व्यावसायिक पर्यावरण Business Environment Book For:
- B.Com (Hons.) Semester I of Sri Dev Suman Uttarakhand University Tehri Garhwal (SDSUV); B.Com (Hons.) Semester II of Kumaun University (KUNTL) & B.Com (Hons.) I Year of Mahatma Jyotiba Phule Rohilkhand University Bareilly (MJPRU)
- B.Com Semester I of Guru Ghasidas Vishwavidyalaya Bilaspur (GGU), Sri Dev Suman Uttarakhand University Tehri Garhwal (SDSUV); B.Com Semester II of Maharshi Dayanand University Rohtak (MDU) & B.Com Semester VI of Kurukshetra University (KUK)
- B.Com I Year of Kumaun University (KUNTL)
- B.Com II Year of University of Allahabad, Prof. Rajendra Singh Rajju Bhaiya University Prayagraj (PRSU Prayagraj), Pt. Deendayal Upadhyay Gorakhpur University (DDU), Siddharth University Kapilvastu Siddharth Nagar
- M.Com Semester I of Hemvati Nandan Bahuguna Garhwal University (HNBGU), Sri Dev Suman Uttarakhand University Tehri Garhwal (SDSUV), Chaudhary Bansi Lal University Bhiwani (CBLU), Indira Gandhi University Meerpur (IGU), Jamshedpur Women’s College, Kumaun University (KUNTL)
- M.Com Semester II of Chaudhary Ranbir Singh University Jind (CRSU), Ranchi University, Nilamber Pitamber University Daltonganj (NPU) & M.Com Semester III of Kolhan University
- M.Com I Year of Dr Rammanohar Lohia Avadh University Faizabad (RMLAU)
व्यावसायिक पर्यावरण Business Environment में आज के भूमण्डलीकरण तथा उदारीकरण की स्थिति में बड़ी तेजी से केवल परिवर्तन ही नहीं हो रह हैं, अपितु ये परिवर्तन उतनी ही शीघ्रता से पूरे विश्व में फैल भी जाते हैं। इसका उदाहरण है 2007 के मध्य में सृजित वैश्विक वित्तीय संकट जो 2008 में वैश्विक आर्थिक संकट के रूप में विकसित, विकासशील और उदीयमान प्रकार के सभी देशों में फैल गया। कहा जाता हे कि 1930 की महान आर्थिक मन्दी के पश्चात् की यह सबसे बड़ी आर्थिक मन्दी है।
यह संस्करण इसी उद्देश्य को पूरा करता है। भारत 2018, विश्व विकास रिपोर्ट 2017, आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18, जून 2014 में प्रकाशित गरीबी पर सी. रंगराजन समिति की रिपोर्ट के आधार पर लगभग सभी अध्यायों को पूर्णत: संशोधित एवं अद्यतन (uptodate) किया गया है। पुस्तक के संशोधित संस्करण में नीति आयोग द्वारा घोषित त्रिवर्षीय कार्य योजना 2017-18 से 2019-20 को पुस्तक में सम्मिलित किया गया।
इन सबके अतिरिक्त सभी आवश्यक स्थलों पर अद्यतन आंकड़े दिये गये हैं। पुस्तक की मूल विशेषता-विश्लेषण बरकरार है।
व्यावसायिक पर्यावरण Business Environment Book विषय-सूची
- व्यवसाय का अर्थ तथा विशेषताएं
- व्यावसायिक पर्यावरण (वातावरण)
- भारतीय व्यावसायिक पर्यावरण
- आय एवं राष्ट्रीय आय
- बचत एवं निवेश की प्रवृत्तियां
- उद्योग की प्रवृत्तियां
- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार
- भुगतान शेष
- मुद्रा
- वित्त
- कीमत
- भारतीय उद्योगों की संरचना
- सार्वजनिक क्षेत्र एवं निजी क्षेत्र
- नवीन आर्थिक नीति
- भारत में बेरोजगारी की समस्या: स्वरूप, विस्तार एवं रोजगार नीति
- गरीबी की समस्या
- क्षेत्रीय असन्तुलन
- सामाजिक अन्याय
- मुद्रास्फीति
- समानान्तर अर्थव्यवस्था
- औद्योगिक रूग्णता
- मौद्रिक और राजकोषीय नीति
- औद्योगिक नीति एवं लाइसेन्स व्यवस्था
- निजीकरण
- भूमण्डलीकरण
- उदारीकरण
- अवमूल्यन
- निर्यात-आयात नीति
- भारत में विदेशी पूंजी
- भारत में आर्थिक नियोजन: आश्यकता, उद्देश्य एवं व्यूहरचना
- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार परिदृश्य
- विश्व व्यापार एवं विकासशील देशों की समस्याएं
- क्षेत्रीय आर्थिक समूह
- प्रशुल्क एवं व्यापार सम्बन्धी सामान्य समझौता (गैट)
- विश्व व्यापार संगठन
- अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक
- संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन
- विदेशी व्यापार एवं आर्थिक विकास
- प्रति व्यापार, अधिमान की सामान्य व्यवस्था या टारिफ अधिमान की सामान्य व्यवस्था
- पौधा-घर (अथवा हरित गृह) प्रभाव तथा भूमण्डलीय तापन
- विविध: जन वितरण प्रणाली एवं उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986
- भारतीय अर्थव्यवस्था: प्रकृति, संरचना एवं विशेषताएं
- भारतीय योजनाओं में संसाधन संग्रह
- संसाधनों का आबण्टन
- वर्तमान वैश्विक वित्तीय एवं आर्थिक संकट की पृष्ठ भूमि में भारत का मौदूदा व्यावसायिक पर्यावरण
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