- बीमा के तत्व Elements of Insurance Book का ग्यारहवां संस्करण 1994 में छपा था। उसके बाद भारतीय बीमा सेक्टर में महत्वपूर्ण ढांचागत परिवर्तन हुए। 1999 में इन्श्योरेन्स रेगुलेटरी एण्ड डेवलपमेण्ट एक्ट पारित हुआ, अप्रैल 2000 से भारतीय जीवन बीमा निगम और साधारण बीमा निगम का बीमा कारोबार सम्बन्धी एकाधिकार समाप्त हुआ, बीमा कारोबार के सुचारु विनियमन तथा विकास को सुनिश्चित करने के लिए ‘इरडा’ नामक एक स्वायत्तशासी प्राधिकरण स्थापित हुआ और अब दर्जनों विशाल निजी कम्पनियां भी भारतीय बीमा क्षेत्र में खुल गई हैं। इन सब घटनाओं से उत्पन्न परिवर्तनों के परिणामस्वरूप पुस्तक के प्रत्येक अध्याय में वांछित संशोधन समाविष्ट किए गए हैं।
भारतीय जीवन बीमा निगम की कुछ नवीनतम पाॅलिसियों का अध्ययन किया गया है तथा निगम ने जिन पाॅलिसियों को समाप्त कर दिया है उनकी पाठ्य-सामग्री को हटा दिया गया है। - भारतीय सन्दर्भ में अब तक उपलब्ध सूचनाओं और सांख्यिकी का यथास्थान प्रयोग किया गया है।
- इस पुस्तक में प्रयुक्त हिन्दी की पारिभाषिक शब्दावली भारत सरकार द्वारा प्रकाशित ‘विधि शब्दावली’ पर आधारित है। ऐसे पारिभाषिक शब्दों के अंग्रेजी शब्द कोष्ठक में दिए गए हैं और अनेक शब्दों के सम्बन्ध में पाद टिप्पणी भी दी गई है।
बीमा के तत्व Elements of Insurance Book विषय-सूची
- प्रारम्भिक प्रकरण
- बीमा और बीमा संविदा के सिद्धान्त
- जीवन बीमा का परिचय
- जीवन बीमा पाॅलिसी और वार्षिकी
- जीवन बीमा पाॅलिसी की शर्तें
- प्रीमियम निर्धारण
- निवेश, मूल्यन तथा लाभ वितरण
- समुद्री बीमा का परिचय
- समुद्री बीमा पाॅलिसी की शर्तें
- समुद्री हानियां
- अग्नि बीमा का परिचय
- अग्नि बीमा की संविदा
- विविध बीमा
- विविध बीमा (क्रमशः)
- भारतीय बीमा विधान
- भारतीय बीमा कारबार
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