प्रस्तुत अर्थशास्त्र Economics पुस्तक For B.A IInd Year of Prof. Rajendra Singh (Rajju Bhaiya) University, Pt. Deendayal Upadhyay Gorakhpur University, Siddharth University बी.ए. (अर्थशास्त्र) द्वितीय वर्ष हेतु नए पाठ्यक्रमानुसार तैयार की गई है। पुस्तक का यह पूर्णतया संशोधित परिमार्जित संस्करण इस नवीन पाठ्यक्रम के पूर्णतया अनुरूप है।
पुस्तक का संशोधन करते समय नवीनतम महत्वपूर्ण दस्तावेजों का सहारा लिया गया है। विभिन्न अध्यायों में नवीनतम सामग्री का समावेश किया गया है। अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक, आदि अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं का भारतीय सन्दर्भ में अद्यतन विवेचन छात्रों को नई जानकारी देगा। प्रत्येक अध्याय के अन्त में पूर्व की भांति महत्वपूर्ण प्रश्नों के साथ ही उनके उत्तर-संकेत भी दिए गए हैं, जो छात्रों को मार्गदर्शक सिद्ध होंगे।
अर्थशास्त्र Economics Syllabus For B.A. II Year of For B.A IInd Year of Prof. Rajendra Singh (Rajju Bhaiya) University, Pt. Deendayal Upadhyay Gorakhpur University, Siddharth University
Money Banking and International Trade
Definition and Functions of money; Value of Money – Measurement of the value of Money, Index Numbers; Quantity Theory of Money – Fisher’s and Cambridge Versions. Inflation, Deflation, Reflation, and Stage-inflation. Banking: Types and Functions; Credit creation; Central Banking and Credit control. Indian Banking: Commercial Bank, Reserve Bank of India; Present Monetary System in India. Elementary knowledge of Economic Systems. International Trade: Principle of Comparative costs; Opportunity Cost Theory; Free trade and Protection; Terms of trade; Theories of Rate of Exchange – Balance of Payments and Purchasing power parity Theory; Balance of Payments, Policies to correct disequilibrium in Balance of Payment; International Institutions: I.M.F, I.B.R.D and its affiliates, World Trade Organisation (WTO).
Paper II: Public Finance and Employment Theory
Nature of Public Finance; Public and Private Finance; Principle of Maximum Social Advantage; Concept of social goods. Public Revenue: Kinds of Public Revenue; Taxation-Classification, Characteristics, Incidence and Effects, Equity in taxation, Taxable Capacity. Public Expenditure: Scope and Objectives of Public Expenditure; Classification of Public Expenditure; Effects of Public Expenditure. Public Debt: Burden and Redemption; Financial Administration Fiscal policy: Meaning of fiscal policy; Objectives and Instruments of fiscal policy; Deficit Financing. Theory of Employment – Say’s Law of markets and Classical Theory of Employment; Keynesian Theory: Effective Demand, Consumption function – Average and Marginal Propensity to Consume, The Investment Multiplier; Theory of Investment – Autonomous and Induced Investment, Marginal Efficiency of Capital.
अर्थशास्त्र Economics Book विषय-सूची
प्रथम प्रश्न-पत्र: मुद्रा, बैंकिंग एवं अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार
- मुद्रा (परिभाषा एवं कार्य)
- मुद्रा के मूल्य की माप: सूचकांक
- मुद्रा का परिमाण सिद्धान्त
- मुद्रा-स्फीति, विफीति, संस्फीति एवं निस्पन्द स्फीति
- बैंकिंग: आशय, कार्य, प्रकार एवं महत्व
- केन्द्रीय बैंक एवं उसके कार्य
- साख निर्माण एवं साख गुणक
- व्यापारिक बैंक
- रिजर्व बैंक ऑफ़ इण्डिया
- भारत की मौद्रिक प्रणाली अथवा नीति
- आर्थिक प्रणालियां
- तुलनात्मक लागत का सिद्धान्त
- अवसर लागत का सिद्धान्त
- स्वतन्त्र व्यापार एवं संरक्षण
- व्यापार की शर्तें
- विनिमय दर निर्धारण के सिद्धान्त (भुगतान-शेष सिद्धान्त एवं क्रय शक्ति समता का सिद्धान्त)
- भुगतान-सन्तुलन (भुगतान-शेष के असन्तुलन में सुधार की नीतियां)
- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष
- अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक
- विश्व व्यापार संगठन
द्वितीय प्रश्न-पत्र: राजस्व एवं रोजगार का सिद्धान्त
- राजस्व (आशय, क्षेत्र, प्रकृति एवं महत्व)
- सामाजिक वस्तुएं
- अधिकतम सामाजिक लाभ का सिद्धान्त
- लोक आगम (वर्गीकरण एवं मुख्य स्रोत)
- करारोपण या कर आगम: आशय, उद्देश्य एवं सिद्धान्त
- कराधानों का वर्गीकरण
- कराघात (कर का दबाव), करापात (कर-भार) और कर विवर्तन
- कर भार का वितरण या करारोपण में न्याय
- करदान क्षमता
- लोक व्यय (क्षेत्र, उद्देश्य एवं वर्गीकरण)
- लोक व्यय के प्रभाव
- लोक ऋण: महत्व, वर्गीकरण एवं निर्गमन (आन्तरिक एवं बाह्य ऋण सहित)
- लोक ऋण के शोधन (पूंजी कर सहित) की रीतियां
- लोक ऋण का भार और प्रभाव
- भारत में वित्तीय प्रशासन: आशय एवं महत्व
- राजकोषीय नीति
- हीनार्थ प्रबन्धन, राजकोषीय घाटा एवं घाटे का बजट
- ‘से’ का बाजार नियम एवं रोजगार का प्रतिष्ठित सिद्धान्त और उसकी आलोचनात्मक विश्लेषण
- प्रभावपूर्ण मांग का नियम
- उपभोग फलन एवं बचत फलन (उपभोग फलन को निर्धारित करने वाले तत्व, उपभोग सम्बन्धी मनोवैज्ञानिक नियम)
- विनियोग गुणक
- विनियोग फलन (स्वायत्त एवं प्रेरित विनियोगय पूंजी की सीमान्त क्षमता)
Anita –
Good