पुस्तक का यह संस्करण उत्तर प्रदेश के विभिन्न विष्वविद्यालयों के बी.कॉम. द्वितीय वर्ष तृतीया सेमेस्टर हेतु शैक्षणिक सत्र २०२२-२३ से प्रभावी नवीन पाठ्यक्रमानुसार तैयार किया गया है |
कम्पनी अधिनियम, 2013; कम्पनी (संशोधन) अधिनियम, 2015, 2017, 2019 तथा 2020; कम्पनी नियमों, 2014 तथा इन्सॉल्वेंसी व् बैंक्रप्सी संहिता, 2016 कम्पनी अधिनियम में किए गए संशोधनों पर आधारित |
संशोधित संस्करण की अदिव्तीय विशेषताएँ :
- मई 2016 में राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदित The Insolvency and Bankruptcy Code, 2016 के द्वारा कम्पनी के समापन (Winding-up of Companies) में अत्यधिक महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए है अंत : पुस्तक के अध्याय कम्पनी का समापन को पूर्णत: नए सिरे से लिखा गया है |
Company Law Syllabus For B.Com IIIrd Semester of Various Universities and Colleges of Uttar Pradesh
- Unit-I : Indian Companies Act, 2013 : Nature and Types of Companies, Conversion of Public Companies into Private Companies and Vice Versa. Formation, Promotion and Incorporation of Companies, Memorandum of Association; Article of Association; Prospectus.
- Unit-II : Shares : Types, Share Capital—Kinds; Allotment of Shares; Members—Categories, Modes of Acquiring Memerbhip, Rights and Liabilities; Transfer and Transmission—Difference, Methods of Borrowing, Debentures, Mortgages and Charges—Fixed and Floating.
- Unit-III : Management : Directors, Types and Number of Directors, Managing Director, Whole Time Director—Appointment, Qualifications and Disqualification, Duties, Vacation, Resignation and Removal, Company Meetings—Kinds, Quorum, Voting, Resolution, Minutes.
- Unit-IV : Majority Powers and Minority Rights : Protection of Minority Rights; Prevention of Oppression and Management. Mismanagement, Winding Up—Kinds and Conduct—Petition for Winding Up, Appointment of Official Liquidator and Duties.
कम्पनी अधिनियम विषय-सूची
- कम्पनी परिभाषा, विशेषताएं एवं प्रकार
- कम्पनी का गठन (प्रवर्तन और निगमन)
- पार्षद सीमानियम
- पार्षद अंतर्नियम
- प्रविवरण
- अंश
- कमपनी की अंश पूंजी
- कम्पनी की सदस्य्ता
- कम्पनी के ऋण लेने के अधिकार (विधियां) (बंधक एवं प्रभार)
- ऋणपत्र
- संचालक मण्डल
- प्रबन्ध-संचालक या पूर्णकालिक संचालक
- कम्पनी की बैठकें (सभाएं)
- बहुमत की शक्ति और अल्पसंख्यक अंशधारकों के अधिकार
- दमन और कुप्रबन्ध पर रोक
- कम्पनी का समापन
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