अर्थशास्त्र Economics पुस्तक Chhatrapati Shahu Ji Maharaj University, Kanpur के बी. ए. (तृतीय वर्ष) हेतु अर्थशास्त्र के नवीन पाठ्यक्रमानुसार तैयार की गई है।
पुस्तक में समस्त पाठ्यक्रम की सामग्री का प्रस्तुतीकरण विद्यार्थियों के स्तर तथा परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों को ध्यान में रखकर सरलतम ढंग से किया गया है, जिससे विद्यार्थियों को विषय का ज्ञान सहज ही प्राप्त हो सके और उनमें विषय के अध्ययन के प्रति रुचि बढ़े। पाठ्य-सामग्री को युक्तिसंगत बनाने के लिए यथास्थान उदाहरणों एवं चित्रों सहित तर्कसंगत विवेचना की गई है।
अर्थशास्त्र EconomicsSyllabus For B.A. III Year of Chhatrapati Shahu Ji Maharaj University, Kanpur
Paper I: International Economics
Unit-I Scope of International Economics: Definition and Nature of International Economics, Internal and International trade, the Pattern of Trade, The gains from Trade, Basis for International Trade, the concept of Comparative Advantage, Transport cost and non-traded goods, Reciprocal Demand, Opportunity cost theory of international trade, Hecksher-Ohlin model – an elementary treatment.
Unit-II International Trade Policy: The case for free trade, Protection, Basic Tariff Analysis, Import-Quotas Theory, Other trade policy instruments, international negotiations, and trade policy. Meaning of Balance of payment, the difference between and balance of payments. Correction and adjustment of the balance of payments.
Unit-III Exchange Rates and Foreign Exchange Markets: Domestic and Foreign Prices, Fixed and Flexible Exchange Rates, Gold Point, Purchasing Power Parity theory and Balance of Payments. Theory of Foreign Exchange rate. International financial institutions: I. M. F., IBRD, ADB.
Unit-IV India’s Foreign Trade: Importance of Foreign trade for a developing economy, Foreign trade since independence, Composition of India’s Foreign Trade, Direction of India’s Foreign Trade, Trade Policies, Balance of Payments Crisis, Impact of W. T. O. upon India’s Foreign Trade, The need for foreign capital and Government’s policy of foreign direct investment.
Paper−II (Compulsory): Issues of Economics Growth and Development
Unit-I Economic Development and Population: Economic growth and development. Development and underdevelopment perpetuation of underdevelopment; poverty absolute and relative; Development and Development gap-per capita income inequality of income & wealth. PQLI & HDI. The concept and components of human capital-education, health, food security & nutrition, Population, and economic development theory demographic transition. Population and environment.
Unit-II Theories & Approaches to Economic Development: Theories of development—classical theory of development. Neo-classical theories of development – Solow, and Meade, Mrs. Joan Robinson’s, Karl Marx – the theory of development, theory of social change, immutable laws of capitalist development-crisis in capitalism; Schumpeter’s views and Capitalistic development. Partial theories of growth and development – a vicious circle of poverty, circular causation, unlimited supply of labour, Big push, Balanced growth, unbalanced growth, critical minimum effort thesis; low-income equilibrium trap-Dualism; Technical change. Harrod and Domar. Model of growth.
Unit-III Sectoral View of Development: Role of agriculture in economic development; Importance of land reforms; Efficiency and productivity in agriculture, New technology, and sustainable agriculture; Globalization and agricultural growth; Rationale and pattern of industrialization in developing economies. The choice of technique appropriate technology and employment; Small scale vs. Large scale production, Terms of trade between agriculture and industry; Infrastructure and its importance in development.
Unit-IV Macro Economic Policy and Economic Development : Role of monetary and fiscal policies in developing countries, External Resources, FDI; Aid Vs. Trade, Technology inflow; MNCs, Activity in developing countries; IMF and World Bank policies for developing countries.
अर्थशास्त्र Economics Book विषय-सूची
प्रथम प्रश्न-पत्र: अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र
- अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र: परिभाषा एवं प्रकृति
- आन्तरिक एवं अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार
- व्यापार से लाभ
- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के सिद्धान्त (अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का आधार एडम स्मिथ का सिद्धान्त, तुलनात्मक लाभ (लागत) सिद्धान्त, अवसर लागत सिद्धान्त तथा हेक्सचर ओहलिन का सिद्धान्त)
- पारस्परिक मांग का सिद्धांत
- स्वतंत्र व्यापार एवं संरक्षण
- बेसिक प्रशुल्क (अथवा तटकर) विश्लेषण
- आयात-अभ्यंश सिद्धांत
- व्यापार नीति के अन्य उपकरण (गैर-प्रशुल्क उपकरण)
- अन्तर्राष्ट्रीय समझौते तथा व्यापार नीति
- भुगतान-शेष
- घरेलू तथा विदेशी कीमतें तथा स्थिर एवं लोचशील विनिमय दरें
- विदेशी विनिमय दर निर्धारण के सिद्धांत
- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष
- अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (विश्व बैंक)
- एशियाई विकास बैंक
- विकासशील अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी व्यापार का महत्व
- भारत का विदेशी व्यापार (स्वतंत्रता के पश्चात भारत का विदेशी व्यापार, व्यापार प्रतिमान, विदेशी व्यापार की दिशा तथा रचना)
- भारत की विदेशी व्यापार नीति
- भारत की भुगतान शेष समस्या
- विश्व व्यापार संगठन का भारत के विदेशी व्यापार पर प्रभाव
- विदेशी पूंजी की आवश्यकता तथा सरकार की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति
द्वितीय प्रश्न-पत्र: आर्थिक संवृद्धि एवं विकास की समस्याएं
- आर्थिक संवृद्धि एवं विकास: अर्थ, विशेषताएं, महत्व तथा आर्थिक विकास को प्रभावित करने वाले घटक
- विकास, अल्प विकास तथा अल्प विकास का दीर्घकालीकरण अथवा स्थानीयकरण
- गरीबी: निरपेक्ष एवं सापेक्ष
- आर्थिक विकास एवं विकास अन्तराल की माप
- मानव पूंजी की अवधारणा तथा घटक: शिक्षा, स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा एवं पोषण
- जनसंख्या और आर्थिक विकास
- जनांकिकीय संक्रमण का सिद्धान्त
- जनसंख्या और पर्यावरण
- आर्थिक विकास का प्रतिष्ठित सिद्धान्त
- सोलो का आर्थिक वृद्धि माॅडल
- मीड का नव-प्रतिष्ठित आर्थिक वृद्धि का माॅडल
- श्रीमती जाॅन राॅबिन्सन का माॅडल
- कार्ल माक्र्स: विकास का सिद्धान्त
- शुम्पीटर का आर्थिक वृद्धि का सिद्धान्त
- निर्धनता या गरीबी का दुश्चक्र
- मिर्डल का चक्रीय कार्यकरण का सिद्धान्त
- आर्थर लुइस का असीमित श्रमपूर्ति का सिद्धान्त
- प्रबल प्रयास’ सिद्धान्त या ‘बड़ा धक्का’ सिद्धान्त
- सन्तुलित एवं असन्तुलित विकास सिद्धान्त
- लीबिन्स्टीन का क्रान्तिक-न्यूनतम प्रयास सिद्धान्त
- नेल्सन का ‘निम्न सन्तुलन पाश’ सिद्धान्त
- द्वैतवाद के सिद्धान्त
- हैरड एवं डोमर के वृद्धि माॅडल
- कृषि एवं आर्थिक विकास
- विकासशील देशों में औद्योगीकरण का ढांचा एवं प्रतिमान
- तकनीक का चुनाव तथा उपयुक्त प्रौद्योगिकी एवं रोजगार
- छोटे पैमाने बनाम बड़े पैमाने का उत्पादन
- कृषि एवं उद्योग के बीच व्यापार की शर्तें
- आधार संरचना एवं विकास में उसका महत्व
- विकासशील देशों में मौद्रिक नीति की भूमिका
- विकासशील देशों में राजकोषीय नीति की भूमिका
- बाह्य संसाधन: प्रत्यक्ष विदेशी निवेशय सहायता बनाम व्यापार, प्रौद्योगिकी अन्तप्र्रवाह
- विकासशील देशों में बहुराष्ट्रीय निगमों की क्रियाएं
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा-कोष एवं विकासशील देश
- विश्व बैंक एवं विकासशील देश
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