अंकेक्षण एवं कम्पनी शासन Auditing & Corporate Governance Book विनोबा भावे एवं गढ़वाल विश्वविद्यालयों के बी. काॅम. (ऑनर्स सेमेस्टर- VI तथा कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा के बी. काॅम. सेमेस्टर- III हेतु नए (CBCS) पाठ्यक्रमानुसार तैयार की गई है।
इस संस्करण में निम्न बातों पर विशेष ध्यान दिया गया है:
- सम्पूर्ण पुस्तक को कम्पनी अधिनियम, 2013 के आधार पर पूर्णतः नए सिरे से तैयार किया गया है।
- पुस्तक की विषय-सामग्री को सरल बनाने का प्रयास किया गया है। साथ ही बी. काॅम. (ऑनर्स) सेमेस्टर-III कक्षाओं हेतु निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुरूप विषय-सामग्री में सुधार एवं वृद्धि कर दी गई है।
- पुस्तक में Corporate Governance पर पाठ्यक्रम के प्रत्येक शीर्षक पर सरल भाषा में विषय सामग्री का समावेश किया गया है।
अंकेक्षण एवं कम्पनी शासन Auditing & Corporate Governance Book विषय-सूची
- अंकेक्षण की उत्पत्ति एवं विकास
- अंकेक्षण का अर्थ, परिभाषा, क्षेत्र एवं सीमाएं
- अंकेक्षण के उद्देश्य एवं लाभ
- अंकेक्षण के प्रकार एवं वर्गीकरण
- अंकेक्षण सिद्धान्त, तकनीक, तैयारी एवं कार्यपद्धति
- आन्तरिक नियन्त्रण एवं आन्तरिक निरीक्षण
- प्रमाणन
- सम्पत्तियों एवं दायित्वों का सत्यापन एवं मूल्यांकन
- ह्रास एवं संचय
- विभाज्य लाभ एवं लाभांश
- अंकेक्षक की नियुक्ति, पारिश्रमिक, योग्यताएं, अधिकार और कर्तव्य
- अंकेक्षक का दायित्व
- अंकेक्षक की रिपोर्ट
- अनुसन्धान
- विभिन्न अंकेक्षण
- कम्पनी अंकेक्षण
- कम्पनी शासन
- कम्पनियों के सामाजिक दायित्व
- नैतिकता व जमीर
- लागत अंकेक्षण
- कर अंकेक्षण
- प्रबन्ध अंकेक्षण
- अंकेक्षण पर मानक
Shiv –
Good