प्रस्तुत भारतीय प्रशासन Indian Administration पुस्तक का 14 वां संस्करण पाठकों के सम्मुख पस्तुत करते हुए हमें अत्यन्त हर्ष हो रहा है। प्रस्तुत संस्करण पूर्णतया परिमार्जित और संशोधित है।
देश की स्वाधीनता के अनन्तर ‘लोक प्रशासन’ कानून और व्यवस्था के क्षेत्र तक सीमित न रहकर जन-जीवन से सम्बद्ध समस्त गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण हो गया है। लोककल्याणकारी राज्य के अन्तर्गत विकास के चरण प्रगति की विविध दिशाओं में जिस गति से बढ़ रहे हैं उसी क्रम से नये-नये संगठनों का निर्माण और उनका विधिवत् संचालन भारत में प्रशासकों के लिए नित्य नयी चुनौतियां प्रस्तुत कर रहा है। विभित्र पंचवर्षीय योजनाओं में देश के नागरिकों की बढ़ती हुई अभिरूचि के साथ ही प्रशासक वर्ग का उत्तरदायित्व भी बढ़ता जा रहा है। संक्षेप में, कहा जा सकता है कि ‘भारत में लोक प्रशासन’ आज एक ऐसा महत्वपूर्ण विषय वन गया है कि उसके विविध पक्षों और स्वरूपों के सम्बन्ध में विद्यार्थियों को अधिक-से-अधिक परिचित कराया जाये।
प्रस्तुत रचना में भारतीय प्रशासन प्रशासन के अधिकांश महत्वपूर्ण पहलुओं का विवेचन किया गया है। पुस्तक में भारत में लोक प्रशासन के विकास, भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था की विशेषताएं, राष्ट्रपति की शक्तियां एवं कार्य, भारत में प्रधानमन्त्री का पद तथा स्थिति, भारतीय संसद तथा उसकी कार्यप्रणाली, सर्वोच्च न्यायालय, न्यायिक पुनर्बिलोकन एवं न्यायिक सक्रियतावाद, केन्द्रीय सचिवालय, मन्त्रिमण्डल सचिवालय, प्रधानमन्त्री कार्यालय, केन्द्र-राज्य सम्बन्ध, अखिल भारतीय सेवाएं, भारतीय प्रशासनिक सेवा, केन्द्रीय सेवाएं, प्रतिबद्ध नौकरशाही, योजना आयोग, राष्ट्रीय विकास परिषद्, राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान (नीति आयोग), वित्त आयोग, अन्तर्राज्यीय परिषद्, सार्वजनिक वित्त पर नियन्त्रण, वित्त मन्त्रालय-संगठन एवं भूमिका, महालेखा नियन्त्रक की भूमिका, राज्य प्रशासन का संगठन, मुख्य सचिव का पद एवं भूमिका, कलक्टर के कार्य एवं लोकआयुक्त के पद, प्रशासन में मन्त्री-सचिव सम्बन्ध, भारतीय प्रशासन में सामान्यज्ञों एवं विशेषज्ञों की भूमिका, सुशासन की अवधारणा एवं भारत की पहल, राजनीति का अपराधीकरण एवं प्रशासन, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, गठबंधन सरकारें एवं प्रशासन में समस्याएं, आपदा प्रबन्धन, भारत में प्रशासनिक सुधार जैसे विषयों पर नवीनतम सामग्री प्रस्तुत की गयी है। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को यथास्थान उद्धृत करते हुए पुस्तक को अद्यतन ;नच.जव.कंजमद्ध बनाने का भरसक प्रयास किया गया है। पुस्तक को सरल भाषा एवं सुबोध शैली में लिखा गया है। आशा हैं ‘भारतीय प्रशासन’ में रूचि रखने वाले विद्वान औश्र विद्यार्थी इसका स्वागत करेंगे और इसे उपयोगी पायेंगे।
भारतीय प्रशासन Indian Administration Book विषय-सूची
- भारत में प्रशासन का ऐतिहासिक विकास
- भारतीय प्रशासन: राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक परिवेश
- भारतीय प्रशासन: संविधानिक परिवेश
- भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था: विशेषताएं
- संविधान का दर्शन प्रस्तावना (उद्देशिका), मौलिक अधिकार, मूल कर्तव्य एवं राज्य नीति के दर्शन तत्व
- भारत में केन्द्र-राज्य सम्बन्ध
- भारतीय राष्ट्रपति: निर्वाचन पद्धति
- राष्ट्रपति की शक्तियां एवं स्थिति
- भारत में प्रधानमन्त्री का पद तथा स्थिति
- भारत में संघीय मन्त्रिपरिषद्
- भारतीय संसद तथा उसकी कार्य-प्रणाली
- सर्वोच्च न्यायालय (न्यायिक पुनर्विलोकन एवं न्यायिक सक्रियतावाद)
- भारत सरकार के मन्त्रालय एवं विभाग
- वित्त मन्त्रालय: संगठन, कार्य एवं भूमिका
- भारत में केन्द्रीय प्रशासन की संरचना (केन्द्रीय सचिवालय)
- भारत में केन्द्रीय प्रशासन की संरचना (मन्त्रिमण्डल सचिवालय)
- भारत में केन्द्रीय प्रशासन की संरचना (प्रधानमन्त्री कार्यालय)
- भारत में लोक सेवा: विकास की गाथा
- भारत में संघ लोक सेवा आयोग (संगठन, कार्य और भूमिका)
- अखिक भारतीय सेवाएं
- भारतीय प्रशासनिक सेवा
- केन्द्रीय लोक सेवाएं
- भारत में लोक सेवाएं (पद वर्गीकरण, वेतनक्रम तथा सेवा की अन्य दशाएं)
- भारत में लोक सेवाएं (लोक सेवा की तटस्थता एवं सक्रियता, आचार संहिता एवं अनुशासन का परिप्रेक्ष्य)
- प्रतिबद्ध नौकरशाही: भारतीय सन्दर्भ
- भारत में नौकरशाही एवं विकास
- भारत में प्रशासक-राजनीतिज्ञ सम्बन्ध
- प्रशासन में मन्त्री-सचिव सम्बन्ध
- भारतीय प्रशासन में सामान्यज्ञों एवं विशेषज्ञों की भूमिका
- भारत में लोक सेवा (कर्मचारियों से विचार-विमर्श का संयुक्त परामर्शदात्री तन्त्र)
- भारत में वित्त आयोग (संगठन एवं भूमिका)
- भारत में योजना आयोग
- राष्ट्रीय विकास परिषद् (संगठन एवं भूमिका)
- राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान (नीति आयोग)
- अन्तर्राज्यीय परिषद् (सहकारी संघवाद का सम्बल)
- भारत में क्षेत्रीय परिषदें (अन्तर्राज्यीय समन्वय के सूत्र)
- भारत में सार्वजनिक उपक्रमों (लोक उद्योगों) का प्रशासन
- विनिवेश नीति एवं विनिवेश प्रक्रिया
- भारत में लोक निगम
- भारत में सार्वजनिक उपक्रम का कम्पनी प्रारूप
- भारत में प्रशासन पर नियन्त्रण
- भारत में बजट सम्बन्धी प्रक्रिया
- भारत में सार्वजनिक वित्त पर नियन्त्रण (लोक लेखा समिति, प्राक्कलन समिति तथा सार्वजनिक उपक्रमों पर समिति)
- भारतीय लेखांकन तथा अंकेक्षण प्रणाली: महालेखा नियन्त्रक की भूमिका
- भारत का नियन्त्रक तथा महालेखा परीक्षक
- भारतीय राज्यों में लोक प्रशासन
- राज्य स्तर पर राजनीतिक कार्यपालिका (राज्यपाल का पद)
- राज्य स्तर पर राजनीतिक कार्यपालिका (मन्त्रिपरिषद् एवं मुख्यमन्त्री)
- राज्य प्रशासन (राज्य सचिवालय का संगठन, कार्य एवं भूमिका)
- राज्य प्रशासन (मुख्य सचिव का पद एवं भूमिका)
- राज्य प्रशासन (मन्त्रालय एवं विभागों का संगठन)
- भारत में जिला प्रशासन (जिला कलक्टर की भूमिका और स्थिति)
- जिला ग्रामीण विकास अभिकरण
- भारत में ग्रामीण विकास कार्यक्रम
- लोकतान्त्रिक विकेन्द्रीकरण एवं पंचायती राज: 73वें संवैधानिक संशोधन के सन्दर्भ में
- भारत में नगरीय शासन: 74वं संवैधानिक संशोधन के सन्दर्भ में
- सुशासन (उत्तम अभिशासन) की अवधारणा एवं भारत की पहल
- लोक सेवा में नैतिकता एवं मूल्य: भ्रष्टाचार के सन्दर्भ में
- ओम्बड्समेन का भारतीय प्रतिमान (लोकपाल और लोकआयुक्त)
- राजनीति का अपराधीकरण एवं प्रशासन
- भारत की राजनीतिक संस्कृति
- भारत में पुलिस प्रशासन (संगठनात्मक समस्याएं और चुनौतियां)
- भारत में कानून और व्यवस्था प्रशासन (समस्याएं)
- भारत में प्रशासनिक सुधार
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राज्य मानवाधिकार आयोग
- गठबंधन (मिलीजुली) सरकारें और प्रशासन में समस्याएं
- आपदा (आपात) प्रबन्धन
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