- व्यावहारिक मुद्रा एवं बैंकिंग Applied Money & Banking Book का आद्योपान्त संशोधित संस्करण पाठकों के समक्ष प्रस्तुत है।
- पुस्तक के इस संस्करण को विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग, सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका एवं विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय, धनबाद के बी. काॅम. (ऑनर्स) सेमेस्टर-I के पाठ्यक्रमानुसार तैयार किया गया है।
- विभिन्न अध्यायों में नवीनतम सामग्री का समावेश किया गया है। भारत में बैंकिंग क्षेत्र में सुधार अध्याय में भारतीय बैंकिंग की नवीन प्रवृत्तियां शीर्षक के अन्तर्गत ई-बैंकिंग (E-banking) तथा पोस्टल बैंक को सम्मिलित किया गया है। प्रत्येक अध्याय के अन्त में पूर्व की भांति महत्वपूर्ण प्रश्नों के साथ ही उनके उत्तर-संकेत भी दिए गए हैं, जो छात्रों को मार्गदर्शक सिद्ध होंगे।
व्यावहारिक मुद्रा एवं बैंकिंग Applied Money & Banking Book विषय-सूची
- मुद्रा (उद्गम, परिभाषा, कार्य एवं महत्व)
- मुद्रा का वर्गीकरण
- मुद्रा-स्फीति एवं विस्फीति (मुद्रा संकुचन)
- मुद्रा का परिमाण सिद्धान्त
- मुद्रा के मूल्य में परिवर्तन तथा उसका माप: सूचकांक
- मौद्रिक नीति
- भारतीय मौद्रिक बाजार
- मुद्रामान (पत्र मुद्रामान सहित)
- ग्रेशम का नियम
- पत्र-मुद्रा का निर्गमन
- स्वर्णमान
- बैंकिंग: विकास, परिभाषा, कार्य, प्रकार एवं महत्व
- व्यापारिक बैंक
- भारत में बैंकिंग प्रणाली एवं भारत में बैंकों का सामाजिक नियन्त्रण तथा राष्ट्रीयकरण
- भारत में बैंकिंग विधान
- केन्द्रीय बैंक एवं उसके कार्य
- रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया
- बैंकों का निजीकरण
- भारत में बैंकिंग क्षेत्र में सुधार एवं नरसिम्हम समिति प्रतिवेदन
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