प्रस्तुत पुस्तक को पूर्णत: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मीरुत के बी.कॉम. द्वितीय वर्ष (तृतीया सेमेस्टर) हेतु शैक्षणिक सत्र 2022-23 से प्रभावी नवीन पाठ्यक्रमानुसार तैयार किया गया है |
प्रस्तुत संशोधित में विषय सामग्री करते हुए ‘नागर में सागर’ भरने का प्रयास किया गया है | भाषा को अधिक सरल व् रोचक बनाने की भी कोशिश की गई है |
पुस्तक की अद्वितीय विशेषता यह है की नवीन पाठ्यक्रमानुसार उत्तर प्रदेश दूकान और वाणिज्य अधिष्ठान अधिनियम, 1962 [The Uttar Pradesh Shops and Commercial Establishments Act, 1962] तथा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 [The Consumer Protection Act, 2019] दो अध्यायों को पुस्तक में सम्मिलित किया गया हैं |
संशोधित संस्करण की कतिपय महत्वपूर्ण विशेषताएं इस प्रकार हैं :
पुस्तक के अन्त में बहुविकल्पीय तथा सत्य/असत्य पर आधारित वस्तुनिष्ठ प्रश्नों (उत्तर सहित) का समावेश किया गया है |
सभी अधिनियमों के नवीनतम संशोधनों को यथास्थान सम्मिलित किया गया है |
विषय को और अधिक प्रभावशाली व् समझने योग्य बनाने के लिए पुस्तक में उच्च न्यायलयों तथा सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों का भी समावेश किया गया है |
व्यावसायिक नियमन रूपरेखा (Business Regulatory Framework) Syllabus For B.Com. IIIrd Semester of Chaudhary Charan Singh University Meerut
- Unit I : Indian Contract Act, 1872 : Definition and Nature of Contract, Classification; Offer and Acceptance; Capacity of Parties; Free Consent; Consideration; Legality of Objects.
- Unit II : Void Agreements; Performance of Contracts; Discharge of Contract; Contingent Contracts; Quasi Contracts; Remedies for Breach of Contract, Special Contracts : Indemnity and Guarantee; Bailment and Pledge; Contract of Agency.
- Unit III : Sale of Goods Act, 1930 : Contract of Sale of Goods, Conditions and Warranties; Transfer of Ownership; Performance of the Contract : Remedial Measures; Auction able Claims. 25 Lectures
- Unit IV : (A) The Consumer Protection Act, 2019—Main Provisions
(B) The Limited Liability Partnership Act, 2008—Main Provisions
(C) The U.P. Shops and Commercial Establishment Act—Main Provisions.
विषय-सूची
- भारतीय अनुबन्ध अधिनियम, 1872
- वैध अनुबन्ध के आवशयक लक्षण
- ठहराव
- प्रस्ताव तथा स्वीकृति
- प्रतिफल
- अनुबन्ध करने के योग्य पक्षकार
- पक्षकारों की सवतन्त्र सहमति
- स्पष्ट रूप से व्यर्थ घोषित ठहराव
- सांयोगिक अनुबन्ध
- अनुबन्धों की समाप्ति
- गर्भित अथवा अर्द्ध-अनुबन्ध
- अनुबन्ध-भंग के परिणाम
- क्षतिपूर्ति तथा प्रतिभूति के अनुबन्ध
- निक्षेप सम्बन्धी अनुबन्ध
- गिरवी के अनुबन्ध
- एजेन्सी अथवा अभिकरण के अनुबन्ध
- वास्तु-विक्रय अधिनियम, 1930
- विनिमयसाध्य लेखपत्र अधिनियम, 1881
- सिमित दायित्व साझेदारी अधिनियम, 2008
सिमित दायित्व साझेदारी समझौता और सिमित दायित्व साझेदारी का निगमन
साझेदारी और उनके सम्बन्ध
सिमित दायित्व साझेदारी का समापन एवं विघटन - बीमा का विधान
- उत्तर प्रदेश दूकान और वाणिज्य अधिष्ठान अधिनियम,1962
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019
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