प्रस्तुत वित्तीय लेखांकन Financial Accounting Book डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, फैज़ाबाद के बी. कॉम द्वितीय वर्ष हेतु नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार तैयार किया गया है।
- इस संस्करण को पूर्णतः संशोधित एवं परिमार्जित ही नहीं किया है, बल्कि अनेक अध्यायों में परीक्षोपयोगी महत्वपूर्ण नई पाठ्य-सामग्री तथा अनेक नए उदाहरणों एवं प्रश्नों को सम्मिलित किया गया है।
- पुस्तक की अद्वितीय विशेषता यह है कि सभी अध्यायों में अन्तिम खाते 31 मार्च को बन्द किए गए हैं। जिन अध्यायों में कम्पनी से सम्बन्धित अन्तिम खाते हैं, उन्हें कम्पनी अधिनियम, 2013 के अनुरूप बनाया गया है।
- पुस्तक के सभी अध्यायों को पूर्णतः नए सिरे से लिखा गया है।
- पुस्तक के संशोधित संस्करण की अद्वितीय विशेषता: ह्रास (Depreciation) तथा प्रावधान, संचय एवं कोष (Provisions, Reserves and Funds) अध्यायों को कम्पनी अधिनियम, 2013 के अनुरूप संशोधित करके अद्यतन किया गया है।
- विभिन्न विश्वविद्यालयों के अब तक की परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों का समावेश इस पुस्तक की अद्वितीय विशेषता है।
वित्तीय लेखांकन Financial Accounting Books विषय-सूची
- लेखांकन का अर्थ एवं क्षेत्र
- लेखांकन सिद्धान्त
- भारत में लेखा मानक (अन्तर्राष्ट्रीय लेखांकन प्रमाप सहित)
- दोहरा लेखा प्रणाली की अवधारणा
- डेबिट और क्रेडिट के नियम: रोजनामचा
- रोजनामचा का उप-विभाजन: रोकड़ बही
- रोजनामचा का उप-विभाजन: सहायक बहियां
- खाता बही: खातौनी के नियम सहित
- तलपट
- पूंजीगत व आयगत
- समायोजन प्रविष्टियां
- अन्तिम खाते (निर्माण खाता, व्यापारिक खाता, लाभ-हानि खाता तथा चिट्ठा)
- दिवाला सम्बन्धी लेखे
- शाखा खाते
- किराया-क्रय पद्धति
- किस्त भुगतान पद्धति
- अधिकार शुल्क खाते
- साझेदारी खाते (प्रारम्भिक एवं अंतिम खाते)
- साझेदारी खाते: नए साझेदार का प्रवेश [ख्याति की अवधारणा] लेखा मानक 10 के अनुसार
- साझेदारी खाते: साझेदार का अवकाश ग्रहण [ख्याति की अवधारणा] लेखा मानक 10 के अनुसार
- साझेदारी खाते: साझेदार की मृत्यु (संयुक्त बीमा पॉलिसी)
- साझेदारी फर्म का विघटन – 1
- साझेदारी फर्म का विघटन – 2 (साझेदार का दिवालिया होना)
- साझेदारी फर्मों का एकीकरण
- साझेदारी का संयुक्त स्कंध प्रमंडल में परिवर्तन तथा साझेदारी व्यवसाय की कंपनी की बिक्री
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