विश्व इतिहास की प्रमुख धाराएं 1871 ई. से 2001 ई. तक Main Currents of World History Book Syllabus
उद्देश्य: यूरोप में राष्ट्रवाद तथा औद्योगिक क्रांति के परिणाम साम्राज्यवाद तथा उपनिवेशवाद के रूप में सामने आए। उपरोक्त के कारण स्पष्ट परिभाषित पूंजीवाद का प्रादुर्भाव हुआ। राष्ट्रों के वैचारिक मतभेदों के कारण दो विश्व यु( हुए। इस विवेच्य काल में रूसी क्रांति हुई तथा साम्राज्यवाद और उपनिवेशवाद के विरू( संघर्ष भी हुआ। अध्ययन में उपरोक्त सभी घटनाक्रमों की अच्छी समझ अपेक्षित है।
इकाई-1 फ्रांस का तृतीय गणराज्य। कैसर विलियम प्रथम, बिस्मार्क की गृह एवं विदेश नीति। कैसर विलियम द्वितीय।
इकाई-2 अफ्रीका एवं तुर्की-अफ्रीका का विभाजन, पूर्वी समस्या, रूस-तुर्की युद्ध बर्लिन कांग्रेस (1878) युवा तुर्क आंदोलन, बाल्कन युद्ध प्रथम एवं द्वितीय 1905 की रूस की क्रान्ति
इकाई-3 यूरोप-प्रथम विश्व युद्ध-कारण, परिणाम एवं प्रभाव 1917 की रूस की क्रान्ति। विल्सन के चौदह सूत्र, पेरिस का शांति सम्मेलन एवं वर्साय की सन्धि, राष्ट्र संघ।
इकाई-4 चीन और जापान-चीन और जापान में उपनिवेशवाद और साम्राज्यवाद। प्रथम व द्वितीय अफीम युद्ध, ताईपिंग विद्रोह, बाॅक्सर विद्रोह, चीनी क्रान्ति 1911, जापान में मेइजी पुर्नस्थापना, आधुनिकीकरण, सैन्यवाद का उदय, चीन-जापान युद्ध 1894, रूस-जापान युद्ध 1905, चीन-जापान युद्ध 1937, इटली में फांसीवाद, मुसोलिनी की गृह एवं विदेश नीति जर्मनी में नाजीवाद, हिटलर की गृह एवं विदेश नीति, द्वितीय विश्वयुद्ध-कारण, परिणाम एवं प्रभाव।
इकाई-5 1949 की चीनी क्रांति, तृतीय विश्व एवं गुटनिरपेक्ष का उद्भव, संयुक्त राष्ट्र एवं अंतर्राष्ट्रीय विवाद, सोवियत संघ का विघटन, शीतयुद्ध व शीतयुद्ध का समापन।
विश्व इतिहास की प्रमुख धाराएं 1871 ई. से 2001 तक Main Currents of World History Book विषय-सूची
Unit-1
- फ्रांस का तृतीय गणराज्य
- कैसर विलियम प्रथम, बिस्मार्क: गृह एवं विदेश नीति
- कैसर विलियम द्वितीय की विश्व राजनीति
Unit-2
- अफ्रीका का विभाजन
- पूर्वी प्रश्न, बर्लिन कांग्रेस, युवा तुर्क आन्दोलन व बाल्कन युद्ध
- 1905 ई. की रूसी क्रान्ति
Unit-3
- प्रथम विश्व-युद्ध: कारण, घटनाएं व प्रभाव
- 1917 ई. की महान् रूसी समाजवादी क्रान्ति
- पेरिस का शान्ति-सम्मेलन, विल्सन के चौदह सूत्र.
- राष्ट्र संघ
Unit-4
- जापान में उपनिवेशवाद एवं साम्राज्यवाद, मेईजी पुनर्स्थापना एवं जापान का आधुनिकीकरण
- जापान में सैन्यवाद का उत्कर्ष, चीन-जापान युद्ध (1894-95), रूस-जापान युद्ध (1904-5)
- चीन में उपनिवेशवाद एवं साम्राज्यवाद
- ताईपिंग विद्रोह
- बाॅक्सर विद्रोह, चीन की 1911 ई. की क्रान्ति, द्वितीय चीन-जापान युद्ध (1937)
- फासीवाद का उदय: मुसोलिनी की आंतरिक एवं वैदेशिक नीति
- नाजीवाद – हिटलर की गृह एवं विदेश नीति
- दोनों विश्वयुद्धों के मध्य विश्व राजनीति
- द्वितीय विश्वयुद्ध: कारण, घटनाएं एवं प्रभाव
Unit-5
- 1949 ई. की चीनी क्रांति
- गुटनिरपेक्ष का उद्भव
- संयुक्त राष्ट्र एवं अंतर्राष्ट्रीय विवाद
- सोवियत संघ का विघटन
- शीतयुद्ध व शीतयुद्ध का समापन
Raj maski –
Its good