पुस्तक का मुख्य आकर्षण (Main Attraction of the Book) :
- प्रत्येक अध्याय के अन्त में—(i) दीर्घ उत्तरीय (Long Answer), (ii) लघु उत्तरीय (Short Answer), (iii) अति लघु उत्तरीय (Very Short Answer), (iv) क्रियात्मक (Practical) तथा (v) वस्तुनिष्ठ (Objective) प्रश्नों की पर्याप्त संख्या।
- प्रत्येक अध्याय की विषय-सामग्री बोधगम्य, सटीक और नवीन शैली में व्यवस्थित ढंग से मुख्य शीर्षकों और उपशीर्षकों में वर्गीकृत।
- प्रत्येक अध्याय में साधित उदाहरणों ;(Solved Examples) तथा क्रियात्मक प्रश्नों (Practical Questions) का प्रवाह सरलतम से कठिनतम की ओर।
- लेखांकन प्रमाप.10 के अनुसार ख्याति का लेखांकन।
- लेखांकन प्रमाप-3 के अनुसार रोकड़ प्रवाह विवरण का प्रस्तुतीकरण।
- सेबी के निर्देशों के अनुसार अंशों और ऋणपत्रों का लेखांकन।
- कोष आधारित और गैर-कोष आधारित लेखांकन की अवधारणा का समावेश।
- यथास्थान सी.बी.एस.ई., एन.सी.आर.टी. और झारखण्ड एकेडमी काँसिल, राँची के प्रश्नों का समावेश।
- प्रस्तुत पुस्तक की विषय सामग्री में भारतीय कम्पनी अधिनियम, 1956 की संशोधित अनुसूची टप् के परिवर्तनों को व्यावहारिक लेखांकन में भरपूर व्यवहार किया गया। साथ ही प्रावधानों का भी स्पष्टीकरण दिया गया है।
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