प्रस्तुत भारतीय समाज (मुद्दे एवं समस्याएं) Indian Society (Issues & Problems) पुस्तक में भारतीय सामाजिक समस्याओं पर आलोचनात्मक दृष्टिकोण से विचार किया गया है। समस्याएं प्रत्येक समाज में पाई जाती हैं और साथ ही उन्हें हल करने के प्रयत्न भी चलते रहते हैं। समकालीन भारतीय समाज में भी विविध सामाजिक समस्याओं को सुलझाने की दृष्टि से काफी प्रयत्न हुए हैं, परन्तु प्रयत्न में कहां तक सफलता मिली है, यह एक विवादास्पद प्रश्न है। जब तक किसी सामाजिक समस्या को उसके ही परिप्रेक्ष्य में नहीं देखा जाता, उसकी गहराई तक पहुंचने का सही प्रयत्न नहीं किया जाता, उसके विविध अन्तर्सम्बन्धित कारणों का पता लगाने की कोशिश नहीं की जाती, तब तक उसका सही निदान सम्भव नहीं है। किसी समस्या पर एकाकी दृष्टिकोण से विचार करके हम सही स्थिति तक नहीं पहुंच सकते। यही कारण है कि लेखकों ने विभिन्न समस्याओं को एक-दूसरे से पूर्णतः पृथक् नहीं मानते हुए उन्हें घनिष्ठ रूप से सम्बन्धित माना है। एक समस्या किसी दूसरी समस्या का कारण अथवा परिणाम बन जाती है। अतः प्रस्तुत पुस्तक में प्रत्येक सामाजिक समस्या की तह तक जाने का, उसके विविध कारकों का पता लगाने का, उसको हल करने हेतु किए गए प्रयत्नों की जानकारी प्राप्त करने तथा उनके मूल्यांकन का प्रयास किया गया है। साथ ही सामाजिक समस्याओं के क्षेत्र में किए गए अनुसन्धानों के निष्कर्षों को भी ध्यान में रखा गया है। लेखकों ने सभी प्रकार के पूर्वाग्रहों से अपने आपको मुक्त रखते हुए सर्वत्र वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बनाए रखने का प्रयास किया है।
यहां सभी सामाजिक समस्याओं पर समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण से विचार किया गया है और उनके निराकरण हेतु रचनात्मक सुझाव दिए गए हैं। हमारी यह मान्यता है कि जब तक व्यक्ति यह नहीं समझ ले कि अन्य व्यक्तियों के हित में उसका हित है, वह दूसरों के लिए कुछ कर सकता है, व्यक्ति और समाज के जीवन को उन्नत बनाने में योग दे सकता है, तब तक समस्याओं को हल करने के प्रयत्न प्रयत्नमात्र ही रहेंगे। अधूरे प्रयत्नों की सफलता संदिग्ध ही रहती है। आज यह बात राष्ट्रीय जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में प्रमाणित हो चुकी है। इन्हीं सब दृष्टिकोणों से सामाजिक समस्याओं से सम्बन्धित प्रामाणिक सामग्री को पुस्तक में प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया गया है।
लेखन-शैली में इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है कि पुस्तक में वर्णित सामग्री को विद्यार्थी सरलतापूर्वक समझ सकें। विद्यार्थियों की सुविधा के लिए शीर्षकों, उप-शीर्षकों एवं अवधारणाओं के लिए अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग किया गया है। विषय के विभिन्न विद्वानों के कथनों को आंग्ल भाषा में भी दिया गया है।
भारतीय समाज (मुद्दे एवं समस्याएं) Indian Society (Issues & Problems) Book विषय-सूची
- निरक्षरता (अशिक्षा)
- गरीबी (निर्धनता)
- बेकारी
- जाति एवं लिंग सम्बन्धी विषमता
- विसमरसता (असामंजस्य): धार्मिक, नृजातीय तथा क्षेत्रीय
- पिछड़े वर्ग
- दलित
- जनसंख्या समस्या तथा नियन्त्रण
- दहेज
- घरेलू (पारिवारिक) हिंसा
- विवाह विच्छेद
- अन्तर-पीढ़ी एवं अन्तःपीढ़ी संघर्ष
- बुजुर्गों (वृद्धों) की समस्या
- क्षेत्रीय असमानताएं
- विकास से सम्बन्धित विस्थापन
- पारिस्थितिकीय पतन (अपकर्ष) एवं पर्यावरण प्रदूषण
- उपभोक्तावाद
- अपराध
- बाल-अपराध
- श्वेतवसन अपराध
- मादक-द्रव्य व्यसन
- एड्स
- भ्रष्टाचार
- राष्ट्र-निर्माण के सामाजिक एवं सांस्कृतिक पहलू
- भारतीय समाज की समस्याएं एवं मुद्दे: समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य
Jitendra saini –
Nic