प्रस्तुत पुस्तक लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ के बी. कॉम. सेमेस्टर II हेतु नए पाठ्यक्रमानुसार पूर्णतः नये कलेवर में प्रकाशित की गई है |
प्रस्तुत संशोधित संस्करण में विषय सामग्री को सिमित करते हुए ‘गागर में सागर’ भरने का प्रयास किया है | भाषा को अधिक सरल व् रोचक बनाने की भी कोशिश की गई है |
संशोधित संस्करण की कतिपय महत्वपूर्ण विशेषताएं इस प्रकार है :
- पुस्तक के इस संस्करण की अद्वितीय विशेषता यह है की अगस्त 2019 में पारित उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 को पुस्तक में सम्मिलित किया गया है |
- पुस्तक के अन्त में बहुविकल्पीय तथा सत्य/असत्य पर आधारित वस्तुनिष्ठ प्रश्नो (उत्तर सहित) का समावेश किया गया है |
सभी अधिनियमों के नवीनतम संशोधनों को यथास्थान सम्मिलित किया गया है | - विषय को और अधिक प्रभावशाली व् समझने योग्य बनाने के लिए पुस्तक में उच्च न्यायालयों तथा सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों का समावेश किया गया है |
- भाषा तथा शैली में परिवर्तन करके विषय को सरल एवं और अधिक बोधगम्य बनाया गया है |
व्यावसायिक नियमन रूपरेखा (Business Regulatory Framework) Syllabus For B.Com. IInd Semester of Lucknow University.
- Unit I : The Contract Act, 1872. Meaning, characteristics and kinds, essentials of valid contract : offer and acceptance, consideration, contractual capacity, free consent, legality of objects–void agreements.
- Unit II : Contract of Idemnity and Guarantee; contract of Bailment and Pledge; Discharge of contract–modes, breach, remedies; quasi contract.
- Unit III : Contract of Agency, Sales of Goods Act, 1930–Contract of Sale, meaning, difference between sale and agreement to sell, Conditions and warranties, Transfer of ownership in goods including sale by non-agreement, Performance of contract
of sale, Unpaid seller. - Unit IV : The Negotiable Instrument Act, 1881—Definition, features, types of negotiable instruments, promissory note, bill of exchange, cheque, Endorsement and its types, Holder and Holder in due course.
Consumer Protection Act, 1986 : Objectives and its salient provisions.
विषय-सूची
- भारतीय अनुबन्ध अधिनियम, 1872
- वैध अनुबन्ध के आवश्यक लक्ष्ण
- ठहराव
- प्रस्ताव तथा स्वीकृति
- प्रतिफल
- अनुबन्ध करने के योग्य योग्य पक्षकार
- पक्षकारों की स्वतन्त्र सहमति
- स्पष्ट रूप से व्यर्थ घोषित ठहराव
- सांयोगिक अनुबन्ध
- अनुबन्धों की समाप्ति
- गर्भित अथवा अर्द्ध-अनुबन्ध
- अनुबन्ध-भांग के परिणाम
- क्षतिपूर्ति तथा प्रतिभूति के अनुबन्ध
- निक्षेप सम्बन्धी अनुबन्ध
- गिरवी के अनुभन्ध
- एजेन्सी अथवा अभिकरण के अनुबन्ध
- वास्तु-विक्रय अधिनियम, 1930
- विनिमयसाध्य लेखपत्र अधिनियम, 1881
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019
बहुविकल्पीय तथा सत्य/असत्य पर आधारित वस्तुनिष्ठ प्रश्न (उत्तर सहित)
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