइल दरखाइम, कार्ल मार्क्स तथा मैक्स वेबर जैसे उन विचारकों के चिन्तन का विश्लेषण किया गया है, जिन्हें समाजशास्त्रीय चिन्तन के इतिहास के संस्थापकों के रूप में मान्यता दी जाती है।

    पुस्तक का दूसरा खण्ड पाठ्यक्रम के द्वितीय प्रश्न-पत्र ‘ग्रामीण समाजशास्त्र’ से सम्बन्धित विभिन्न विषयों की एक सरल और प्रामाणिक व्याख्या है। इसके अन्तर्गत ग्रामीण समाजशास्त्र की उत्पत्ति और विकास को स्पष्ट करने के साथ ग्रामीण सामाजिक संरचना तथा परिवर्तन की मुख्य प्रक्रियाओं की विवेचना की गई है। इसके साथ ही ग्रामीण समाज में होने वाले नियोजित परिवर्तन के रूप में पंचायती राज व्यवस्था की वर्तमान संरचना, सामुदायिक विकास कार्यक्रम तथा ग्रामीण पुनर्निर्माण से सम्बन्धित उन विकास कार्यक्रमों से विद्यार्थियों को परिचित कराया गया है, जो ग्रामीण भारत के बदलते हुए रूप को समझने के लिए आवश्यक है। पुस्तक में वर्ष 2016 तक लागू विभिन्न विकास कार्यक्रमों का उल्लेख किया गया है।

    समाजशास्त्र Sociology Syllabus For B.A. (Hons.) Semester V of Kumaun University 

    Paper I: Clasical Sociological Thoughts

    Unit I Development of Sociological Thought; Transition from Social Philosophy to Sociology.

    Unit II Auguste Comte: Hierarchy of Sciences, Positivism.

    Unit III Emile Durkheim: Social Fact, Suicide, Social Solidarity.

    Unit IV Karl Marx: Class Conflict, Dialectical Materialism, Historical Materialism.

    Unit V Max Weber: Social Action, Authority, Protestant Ethic and the Spirit of Capitalism.

    Paper II: Rural Sociology

    Unit I Rural Sociology: Meaning, Origin and Development, Scope and Subject Matter. Need for Development of Rural Society in India.

    Unit II Rural and Urban Community: Concept and Distinctive Features. Rural Habitation and Settlement. Rural-Urban Distinction and Continuum.

    Unit III Rural Dynamics: Process of Change in Rural Society – Little Tradition, Great Tradition, Universalization, and Parochialization.

    Unit IV Rural Power Structure: Traditional Power Structure in Rural India – Bases, Feature, and Changing Pattern. Rural Leadership – Meaning, Features, Traditional Bases and Changing Patterns.

    Unit V Planned Change in Rural Society – Panchayati Raj System and Democratic Decentralization. Community Development Programmes and Programmes for Rural reconstruction (with special reference to IRDP, Five year plans and MNREGA).

    समाजशास्त्र Sociology Book विषय-सूची

    प्रथम प्रश्न-पत्र: संस्थापित समाजशास्त्रीय चिन्तन

    1. समाजशास्त्रीय चिन्तन का विकास: सामाजिक दर्शन से समाजशास्त्र की ओर संक्रमण
    2. आगस्त कॉम्ट: विज्ञानों का संस्तरण एवं प्रत्यक्षवाद
    3. इमाइल दरखाइम: सामाजिक तथ्य, आत्महत्या, सामाजिक एकता
    4. कार्ल मार्क्स: द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद, ऐतिहासिक भौतिकवाद, वर्ग-संघर्ष
    5. मैक्स वेबर: सामाजिक क्रिया, सत्ता, प्रोटेस्टेण्ट आचार एवं पूंजीवाद का सार

    द्वितीय प्रश्न-पत्र: ग्रामीण समाजशास्त्र

    1. ग्रामीण समाजशास्त्र: अर्थ, उत्पत्ति, विकास, अध्ययन-क्षेत्र एवं विषय-वस्तु
    2. भारत में ग्रामीण समाज के विकास की आवश्यकता
    3. ग्रामीण तथा नगरीय समुदाय: अवधारणा एवं विशेषताएं
    4. ग्रामीण-नगरीय भिन्नता एवं सातत्य
    5. ग्रामीण निवास तथा बसाहट
    6. ग्रामीण समाज में परिवर्तन की प्रक्रियाएं
    7. लघु एवं वृहत् परम्परा: स्थानीकरण एवं सार्वभौमीकरण
    8. ग्रामीण शक्ति-संरचना: परम्परागत शक्ति-संरचना की प्रकृति एवं बदलते प्रतिमान
    9. ग्रामीण नेतृत्व: अर्थ, विशेषताएं, परम्परागत आधार एवं परिवर्तनशील प्रतिमान
    10. ग्रामीण समाज में नियोजित परिवर्तन : पंचायती राज व्यवस्था
    11. सामुदायिक विकास कार्यक्रम
    12. ग्रामीण पुनर्निर्माण के कार्यक्रम

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  • For B.A Semester II of Lucknow University
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    समाजशास्त्र Sociology Book का यह नवीन संस्करण लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा बी. ए. प्रथम वर्ष के द्वितीय सेमेस्टर हेतु निर्धारित पाठ्यक्रम पर आधारित है। पाठ्यक्रम के अनुसार पुस्तक दो मुख्य खण्डों में विभाजित है। तृतीय प्रश्न-पत्र समाजशास्त्र की मूल अवधारणाओं से सम्बन्धित है, जबकि चतुर्थ प्रश्न-पत्र में भारतीय समाज से सम्बन्धित कुछ प्रमुख मुद्दों और समस्याओं का समाजशास्त्रीय विश्लेषण किया गया है। प्रथम तथा द्वितीय दोनों खण्ड चार-चार इकाइयों में विभाजित हैं, जिससे एक व्यवस्थित क्रम में समाजशास्त्र से सम्बन्धित मूल अवधारणाओं तथा भारतीय समाज में व्याप्त उन प्रमुख समस्याओं को समझा जा सके, जिनका सम्बन्ध क्षेत्रीय विभिन्नताओं, जनजातीय समुदायों तथा ग्रामीण और नगरीय समाजों की वर्ग-संरचना से है। द्वितीय खण्ड में दलित जातियों, अन्य पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों तथा स्त्रियों से सम्बन्धित उन दशाओं का भी विश्लेषण किया गया है, जिनका सम्बन्ध बहिष्कार तथा समावेशन से है।
    पाठ्यक्रम से सम्बन्धित अधिकांश विषयों के अध्ययन का क्षेत्र इतना व्यापक है कि एक पाठ्य-पुस्तक की सीमाओं के अन्तर्गत सभी सम्बन्धित पक्षों की विवेचना कर सकना कठिन है। इस दशा में विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों से सम्बन्धित केवल उन्हीं पक्षों से अवगत कराने का प्रयत्न किया गया है, जो विषय को समझने के लिए अधिक महत्वपूर्ण हैं। विभिन्न अध्यायों की विषय-वस्तु में इस तरह संशोधन किया गया है, जिससे समाजशास्त्र के आरम्भिक विद्यार्थी विषय की भावना के अनुसार उनके समाजशास्त्रीय पक्ष को सरलता से समझ सकें।
    इस संस्करण में प्रत्येक अध्याय में पर्याप्त वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का समावेश किया गया है। साधारणतया वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का निर्माण केवल एक औपचारिकता के रूप में कर दिया जाता है। लेखक का यह प्रयत्न रहा है कि सभी वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के विकल्प इस तरह निर्धारित किए जाएं, जिससे विषय को समझकर ही सही विकल्प का चयन किया जा सके। प्रश्नों के संयोजन में यह ध्यान रखा गया है कि प्रश्न परीक्षा के दृष्टिकोण से उपयोगी होने के साथ ही विद्यार्थियों को विभिन्न अवधारणाओं तथा समस्याओं की प्रकृति को समझने में सहायक हो सकें। प्रतियोगी परीक्षाओं में वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के जिन मुख्य प्रकारों का उपयोग किया जाता है, उन पर भी प्रश्नों के निर्माण में विशेष ध्यान रखा गया है।

    समाजशास्त्र Sociology Book विषय-सूची

    तृतीय प्रश्न-पत्र : समाजशास्त्र में मूल अवधारणाएं

    1. सामाजिक क्रिया तथा सामाजिक सम्बन्ध
    2. प्रस्थिति एवं भूमिका
    3. सामाजिक संरचना
    4. सामाजिक संगठन एवं सामाजिक व्यवस्था
    5. सामाजिक प्रतिमान (जनरीतियां व लोकाचार), शास्तियां एवं मूल्य
    6. सामाजिक-सांस्कृतिक प्रक्रियाएं : सहयोग, प्रतिस्पर्द्धा, संघर्ष, परसंस्कृति-ग्रहण, सात्मीकरण एवं एकीकरण
    7. सामाजिक नियन्त्रण
    8. समाजीकरण
    9. सामाजिक स्तरीकरण : अर्थ, आधार एवं स्वरूप
    10. सामाजिक गतिशीलता : अर्थ, प्रकृति एवं प्रकार
    11. सामाजिक परिवर्तन : अर्थ, प्रकार एवं कारक
    12. सामाजिक आन्दोलन : अर्थ एवं प्रकार

    चतुर्थ प्रश्न-पत्र : भारतीय समाज : मुद्दे और समस्याएं

    13. भारतीय समाज में विविधता एवं एकता
    14. क्षेत्रीय विविधताएं : स्वायत्तता, पहचान तथा एकीकरण के मुद्दे
    15. भारत में जनजातीय समुदाय : भौगोलिक वितरण, पिछड़ापन, आत्मसातकरण एकीकरण एवं दृढ़ीकरण के सन्दर्भ में
    16. भारत में जातिवाद तथा जाति की राजनीति
    17. साम्प्रदायिकता एवं भारत में साम्प्रदायिकता की राजनीति
    18.भारत में सामाजिक वर्ग : खेतीहर-ग्रामीण, औद्योगिक-नगरीय एवं मध्यम वर्ग
    19. बहिष्कार बनाम समावेशन : दलित तथा पिछड़े वर्ग
    20. भारत में अल्पसंख्यक एवं स्त्रियां

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    समाजशास्त्र (Sociology) https://sahityabhawanpublications.com/product/sociology-book-mp-ba-2/ https://sahityabhawanpublications.com/product/sociology-book-mp-ba-2/#respond Mon, 15 Oct 2018 10:01:55 +0000 http://sahityabhawanpublications.com/?post_type=product&p=6284
  • For B.A Sociology II Year as per Syllabus of Awadhesh Pratap Singh University Rewa (APSU), Barkatullah University Bhopal, Rani Durgavati Vishwavidyalaya Jabalpur (RDVV), Vikram University Ujjain, Dr. Harisingh Gour University Sagar (DHGU)
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    समाजशास्त्र Sociology Book मध्य प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में बी. ए. द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों के लिए निर्धारित वार्षिक पद्धति के अनुसार नए पाठ्यक्रम पर आधारित है। पुस्तक में प्रथम तथा द्वितीय दोनों प्रश्न-पत्रों से सम्बन्धित सभी विषयों को इस तरह प्रस्तुत किया गया है, जिससे सभी विद्यार्थी एक व्यवस्थित क्रम में उन्हें सरलता के साथ समझ सकें।

    पाठ्यक्रम से सम्बन्धित द्वितीय प्रश्न-पत्र ‘ग्रामीण, नगरीय एवं जनजातीय समाज’ को समझने से सम्बन्धित है। पाठ्यक्रम में निर्धारित विषयों के अनुसार अध्याय 1 से 8 तक में ग्रामीण समाज से सम्बन्धित विभिन्न विषयों की विवेचना की गई है। अध्याय 9 से अध्याय 15 तक में नगरीय समाज तथा उससे सम्बन्धित प्रमुख समस्याओं का उल्लेख किया गया है। नगरीय समस्याओं के अन्तर्गत पर्यावरण प्रदूषण को स्पष्ट करने के लिए विद्यार्थियों को उन दशाओं से परिचित कराया गया है, जो आज वैश्विक उष्णता के रूप में सभी देशों के जनजीवन को प्रभावित कर रही हैं। अध्याय 16 से अध्याय 18 तक की विषय-वस्तु जनजातीय समाज के परिचय, विभिन्न समस्याओं तथा मध्य प्रदेश की कुछ प्रमुख जनजातियां की जीवन-शैली से सम्बन्धित है। जनजातीय जीवन से सम्बन्धित प्रामाणिक विशेषताओं के साथ नवीनतम तथ्यों से भी विद्यार्थियों को अवगत कराने का प्रयत्न किया गया है।

    पुस्तक के संशोधित संस्करण में सत्र 2020-21 से प्रभावी नवीन पाठ्यक्रमानुसार निम्नलिखित अध्यायों को सम्मिलित किया गया हैः
    • दास, सामन्ती तथा औद्योगिक/पूंजीवादी समाज में कार्य का सामाजिक संगठन
    • सामाजिक विधान
    • पंचायती राज एवं सत्ता का विकेन्द्रीकरण
    • भ्रष्टाचार एवं इसका निवारण
    • जनजातियों का भौगोलिक वितरण, विकास एवं कल्याणकारी कार्यक्रम
    पुस्तक में प्रत्येक विषय की विवेचना की भाषा और प्रस्तुतिकरण की सरलता इसकी मुख्य विशेषता है। प्रत्येक अध्याय के अन्त में वर्णनात्मक, लघु उत्तरीय तथा वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का संयोजन इस तरह किया गया है जिससे उनकी सहायता से विद्यार्थी विभिन्न विषयों की प्रकृति को सरलता से समझ सकें।

    समाजशास्त्र Sociology Book विषय-सूची

    प्रथम प्रश्न-पत्र : सामाजिक प्रक्रियाएं एवं परिवर्तन

    1. सामाजिक संरचना तथा प्रकार्य : अवधारणा एवं विशेषताएं
    2. सामाजिक संरचना एवं प्रकार्य पर रेडक्लिफ ब्राउन तथा टी. पारसन्स के विचार
    3. सामाजिक संगठन : अवधारणा एवं विशेषताएं
    4. सामाजिक संगठन की प्रक्रियाएं
    5. सामाजिक विघटन की अवधारणा तथा विशेषताएं
    6. सामाजिक विघटन की प्रक्रियाएं : प्रतिस्पर्द्धा, संघर्ष, विचलित व्यवहार तथा युद्ध
    7. सामाजिक विधान
    8. भारतीय संविधान एवं अपराधिक कानूनों के अन्तर्गत महिला सुरक्षा
    9. सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रियाएं : सामाजिक आन्दोलन एवं नियोजन
    10. नगरीकरण, औद्योगीकरण तथा आधुनिकीकरण

    द्वितीय प्रश्न-पत्र : ग्रामीण, नगरीय एवं जनजातीय समाज

    1. ग्रामीण एवं कृषक समाज की विशेषताएं
    2. ग्रामीण परिवार, जाति एवं व्यवसाय
    3. ग्रामीण जजमानी व्यवस्था
    4. ग्रामीण नेतृत्व एवं गुटबन्दी
    5. कृषक तनाव
    6. सहकारिता
    7. ग्रामीण महिलाओं की परिवर्तनशील प्रस्थिति
    8. ग्रामीण प्रवास
    9. नगरीय समाज एवं सामाजिक विघटन : अर्थ, लक्षण एवं कारण
    10. नगरीय आवास एवं गन्दी बस्तियां
    11. अपराध तथा बाल-अपराध
    12. मद्यपान तथा मादक द्रव्य-व्यसन
    13. निर्धनता एवं बेरोजगारी
    14. पर्यावरण प्रदूषण
    15. समाज पर सूचना प्रौद्योगिकी का प्रभाव
    16. जनजाति : अर्थ, विशेषताएं एवं जनांकिकी
    17. जनजातीय समस्याएं : ऋणग्रस्तता एवं भूमि-पृथक्करण
    18. गोंड, भील, भिलाला एवं कोरकू जनजातियों की जीवन-शैली

    परिशिष्ट

    प्रथम प्रश्न-पत्र :

    1. दास, सामन्ती तथा औद्योगिक/पूंजीवादी समाज में कार्य का सामाजिक संगठन
    2. सामाजिक विधान

    द्वितीय प्रश्न-पत्र :

    1. पंचायती राज एवं सत्ता का विकेन्द्रीकरण
    2. भ्रष्टाचार एवं इसका निवारण
    3. जनजातियों का भौगोलिक वितरण, विकास एवं कल्याणकारी कार्यक्रम

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    समाजशास्त्र (Sociology) https://sahityabhawanpublications.com/product/sociology-30/ https://sahityabhawanpublications.com/product/sociology-30/#respond Mon, 23 Oct 2017 02:58:37 +0000 http://sahityabhawanpublications.com/?post_type=product&p=2234 जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर बी. ए. (द्वितीय वर्ष) हेतु
    Paper I : सामाजिक मानवशास्त्र
    Paper II : सामाजिक समस्याएं

    Most Up-to-Date Thoroughly Revised Edition including 2011 Census

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    समाजशास्त्र (Sociology) पुस्तक के इस संशोधित संस्करण में नवीनतम सामग्री का समावेश किया गया है जैसे भ्रष्टाचार के अध्याय मे जनवरी 2020 में प्रकाशित रिपोर्ट को सम्मिलित किया गया है

    प्रस्तुत समाजशास्त्र (Sociology) पुस्तक के पूर्णतः परिशोधित एवं परिवर्द्धित रूप में प्रस्तुत करते हुए हमें हर्ष का अनुभव हो रहा है। पुस्तक जय नरायन व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के बी. ए. समाजशास्त्र द्वितीय वर्ष के प्रथम एवं द्वितीय प्रश्न दोनों प्रश्न-पत्रों हेतु निर्धारित पाठ्यक्रमानुसार तैयार की गई है। पुस्तक में भाषा-शैली तथा विषय की स्पष्ट अभिव्यक्ति को प्रमुखतः प्रधानता दी गई है। साथ ही विषय से सम्बन्धित उपलब्ध नवीनतम् प्रामाणिक सूचनाओं को पुस्तक में स्थान देने का पूर्ण प्रयास किया गया है। पुस्तक में जनगणना 2011 से सम्बन्धित आंकड़ों का यथास्थान समावेश किया गया है।

    समाजशास्त्र (Sociology) Book Syllabus For Jai Narain Vyas University Jodhpur (JNVU)

    प्रथम प्रश्न-पत्र: सामाजिक मानवशास्त्र

    इकाई-1: मानवशास्त्र: परिभाषा व विषय क्षेत्र, मानव की प्रजातियां, भारतीय जनसंख्या के प्रजातीय तत्व।

    इकाई-2: संस्कृति का संबोध, उद्विकासवाद, प्रसारवाद व प्रकार्यवाद।

    इकाई-3: जनजातीय भारत-राजस्थान के विशेष सन्दर्भ में: जनसंख्यात्मक पृष्ठभूमि, परिवार, विवाह, स्वजन व्यवस्था, महिलाओं की प्रस्थिति।

    इकाई-4: अर्थव्यवस्था, धर्म, जादू, पौराणिकी (माइथोलोजी) और जनजातीय कानून।

    इकाई-5: भारतीय जनजातियों की समस्याएं, जनजातीय आन्दोलन (विशेषताएं एवं मुख्य मुद्दे) जनजातीय कल्याण एवं जनजातीय एकता।

    द्वितीय प्रश्न-पत्र: सामाजिक समस्याएं

    इकाई-1: सामाजिक समस्या, सामाजिक संगठन और सामाजिक विघटन की अवधारणा, सामाजिक विघटन तथा सामाजिक समस्या के कारण।

    इकाई-2: भारतीय जनसंख्या के विशेष सन्दर्भ में सामाजिक समस्याएं: निरक्षरता, विवाह एवं परिवार की समस्याएंकृबाल-विवाह, दहेज एवं विवाह-विच्छेद।

    इकाई-3: अपराध, बाल-अपराध, महिलाओं के विरुद्ध अपराध, वेश्यावृत्ति।

    इकाई-4: मद्यपान, मादक द्रव्य व्यसन, छात्र असन्तोष एवं हिंसा, आतंकवाद।

    इकाई-5: जनसंख्या समस्या, गरीबी, बेकारी, भिक्षावृत्ति एवं भ्रष्टाचार।

    समाजशास्त्र (Sociology) विषय-सूची

    प्रथम प्रश्न-पत्र: सामाजिक मानवशास्त्र

    1. सामाजिक मानवशास्त्र की परिभाषा एवं विषय क्षेत्र
    2. मानव की प्रजातियां, भारतीय जनसंख्या में प्रजातियां तत्व
    3. संस्कृति का संबोध: उद्विकासवाद, प्रसारवाद व प्रकार्यवाद
    4. जनजातीय भारत
    5. जनजातीय भारत: राजस्थान के विशेष संदर्भ में
    6. परिवार
    7. विवाह
    8. नातेदारी
    9. जनजातीय महिलाओं की प्रस्थिति
    10. अर्थ-व्यवस्था
    11. धर्म एवं जादू
    12. पौराणिकी (पौराणिक गाथाएं)
    13. जनजातीय कानून
    14. भारतीय जनजातियों की समस्याएं
    15. जनजातीय आन्दोलन: विशेषताएं एवं मुख्य मुद्दे
    16. जनजातीय कल्याण
    17. जनजातीय एकीकरण

    द्वितीय प्रश्न-पत्र: सामाजिक समस्याएं

    1. सामाजिक समस्या की अवधारणा एवं कारण
    2. सामाजिक संगठन एवं विघटन की अवधारणा: कारण
    3. निरक्षरता (अशिक्षा)
    4. विवाह एवं परिवार की समस्याएं: बाल-विवाह, दहेज एवं विवाह-विच्छेद
    5. अपराध
    6. बाल-अपराध
    7. महिलाओं के विरुद्ध अपराध
    8. वेश्यावृत्ति
    9. मद्यपान तथा मादक-द्रव्य व्यसन
    10. छात्र असन्तोष एवं हिंसा
    11. आतंकवाद
    12. जनसंख्या समस्या
    13. गरीबी (निर्धनता)
    14. बेकारी
    15. भिक्षावृत्ति
    16. भ्रष्टाचार

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  • Paper I: समाजशास्त्र का परिचय (Introduction to Sociology)
  • Paper-II: भारत में समाज: संरचना तथा परिरवर्तन (Society in India: Structure and Change)
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    पुस्तक के प्रथम खण्ड में प्रथम प्रश्न-पत्र समाजशास्त्र का परिचय का पाठ्यक्रम के शीर्षकों के अनुरूप पाठ्य-सामग्री को प्रस्तुत किया गया है। पुस्तक के द्वितीय खण्ड में द्वितीय प्रश्न-पत्र भारत में समाज: संरचना एवं परिवर्तन से सम्बन्धित पाठ्य-सामग्री प्रस्तुत की गई है। पुस्तक में महत्वपूर्ण सामाजिक अवधारणाओं को बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत किया गया है, जिससे विद्यार्थी उन्हें सरलता से समझ सकें।

    जनांकिकीय से सम्बन्धित अध्यायों में जनगणना 2011 के अन्तिम आंकड़ों का समावेश किया गया है, जो इस संशोधित संस्करण की मुख्य विशेषता है।

    समाजशास्त्र Sociology Syllabus

    Paper First : Introduction to Sociology

    Unit 1 The nature of Sociology – The meaning of Sociology: Origin, Definition, Scope, Subject matter, Nature and relation of Sociology with other social Sciences.

    Unit 2 Basic concepts – Society, Community, Institution, Association, Group, Social structure, Status and Role, Function and Dysfunction.

    Unit 3 Institutions – Family and Kinship, Religion, Education.

    Unit 4 The individual and Society – Culture, Socialization, Relation between individual and Society.

    Unit 5 The use of Sociology – Introduction to applied Sociology – Sociology and social problems. Environment Society – Impact of Industrialization and Urbanization.

    Paper Second: Society in India: Structure and Change

    Unit 1 Basic structure of Indian society – Purusharth Ashram, Dharma, Varna.

    Unit 2 Composition of Indian Society – Villages, Cities, weaker section, Dalits, O.B.C.’s women, minorities and tribes.

    Unit 3 Basic Institutions of Indian Society – Caste, Marriage, Religion and Joint family.

    Unit 4 Culture – Material and Non-material culture, cultural lag. Changes in Indian Society, factors affecting National integration.

    Unit 5 Culture Diversity – Diversities in respect of language, caste, regional and beliefs.

    समाजशास्त्र Sociology Book विषय-सूची

    प्रथम प्रश्न-पत्र: समाजशास्त्र का परिचय

    1. समाजशास्त्र का अर्थ, परिभाषा, क्षेत्र एवं विषय-वस्तु
    2. समाजशास्त्र की प्रकृति
    3. समाजशास्त्र का उद्भव
    4. समाजशास्त्र का अन्य सामाजिक विज्ञानों से सम्बन्ध
    5. आधारभूत अवधारणाएं: समाज
    6. समुदाय, समिति एवं संस्था
    7. समूह
    8. सामाजिक संरचना
    9. प्रस्थिति तथा भूमिका
    10. प्रकार्य एवं अप्रकार्य
    11. संस्थाएं: परिवार
    12. नातेदारी
    13. धर्म, शिक्षा एवं राज्य
    14. व्यक्ति एवं समाज में सम्बन्ध
    15. संस्कृति
    16. समाजीकरण
    17. व्यावहारिक समाजशास्त्र
    18. समाजशास्त्र तथा सामाजिक समस्याएं
    19. पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण: प्रदूषण
    20. औद्योगीकरण तथा नगरीकरण का पर्यावरण पर प्रभाव

    द्वितीय प्रश्न-पत्र : भारत में समाज: संरचना तथा परिवर्तन

    1. भारतीय समाज की संरचना एवं बनावट
    2. पुरुषार्थ
    3. आश्रम
    4. धर्म
    5. वर्ण
    6. संरचना: गांव एवं कस्बे
    7. नगर: ग्रामीण-नगरीय अनुबन्ध
    8. जनजातियां
    9. कमजोर वर्ग: दलित
    10. अन्य पिछड़े वर्ग
    11. महिलाएं
    12. अल्पसंख्यक
    13. सांस्कृतिक एवं संजातीय विविधताएंय भाषा संबंधी तथा जातीय भिन्नताएं
    14. धार्मिक विश्वास एवं व्यवहार तथा सांस्कृतिक प्रतिमान सम्बन्धी विविधताएं: क्षेत्रीय भिन्नताएं
    15. भारतीय समाज की मौलिक संस्थाएं: जाति
    16. विवाह
    17. संयुक्त परिवार
    18. संस्कृति: भौतिक तथा अभौतिक संस्कृति, सांस्कृतिक विलम्बना
    19. भारतीय समाज में परिवर्तन
    20. राष्ट्रीय एकीकरण को प्रभावित करने वाले कारक

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    समाजशास्त्र (Sociology) https://sahityabhawanpublications.com/product/sociology-hindi-book-up-ba-1/ https://sahityabhawanpublications.com/product/sociology-hindi-book-up-ba-1/#comments Mon, 16 Oct 2017 06:59:19 +0000 http://sahityabhawanpublications.com/?post_type=product&p=1538 For B.A Ist Year of Kumaun University

    • Part I: समाजशास्त्र का परिचय
    • Part II: भारत में समाज: संरचना तथा परिवर्तन

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    समाजशास्त्र Sociology Book For B.A. I Year of Kumaun University के विद्यार्थियों के लिए निर्धारित पाठ्यक्रमानुसार प्रकाशित की गई है।

    पुस्तक के प्रथम खण्ड में प्रथम प्रश्न-पत्र समाजशास्त्र का परिचय का पाठ्यक्रम के शीर्षकों के अनुरूप पाठ्य सामग्री को प्रस्तुत किया गया है। पुस्तक के द्वितीय खण्ड में द्वितीय प्रश्न-पत्र भारत में समाज : सरंचना एवं परिवर्तन से सम्बन्धित पाठ्य सामग्री प्रस्तुत की गई है। पुस्तक में महत्वपूर्ण सामाजिक अवधारणाओं को बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत किया गया है। जिससे विद्यार्थी उन्हें सरलता से समझ सकें।

    जनांकिकीय से सम्बन्धित अध्यायों में जनगणना 2011 के अन्तिम आंकड़ों का समावेश किया गया है जो इस संशोधित संस्करण की मुख्य विशेषता है।

    समाजशास्त्र Sociology Syllabus For B.A. I Year of Kumaun University

    Paper First: Introduction to Sociology

    Unit 1: The nature of Sociology The meaning of Sociology: Origin, Definition, Scope, Subject matter, Nature and relation of sociology with other social sciences. Humanistic orientation to Sociological study.

    Unit 2: Basic concepts Society, Community, Institution, Association, Group, Social structure, Status and Role, Human and Animal Society.

    Unit 3: Institutions. Family and Kinship, Religion, Education, State.

    Unit 4: The Individual and Society. Culture, Socialization, Relation between individual and Society.

    Unit 5: The use of Sociology. Introduction to applied Sociology – Sociology and social problems, Ecology and Environment: Pollution, Global warming, and the Greenhouse effect. Impact of Industrialization and Urbanization on Environment.

    Paper Second: Society in India: Structure and Change

    Unit 1: The structure and composition of Indian Society: Villages, Towns, Cities, Rural-Urban linkages, Tribes, Weaker section, Dalits and O.B.C.’s, Women and Minorities population profile and related issues.

    Unit 2: Cultural and ethnic diversity, Diversities in respect of language, caste, regional and religious beliefs, and practices and cultural pattern.

    Unit 3: Basic Institutions of Indian Society: Caste, Marriage, Religion, Class, Joint family and Democracy.

    Unit 4: Culture: Material and Non-material culture, cultural lag. Changes and transformation in Indian Society, factors affecting National integration: Regionalism, Communalism and Naxalism.

    समाजशास्त्र Sociology Book विषय-सूची

    प्रथम प्रश्न-पत्र : समाजशास्त्र का परिचय

    1. समाजशास्त्र का अर्थ, परिभाषा, क्षेत्र एवं विषय-वस्तु
    2. समाजशास्त्र की प्रकृति
    3. समाजशास्त्र का उद्भव
    4. समाजशास्त्र का अन्य सामाजिक विज्ञानों से सम्बन्ध
    5. समाजशास्त्रीय अध्ययन का मानविकी अभिमुखन
    6. आधारभूत अवधारणाएं: समाज
    7. समुदाय, समिति एवं संस्था
    8. समूह
    9. सामाजिक संरचना
    10. प्रस्थिति तथा भूमिका
    11. मानव एवं पशु समाज
    12. संस्थाएं: परिवार
    13. नातेदारी
    14. धर्म, शिक्षा एवं राज्य
    15. व्यक्ति एवं समाज में सम्बन्ध
    16. संस्कृति
    17. समाजीकरण
    18. व्यावहारिक समाजशास्त्र
    19. समाजशास्त्र के उपयोग
    20. पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण: प्रदूषण
    21. भू-मण्डल में ताप वृद्धि तथा ग्रीन हाउस प्रभाव
    22. औद्योगीकरण तथा नगरीकरण का पर्यावरण पर प्रभाव

    द्वितीय प्रश्न-पत्र :भारत में समाज: संरचना तथा परिवर्तन

    1. भारतीय समाज की संरचना एवं बनावट
    2. संरचना: गांव एवं कस्बे
    3. नगर: ग्रामीण-नगरीय अनुबन्ध
    4. जनजातियां
    5. कमजोर वर्ग: दलित
    6. अन्य पिछडे़ वर्ग
    7. महिलाएं
    8. अल्पसंख्यक
    9. जनसंख्या संरचना तथा संबंधित मुद्दे
    10. सांस्कृतिक एवं संजातीय विविधताएं; भाषा संबंधी तथा जातीय भिन्नताएं
    11. धार्मिक विश्वास एवं व्यवहार तथा सांस्कृतिक प्रतिमान सम्बन्धी विविधताएं: क्षेत्रीय भिन्नताएं
    12. भारतीय समाज की मौलिक संस्थाएं: जाति
    13. विवाह
    14. धर्म
    15. वर्ग
    16. संयुक्त परिवार
    17. लोकतन्त्र
    18. संस्कृति: भौतिक तथा अभौतिक संस्कृति, सांस्कृतिक विलम्बना
    19. भारतीय समाज में परिवर्तन एवं रूपान्तरण
    20. राष्ट्रीय एकीकरण को प्रभावित करने वाले कारक: क्षेत्रवाद, साम्प्रदायिकता एवं नक्सलवाद

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