- जनांकिकी Demography Book के पूर्णतः संशोधित एवं अद्यतन संस्करण को पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करते हुए अत्यन्त हर्ष एवं सन्तोष का अनुभव हो रहा है। मानव अपनी ही संख्या बढ़ाकर अनजाने में ही दारुण दुःख प्राप्ति की योजना बना रहा है। विश्व जनसंख्या के आकार एवं वृद्धि-दर को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि निकट भविष्य में विश्व के साधन इससे अधिक जनसंख्या के भार को सम्भाल नहीं पाएंगे। अतः सुखी एवं सम्पन्न विश्व के लिए जनसंख्या में हो रही इस अभूतपूर्व वृद्धि को रोकना आवश्यक समझकर, जनसंख्या वृद्धि की समस्या से चिन्तित विश्व के समस्त देशों एवं अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों ने इस समस्या के समाधान हेतु तत्परता दिखाई, जिसके परिणामस्वरूप अपने सतत्, उद्देश्यपूर्ण एवं सार्थक प्रयास से विकसित देशों ने तो जनसंख्या वृद्धि की दर पर लगभग नियन्त्रण स्थापित कर लिया, परन्तु विकासशील देशों की जनसंख्या में अभी भी तेजी से वृद्धि जारी है, परिणामस्वरूप इन देशों में भोजन, वस्त्र एवं आवास की कमी की समस्या विकराल होती जा रही है तथा नियोजित आर्थिक विकास के सारे प्रयास निष्फल हो रहे हैं। इन देशों में भी आन्तरिक संसाधनों एवं बाह्य सहयोग से जनसंख्या वृद्धि को रोकने का प्रयास जारी है। यही कारण है कि आज विश्व के समस्त देश अपनी जनसंख्या के परिमाणात्मक एवं गुणात्मक पहलुओं का अध्ययन एवं विश्लेषण कर तत्सम्बन्धी सकारात्मक नीतियों के निर्माण में संलग्न हैं। इस तरह, आर्थिक, सामाजिक तथा राजनीतिक कारणों से जनांकिकी के अध्ययन एवं पठन-पाठन का महत्व दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। स्थिति यह है कि आज जनांकिकी को समस्त विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में सम्मिलित कर लिया गया है। हिन्दी भाषा में इस विषय की स्तरीय एवं श्रेष्ठ पुस्तक की कमी लम्बे समय से महसूस की जा रही थी। इस तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए विद्यार्थियों, मित्रों एवं सहयोगियों के अनवरत आग्रह एवं सलाह को ध्यान में रखकर विभिन्न विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर कक्षाओं के पाठ्यक्रमों की विषय-सामग्री को समाहित करते हुए इस पुस्तक की रचना करने का प्रयास किया गया है।
- जनांकिकी Demography Book में विषय-सामग्री को अत्यन्त सरल, बोधगम्य एवं प्रवाहमान भाषा में प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। विषय के यथार्थ, युक्तिपरक एवं तथ्यपूर्ण विश्लेषणों हेतु नवीनतम् आंकड़ों, रेखाचित्रों एवं गणितीय सूत्रों का यथासम्भव प्रयोग किया गया है ताकि पुस्तक की उपादेयता बनी रहे।
- भारत की जनगणना 2011 (Census of India 2011) के सितम्बर, 2018 तक प्रकाशित आंकड़ों, संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रकाशित Word Population Data Sheet 2020, Economic Survey 2020-21 NFHS-4 तथा Human Development Report, 2020 के आधार पर पुस्तक को पूर्णतः संशोधित एवं अद्यतन बनाया गया है।
जनांकिकी Demography Book विषय-सूची
- जनांकिकी: अर्थ, क्षेत्र, विषय-सामग्री एवं महत्व
- जनांकिकीय समंकों की प्रकृति एवं स्रोत
- भारत में जनगणना
- जनांकिकीय विश्लेषण के उपकरण
- जनसंख्या के सिद्धान्त
- माल्थस से पूर्व के जनसंख्या सम्बन्धी सिद्धान्त
- माल्थस तथा समकालीन विचारकों के सिद्धान्त
- अनुकूलतम जनसंख्या का सिद्धान्त
- जनसंख्या के जैविकीय या नैसर्गिक सिद्धान्त
- जनसंख्या के सामाजिक-सांस्कृतिक एवं आर्थिक सिद्धान्त
- जनांकिकीय संक्रमण का सिद्धान्त
- प्रजननशीलता तथा उत्पत्तिक्रम
- प्रजननशीलता के निर्धारक तत्व
- भारत में प्रजननशीलता की प्रवृत्ति
- मृत्युक्रम एवं अस्वस्थता
- मृत्युक्रम एवं अस्वस्थता की माप
- जीवन-तालिका
- भारत में मृत्युक्रम
- विवाह एवं वैवाहिक विसर्जन
- भारत में विवाह एवं विवाह की आयु
- देशान्तरण (अथवा प्रवास) तथा नगरीकरण
- भारत में नगरीकरण
- भारत में जनसंख्या का आकार एवं वृद्धि
- भारत में जनांकिकीय संक्रमण
- भारतीय जनसंख्या की संरचना
- भारत में जनसंख्या विस्फोट
- जनसंख्या प्रक्षेपण
- भारत में जनसंख्या प्रक्षेपण
- भारत की जनसंख्या नीति
- भारत में जनसंख्या वृद्धि, गरीबी एवं पर्यावरण
- जनसंख्या शिक्षा
- जनसंख्या एवं आर्थिक विकास
- विकासशील देशों की जनांकिकीय विशेषताएं
- जापान का जनांकिकीय अध्ययन
- संयुक्त राज्य अमेरिका का जनांकिकीय अध्ययन
- ग्रेट ब्रिटेन का जनांकिकीय अध्ययन
- विश्व जनसंख्या और साधन
- मानव संसाधन विकास
Dr. Saroj Kumar Singh –
Contents of the Demography book are mostly covered very well. I am interested to buy this book. When the book will be available, please notice me. Thank you,