भूगोल Geography Book Sri Dev Suman Uttarakhand University बी. ए. प्रथम वर्ष के लिए निर्धारित नए पाठ्यक्रमानुसार प्रकाशित की गई है।
भूगोल Geography Book विषय-सूूची
- भौतिक भूगोल की प्रकृति एवं अध्ययन क्षेत्र
- पृथ्वी की उत्पत्ति
- पृथ्वी की आयु एवं भू-वैज्ञानिक समय मापनी
- पृथ्वी की आन्तरिक संरचना
- महाद्वीप एवं महासागर तली की उत्पत्ति
- वेगनर का महाद्वीपीय विस्थापन (प्रवाह) सिद्धान्त
- प्लेट विवर्तनिकी सिद्धान्त
- भू-सन्तुलन की संकल्पना
- आकस्मिक अन्तर्जात बल: भूकम्प
- आकस्मिक अन्तर्जात बल: ज्वालामुखी क्रिया
- भूसन्नति
- पर्वत एवं पर्वत निर्माण सिद्धान्त
- चट्टानें
- भूसंचलन या पृथ्वी की हलचलें
- अपक्षय
- अपरदन चक्र की संकल्पना
- नदी (प्रवाहित जल) के कार्य एवं उत्पन्न स्थलाकृतियां
- भूमिगत जल के कार्य एवं कास्र्ट स्थलाकृति
- हिमानी के कार्य एवं हिमानीकृत स्थलाकृतियां
- पवन के कार्य एवं निर्मित स्थलाकृतियां
- लहरों (सागरीय जल) के कार्य एवं निर्मित स्थलाकृतियां
- वायुमण्डल: संघटन एवं संरचना
- सूर्यातप एवं ताप बजट
- तापमान
- वायुदाब एवं पवनें
- वायुराशियां, वाताग्र एवं वायुमण्डलीय विक्षोभ (चक्रवात, प्रतिचक्रवात)
- आद्र्रता, संघनन एवं वर्षा
- विश्व जलवायु का वर्गीकरण या प्रकार
- महासागरीय नितल की उत्पत्ति एवं उच्चावच
- महासागरीय जल का तापमान एवं लवणता
- महासागरीय जल की गतियां: तरंगें, धाराएं व ज्वार-भाटा
- महासागरीय निक्षेप एवं प्रवाल भित्तियां
- महासागरों के संसाधन
- जीवमण्डल के घटक तथा पौधों व प्राणियों का विकास
- पादप एवं प्राणियों का विसरण, वितरण व जैविक अनुक्रमण
- जीवोम के प्रकार तथा प्राणि-भौगोलिक प्रदेश
- वैश्विक पारिस्थितिक-तन्त्र
- मानव भूगोल का अर्थ, क्षेत्र और विकास
- मानव एवं पर्यावरण सम्बन्ध: निश्चयवाद, सम्भववाद, नवनिश्चयवाद, प्रसम्भववाद
- मानव भूगोल के आधारभूत सिद्धान्त
- जनसंख्या वितरण एवं विश्व प्रारूप
- ग्लोबीय मानव प्रवास: कारण एवं प्रभाव
- मानव अधिवास: उत्पत्ति, प्रकार (ग्रामीण एवं नगरीय), विशेषताएं
- गृहों के प्रकार एवं वितरण (भारत के विशेष सन्दर्भ में)
- मानव अर्थव्यवस्था का विकास एवं मानव अनुक्रम अधिष्ठान
- मानव की प्राचीन अर्थव्यवस्थाएं
- मानव का विकास
- अभिनूतन काल में मानव का प्रसार
- सांस्कृतिक प्रसार एवं सांस्कृतिक परिमण्डल
- विश्व मानव प्रजातियां
- विश्व की जनजातियों की कुछ विशेष जीवन पद्धतियां
- भारतीय जनजातियों का निवास, अर्थव्यवस्था और समाज
प्रायोगिक भूगोल
- मानचित्रकला की प्रकृति एवं विषय-क्षेत्र
- मापनी: तुलनात्मक, विकर्ण और वर्नियर मापनियों का निर्माण
- मानचित्रों का विवर्द्धन एवं लघुकरण और उनके क्षेत्र की गणना
- मानचित्र प्रक्षेप
- उच्चावच प्रदर्शन की विधियां
- परिच्छेदिकाओं की रचना
- भारतीय धरातल पत्रकों का अध्ययन एवं व्याख्या
- मौखिक प्रश्नोत्तर
Sachin Sharma –
Nice book