अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध International Relations Book For B.A. Part III of Allahabad University, Allahabad
आधुनिक विश्व में ‘अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों’ के अध्ययन का महत्व लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों के अध्ययन का एक मुख्य उद्देश्य राष्ट्रों के आपसी व्यवहार तथा आचरण के मूल कारणों का ज्ञान कराना है, जिससे यह ज्ञात हो सके कि राज्यों के आपसी व्यवहार की मूल प्रेरणाएं, उनके विशिष्ट आचरण और नीतियों के मूलभूत सिद्धान्त क्या हैं?
‘अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों’ का विषय अत्यधिक आधुनिक और रोचक है, परन्तु इसकी सीमा यह है कि इसमें आत्मपरकता की अत्यधिक सम्भावना है। विश्व में विविध प्रकार की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्थाएं हैं, विविध एवं परस्पर विरोधी राष्ट्रीय हित हैं, जो नागरिकों और राजनयिकों के विचारों एवं कार्यों को प्रभावित करते रहते हैं। यद्यपि लेखक लेखक पूर्ण निष्पक्षता का दावा नहीं करता फिर भी घटनाओं और विषय के विश्लेषण को वस्तुपरक बनाने का भरसक प्रयास किया गया है। इस विषय की दूसरी सीमा यह है कि अन्तर्राष्ट्रीय घटनाएं एवं हित द्रुतगति से परिवर्तित होते रहते हैं। लेखक ने यह पूर्ण प्रयास किया है कि पुस्तक को अधुनातन (Up-to-date) बनाया जाए। लेखक ने अपनी ओर से इस बात का भी भरसक प्रयत्न किया है कि पुस्तक की भाषा इतनी सरल और उसका प्रवाह इतना स्वाभाविक हो कि ‘अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों’ के गूढ़तम पक्ष को समझने में पाठकों को कोई कठिनाई न हो।
Unit–II: Cold War and its impact on World Politics Features of the present world order Globalisation and its impact on the developing world Problems of the third world security
Unit–III: NAM: Origin, role, and relevance North-South Dialogue Regional Organisations: ASEAN, SAARC
Unit–IV: International Terrorism, Nuclear Proliferation: Problem and Solution Disarmament and Arms Control Collective Security: Under the League and the United Nations
Unit–V: India’s Foreign Policy: Determinants and objectives Key features of Indian foreign policy India’s relations with Pakistan The Post-Cold War Indo-US relations
अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध International Relations Book विषय-सूची
- अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों का अध्ययन: अर्थ, प्रकृति एवं क्षेत्र
- अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों के अध्ययन के उपागम: आदर्शवादी एवं यथार्थवादी उपागम
- अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों के अध्ययन के उपागम: उदारवादी एवं नव-उदारवादी उपागम
- अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में राज्य एवं राज्येतरकर्ता की भूमिका
- शीत-युद्ध और इसका विश्व राजनीति पर प्रभाव
- वर्तमान विश्व व्यवस्था की विशेषताएं
- भूमण्डलीकरण (वैश्वीकरण) और विकासशील देशों पर इसके प्रभाव
- तृतीय विश्व की सुरक्षा समस्याएं
- गुटनिरपेक्षता
- उत्तर-दक्षिण संवाद
- क्षेत्रीय सहयोग के संगठन: आसियान तथा सार्क
- अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद
- परमाणु प्रसार: समस्या और समाधान
- निःशस्त्रीकरण एवं शस्त्र नियन्त्रण
- राष्ट्र संघ एवं संयुक्त राष्ट्र संघ के अन्तर्गत सामूहिक सुरक्षा
- भारत की विदेश नीति: उद्देश्य एवं निर्धारक तत्व
- भारत की विदेश नीति की प्रमुख विशेषताएं
- भारत-पाकिस्तान सम्बन्ध
- शीतयुद्धोत्तर भारत-अमरीका सम्बन्ध
Ram singh –
Best book…!