सांख्यिकी के मूलतत्व Fundamental of Statistics Book संस्करण कुमायूं विश्वविद्यालय के बी. काॅम. सेमेस्टर I हेतु निर्धारित नवीन पाठ्यक्रमानुसार तैयार किया गया है।
- इस संस्करण की भाषा अत्यन्त सरल व सामान्य बोलचाल की है ताकि विद्यार्थी सांख्यिकी जैसे विषय को आसानी से समझ सकें। विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए पुस्तक में केवल बी. काॅम. स्तर के उदाहरण तथा अभ्यास के लएि संख्यात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
- परीक्षाओं में पूछे गए लगभग सभी संख्यात्मक प्रश्नों को पूर्ण हल सहित तथा कुछ प्रश्नों को अभ्यास के लिए उत्तर सहित दिया गया है।
- पुस्तक के इस संशोधित संस्करण में सांख्यिकीय माध्य: केन्द्रीय प्रवृत्ति की मापों के अध्याय को पूर्णतः नए सिरे से लिखा गया है तथा अनेक नई Illustrations तथा Qirdyopmd का समावेश किया गया है।
- ‘भारतीय सांख्यिकी’ अध्याय में 2011 की जनगणना सहित सभी शीर्षकों के अन्तर्गत नवीनतम् सामग्री का समावेश किया गया है।
Fundamental of Statistics Book New Syllabus For B.Com. Semester I of Kumaun University
Unit – I Introduction of Statistics-Meaning, Definition, Importance and Limitations of Statistics.
Unit – II Measure of Central Tendency-Definition, Objectives and Characteristics of Measure of Central Tendency: Types of Averages: Arithmetic Mean, Geometric Mean, Harmonic Mean, Median, Mode.
Unit – III Measures of Dispersion and Skewness-Meaning, Definition, Properties of Dispersion – Range, Quartile Deviation – Mean Deviation, Standard Deviation.Coefficient of Variation, Karl Pearson’s and Bowley’s Measures of Skewness.
Unit – IV Correlation-Karl Pearson’s.
Unit-VI Indian Statistics-A General Idea of the growth of Statistics Relating to Population, Agriculture, Industry and National Income.
सांख्यिकी के मूलतत्व Fundamental of Statistics Book विषय-सूची
- परिचय: सांख्यिकी से आशय, परिभाषा, महत्व, क्षेत्र एवं सीमाएं
- सांख्यिकीय माध्य: केन्द्रीय प्रवृत्ति की मापें
- अपकिरण की अवधारणा एवं इसकी मापें
- विषमता एवं इसके माप
- सहसम्बन्ध
- भारतीय सांख्यिकी
- लघुगणक, प्रतिलघुगणक, व्युत्क्रम सारणियां तथा उनका प्रयोग
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