अर्थशास्त्र विषय का तीव्र गति से विकास हो रहा है और विषय में नवीन प्रवृत्तियां प्रवेश कर रही है जिनका सामान्य परिचय अर्थशास्त्र के प्रारम्भिक विद्यार्थियों को भी प्राप्त होना चाहिए | विभिन्न प्रामाणिक स्रोतों के आधार पर सम्पूर्ण पुस्तक को पूर्णत: अद्यतन बनाने का प्रयास किया गया है |
विषय-सूची
- ब्रिटिश भारत की आर्थिक नीतियां : एक संक्षिप्त परिचय
- स्वंतन्त्रता के समय अर्थव्यवस्था की स्थिति
- भारत में नियोजन अभ्यास (भारत में विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से नियोजन)
- योजना आयोग तथा निति आयोग
- सुधार पूर्व काल में भारत की आर्थिक वृध्दि एवं विकास
- नवीन आर्थिक सुधार (उदारीकरण, निजीकरण एवं भूमण्डलीकरण)
- सुधारोपरान्त काल में संवृध्दि विकास तथा सरंचनात्मक परिवर्तन
- जनांकिकीय प्रवृत्ति तथा शिक्षा, स्वास्थ्य, कुपोषण और देशान्तरण के मुद्दे
- गरीबी : प्रवृत्ति तथा नीतियां
- असमानता
- बेरोजगारी
- मानव विकास तथा गरीबी में कमी की अन्तर्राष्ट्रीय तुलना
- कृषि (महत्व एवं विशेषताएं, कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता तथा उत्पादकता के निर्धारक तत्व)
- भूमि सुधीर
- नवीन कृषि रणनीतियां एवं हरित क्रान्ति
- ग्रामीण साख
- कृषि विपणन
- प्राकृतिक संसाधन
- आधारभूत संरचना का विकास (निष्पादन, समस्याएं एवं नीतियां)
- मुद्रा योजना
- औद्योगिक संवृध्दि एवं विकास
- औद्योगिक उत्पादकता
- औद्योगिक निति तथा सुधार
- लघु एवं कुटीर उद्योगों का विकास एवं समस्याएं
- भारत के औद्योगीकरण में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की भूमिका
- सेवा क्षेत्र : प्रवृत्ति तथा निष्पादन
- विदेशी व्यापार की भूमिका (निर्यात-आयात प्रवृत्ति, भारत के विदेशी व्यापार की दिशा एवं रचना)
- निर्यात संवर्ध्दन प्रयास एवं नई व्यापारिक नीतियां
- राष्ट्रीय आय
- बचत तथा निवेश
- मुद्रा-स्फीति (अवधारणा, मांग प्रेरित, लागत प्रेरित तथा मिश्रित स्फीति और स्फीति की सामाजिक लागत)
- राजकोषीय निति
- मौद्रिक नीति
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