प्रस्तुत का यह संस्करण मध्य प्रदेश के बी.कॉम. व्दितीय वर्ष के शैक्षणिक सत्र 2022-23 से प्रभावी नए पाठ्यक्रमानुसार तैयार किया गया है | पुस्तक में पाठ्यक्रम के सभी शीर्षकों का समावेश किया गया है |
कम्पनी अधिनियम, 2013; कम्पनी (संशोधन) अधिनियम, 2015; कम्पनी (संशोधन) अधिनियम, 2017; कम्पनी नियमों, 2014 तथा इन्सोलवेंसी व् बैंक्रप्सी संहिता, 2016 द्वारा कम्पनी अधिनियम में किए गए संशोधनों पर आधारित |
संशोधित संस्करण की अव्दितीय विशेषताएँ :
- मई 2016 में राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदित The In के द्वारा कम्पनी के समापन (Winding-up of Companies ) में अत्यधिक महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए है, अत: पुस्तक के अध्याय ‘कम्पनी का समापन’ को पूर्णत: नए सिरे से लिखा गया है |
- कम्पनी (संशोधन) अधिनियम, 2017 के प्रावधानों का समावेश किया तथा नवीनतम आदेशों व् अधिसूचनाओं व् वित्त अधिनियम, 2017 द्वारा किए गए संशोधनों को शामिल किया गया है |
निगमीय विधि (Corporate Law) For B.Com. IInd Year of Various Universities of Madhya Pradesh
पाठ्यक्रम अध्ययन की परिलब्धियां : पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद, छात्र निम्नलिखित में सक्षम होंगे : 1. कम्पनी अधिनियम के बुनियादी नियमों और अवधारणाओं क व्याख्या करने में | 2. भारत में निगमीय व्यवस्था एवं प्रक्रिया समझने में | 3. निगमीय समस्याओं का मूल्यांकन करने में | 4. वैधानिक सामग्री के उपयोग और सामान्य कानों सिद्धान्तों के साथ इसके एकीकरण के योग्यता प्रदर्शन करने में |
- इकाई 1. कमपनी अधिनियम, 2013 के लिए प्रारम्भिक कम्पनी – परिभाषा, विशेषताएं एवं प्रकार, कम्पनी का निर्माण, प्रवर्तन समामेलन और व्यवसाय प्रारम्भ | पार्षद सीमानियम, पार्षद अंतर्नियम एवं प्रविवण |
- इकाई 2. प्रबन्ध एवं प्रशासन
संचालक मण्डल, संचालक के प्रकार एवं उनकी योग्यताएं, भक्तियां, कर्तव्य, दायित्व | कम्पनी ली सभाएं, प्रकार, कार्यवाहक संख्या (Quarum), मतदान, प्रस्ताव एवं सूक्ष्म | - इकाई 3. लाभांश की घोषणा एवं भुगतान
लाभांश की घोषणा एवं भुगतान, वित्तीय विवरण का रख-रखाव और प्रमाणीकरण, निगमीय (कारपोरेट) सामाजिक उत्तरयित्व, अंकेक्षक, नियुक्ति, योग्यताएं, कर्तव्य, जिम्मेदारियां, अंकेक्षण प्रतिवेदन | - इकाई 4. उत्पीड़न और कुप्रबन्धन, पुनर्गठन एवं समापन
उत्पीड़न एवंकुप्रबन्धन की रोकथाम, समझौता एवं एकीकरण से सम्बन्धित प्रावधान, समापन की अवधारणा एवं प्रकार | - इकाई 5. राष्ट्रीय कम्पनी विधि अधिकरण
परिभाषाएं, राष्ट्रीय कम्पनी विधि अधिकरण (NCLT) का गठन, अपीलीय अधिकरण का गठन, अपील और सजा के सम्बन्ध में प्रावधान | निगमीय विधान में उभरते मुद्दे |
विषय-सूची
- कम्पनी : परिभाषा, विशेषताएं एवं प्रकार
- कम्पनी का गठन (प्रवर्तन और निगमन)
- पार्षद सीमानियम
- पार्षद अन्तर्नियम
- प्रविवरण
- संचालक मण्डल
- कम्पनी की बैठकें (सभाएं)
- लाभांश
- निगमीय सामाजिक दायित्व
- अंकेक्षण
- दमन और कुप्रबन्ध पर रोक
- समझौते एवं एकीकरण
- कम्पनी का समापन
- राष्ट्रीय कम्पनी लॉ अधिकरण, राष्ट्रीय कम्पनी लॉ अपीलीय अधिकरण तथा विशेष न्यायालय
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