प्रस्तुत व्यावसायिक नियमन रूपरेखा Business Regulatory Framework Book व्यावसायिक नियमन रूपरेखा (Business Regulatory Framework) बी. काॅम नए पाठयक्रमानुसार पूर्णय: नये कलेवर में प्रकाशित की गई है। पुस्तक को इस नये कलेवर में पहले संस्करणों की अपेक्षा अधिक प्रभावशाली एवं उपयोगी बनाने का प्रयास किया गया है।
प्रस्तुत संशोधित संस्करण में विषय सामग्री को सीमित करते हुए ‘गागर में सागर’ भरने का प्रयास किया गया है। इसी दृष्टि से विविध प्रकार के प्रश्नों को हटाकर विभिन्न विश्वविद्यालयों के नए पाठ्यक्रम एवं परीक्षा प्रश्नों पर ही ध्यान केन्द्रित किया गया है। भाषा को अधिक सरल व रोचक बनाने की भी कोशिश की गई है।
व्यावसायिक नियमन रूपरेखा Business Regulatory Framework Book For
- B.B.A IIIrd Year of Awadhesh Pratap Singh University, Barkatullah University, Dr. Harisingh Gour University, Rani Durgavati Vishwavidyalaya, Vikram University.
- B.Com Ist Semester of Guru Ghasidas Vishwavidyalaya, Kumaun University, Shri Agrasen Kanya PG College Varanasi.
- B.Com IInd Semester of Guru Ghasidas Vishwavidyalaya.
- B.Com (Hons.) IInd Semester of Kumaun University.
- B.Com IIIrd Semester of Chaudhary Bansi Lal University, Maharshi Dayanand University.
- B.Com IVth Semester of Maharshi Dayanand University.
- B.Com Ist Year of Jai Narain Vyas University, Kumaun University.
- B.Com (Hons.) Ist Year of Mahatma Jyotiba Phule Rohilkhand University
- B.Com (Hons.) IInd Year of Jai Prakash University.
- B.Com IInd Year of Pt. Deendayal Upadhyay Gorakhpur University, Siddharth University, Veer Bahadur Singh Purvanchal University.
संशोधित संस्करण की कतिपय महत्वपूर्ण विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- पुस्तक के इस संस्करण में सीमित दायित्व साझेदारी अधिनियम, 2008 (Limited Liability Partnership Act, 2008) का समावेश किया गया है।
- इस संशोधित संस्करण की प्रमुख अद्वितीय विशेषता यह है कि इसमें उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2015 (The Consumer Protection Act, 2018) का समावेश किया गया है।
- सभी अधिनियमों के नवीनतम् संशोधनों को यथास्थान सम्मिलित किया गया है।
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को 15 मार्च, 2003 से प्रभावी उपभोक्ता संरक्षण (संशोधन) अधिनियम 2002 के द्वारा पूर्णतः अद्यतन कर दिया है। इसी प्रकार विनिमयसाध्य लेखपत्रों का अधिनियम को विनिमयसाध्य लेखपत्र (संशोधन) अधिनियम 2002 द्वारा पूर्णतः संशोधित किया गया है।
- विषय को और अधिक प्रभावशाली व समझने योग्य बनाने के लिए पुस्तक में उच्च न्यायालयों तथा सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों का भी समावेश किया गया है।
व्यावसायिक नियमन रूपरेखा Business Regulatory Framework Book विषय-सूची
- भारतीय अनुबन्ध अधिनियम, 1872
- वैध अनुबन्ध के आवश्यक लक्षण
- ठहराव
- प्रस्ताव तथा स्वीकृति
- प्रतिफल
- पक्षकारों में अनुबन्ध करने की क्षमता
- पक्षकारों की स्वतन्त्र सहमति
- स्पष्ट रूप से व्यर्थ घोषित ठहराव
- संयोगिक अनुबन्ध
- अनुबन्धों की निष्पादन
- गर्भित अथवा अर्द्ध-अनुबन्ध
- अनुबन्ध-भंग के परिणाम के उपचार
- क्षतिपूर्ति तथा प्रतिभूति के अनुबन्ध
- निक्षेप सम्बन्धी अनुबन्ध
- गिरवी के अनुबन्ध
- एजेन्सी अथवा अभिकरण के अनुबन्ध
- विनिमयसाध्य लेखपत्र अधिनियम, 1881 (विनिमय साध्य लेखपत्र संशोधन अधिनियम 2002 द्वारा अद्यतन)
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019
- विदेशी विनियम प्रबन्ध अधिनियम, 2000
- भारतीय साझेदारी अधिनियम, 1932
- सीमित दायित्व साझेदारी अधिनियम, 2008
- सीमित दायित्व साझेदारी समझौता और सीमित दायित्व साझेदारी का निगमन
- साझेदार और उनके सम्बन्ध
- सीमित दायित्व साझेदारी का समापन एवं विघटन
Manish Mishra –
Good book