प्रस्तुत निगमीय लेखांकन Corporate Accounting पुस्तक कुमांयु विश्वविद्यालय, नैनीताल के बी. काॅम, सेमेस्टर VI हेतु नए एकीकृत पाठ्यक्रमानुसार तैयार की गयी है।
प्रस्तुत संस्करण की महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नांकित हैं:
- शुद्धता अर्थात् त्रुटिविहीनता पुस्तक की एक अति विशिष्ट विशेषता है।
- पुस्तक के सभी अध्यायों को कम्पनी अधिनियम, 2013 के अनुसार पूर्णतः नए सिरे से लिखा गया है।
- सूत्रधरी कम्पनियों का समेकित (एकीकृत) चिट्ठा अध्याय को पूर्णतः संशोधित एवं परिवर्द्धित कर नई सामग्री का समावेश किया गया है।
- संशोधित पुस्तक की अद्वितीय विशेषता है कि कम्पनियों का समापन अध्याय को दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता, 2016 के आधार पर संशोधित किया गया है, साथ ही दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता, 2016 पर आधारित नए उदाहरणों एवं प्रश्नों को भी सम्मिलित किया गया है
- प्रत्येक अध्याय में व्यावहारिक उदाहरणों का चुनाव एवं उन्हें क्रमानुसार रखने का ढंग तथा अध्याय के अन्त में प्रश्नों का चुनाव एवं क्रम इतना वैज्ञानिक एवं उचित है कि पाठक इस विषय का वास्तविक एवं पूर्ण ज्ञान अल्पवधि में सुचारु रूप से एवं कम परिश्रम से प्राप्त कर वह आत्मविश्वास जाग्रत कर सकते हैं जो इस विषय के लिए आवश्यक ही नहीं, वरन् अनिवार्य है।
निगमीय लेखांकन Corporate Accounting Book विषय-सूची
- अंशों का निर्गमन, हरण, पुनर्निर्गमन एवं पुनर्खरीद
- पूर्वाधिकार अंशों का निर्गमन एवं शोधन
- ऋणपत्रों का निर्गमन एवं शोधन
- कम्पनी के अन्तिम खाते
- कम्पनियों के एकीकरण का लेखांकन (लेखांकन मानक-14 के अनुसार)
- कम्पनियों का पुनर्निर्माण
- सूत्रधारी कम्पनियों का समेकित (एकीकृत) चिट्ठा
- कम्पनियों का समापन (दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता, 2016)
- ख्याति का मूल्यांकन
- अंशों का मूल्यांकन
- संविलयन
Mohd anas –
This book is the best for accounting