विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मॉडल पाठ्यक्रम को दृष्टि में रखते हुए विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा बी.कॉम. कक्षाओं के लिए पूर्णत : नया पाठ्यक्रम तैयार किया गया है और इस नवीन पाठ्यक्रम में एक नया विषय ‘व्यावसायिक सम्प्रेषण’ अनिवार्य प्रश्न-पत्र के रूप में सम्मिलित किया गया है | यह पुस्तक इस नवीन पाठ्यक्रम के अनुरूप तैयार की गयी है |
- प्रस्तुत पुस्तक में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पूछे गये प्रश्नों को विभिन्न अध्यायों में सम्मिलित किया गया है |
- व्यावसायिक सम्प्रेषण विषय का तीव्र गति से विकास हो रहा है और इस विषय में नवीन प्रवृत्तियां प्रवेश कर रही हैं, जिनका सामान्य परिचय वाणिज्य के विद्यार्थियों को भी प्राप्त होना चाहिए | इस बात को दृष्टि में रखते हुए सभी अध्यायों में नवीन प्रवत्तियों की यथास्थान स्पष्टता और आवश्यक विस्तार के साथ विवेचना की गई है | कुछ विषयों की विवेचना में विशेषकर व्यावसायिक सम्प्रेषण पर रेखाचित्र तथा नवीन सामग्री को सम्मिलित करके विषय को रोचक बनाने का प्रयास किया गया है |
- विद्यार्थी वर्ग की आवश्यकता को दृष्टि में रखते हुए विषय के स्तर को बनाए रखने के साथ-साथ समस्त विषय-सामग्री को एक ही स्थान पर संगृहीत करने का प्रयास किया गया है | पुस्तक में विषय से सम्बन्धित सभी तथ्यों और विचारों को सरल भाषा में रोचक रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है |
- आशा है अपने वर्तमान स्वरूप में यह पुस्तक पाठकों की इस विषय-सम्बन्धी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकेगी | पुस्तक को और अधिक उपयोगी बनने के लिए प्राप्त होने वाले सुझावों का सदैव ही स्वागत किया जाएगा |
विषय-सूची
- व्यावसायिक सम्प्रेषण : एक परिचय (परिभाषा, प्रकृति, उदेश्य, महत्व एवं क्षेत्र)
- व्यावसायिक सम्प्रेषण के रूप एवं वर्गीकरण
- व्यावसायिक सम्प्रेषण : आधारभूत प्रकार एवं मॉडल
- सामूहिक सम्प्रेषण तन्त्र
- प्रभावी सम्प्रेषण के सिद्धान्त
- श्रोता विश्लेषण
- आत्म-विकास एवं सम्प्रेषण
- संचार में राय, अभिवृत्ति (दृष्टिकोण) और विशवास की भूमिका
- सम्प्रेषण श्रंखला : औपचारिक एवं अनौपचारिक (दिशाएं, माप एवं मार्ग)
- सम्प्रेषण की बाधाएं, रुकावटें एवं सुधार
- सामूहिक परिचर्चा एवं सम्मलेन
- साक्षात्कार
- अशाब्दिक सम्प्रेषण : दृश्य, श्रव्य एवं संकेत भाषा
- प्रभावपूर्ण सुनना
- सभा का संचालन
- रिपोर्ट लेखन एवं अध्यक्ष का भाषण
- व्यावसायिक सन्देश की योजना एवं उसे संशोधित करना
- अनुकूल एवं प्रतिकूल संवाद पत्र
- लिखित व्यावसायिक संचार (व्यापारिक पत्र)
- पूछताछ, निर्ख, आदेश एवं पूर्ति सम्बन्धी पत्र
- व्यापारिक सन्दर्भ व् साख एवं विक्रय सम्बन्धी पत्र
- तकादे के पत्र
- परिपत्र अथवा गश्ती पत्र
- नौकरी के लिए आवेदन-पत्र
- शासकीय पत्र
- सामाजिक पत्राचार
- सार्वजनिक प्रस्तुति
- कार्यालय ज्ञापन एवं प्रेस विज्ञप्ति
- भाषण
- सम्प्रेषण माध्यम : शाब्दिक सम्प्रेषण
- अशाब्दिक सम्प्रेषण : समय एवं पाशर्व भाषा
- अशाब्दिक सम्प्रेषण : दैहिक भाषा
- सम्प्रेषण के आधुनिक साधन
- अंतर्सांस्कृतिक सम्प्रेषण
- भूमण्डलीय व्यापार में अन्तराष्ट्रीय संचार
- मतों की परस्पर-निर्भरता का प्रतिरूप
- शक्तियां, कमजोरियां, अवसर, चुनौतियां विश्लेषण
- जीवनवृत्त-सारांश लेखन
- स्वॉट विश्लेषण
- प्रत्यक्षीकरण (धारणा) और वास्तविकता
- गैर संचार रुकावटें एवं व्यावसायिक संचार के शिष्टाचार
- भारतीय संगठन में संचार की विशेषताएं
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