विश्व के प्रमुख संविधान Major Constitutions of the World Book का नवीनतम संस्करण
- पुस्तक की भाषा शैली बहुत ही सरल और रोचक रखी गयी है जिससे विद्यार्थियों को विभित्र देशों के संविधान और उनकी शासन व्यवस्था को समझने में कोई कठिनाई न हो। विषय-सामग्री प्रस्तुत करने में प्रामाणिक स्त्रोतों का आश्रय लिया गया है और विद्यार्थियों को अस्पष्टता एवं सन्देह की स्थिति से दूर रखा गया है। विभित्र पद और संस्थाओं के सम्बन्ध में आवश्यकतानुसार तुलनात्मक विवेचनाएं प्रस्तुत की गई हैं।
- पुस्तक की समस्त विषय-सामग्री को ‘पूर्णतया अद्यतन’ (Most Up-to-Date) बनाया गया है और इस दृष्टि से विभिन्न देशों के संविधान और शासन व्यवस्था के सम्बन्ध में जून 2010 तक की स्थिति का उल्लेख हैं चीन के संविधान में 2001 और 2002 में किये गये महत्वपूर्ण परिवर्तन तथा 17 वीं पार्टी कांग्रेस (अक्टूबर 2007), अमेरीकी राष्ट्रपति के चुनाव (2008), आदि सभी घटनाओं का यथास्थान उल्लेख किया गया है। इन सबके अतिरिक्त अभी 2 मई, 2010 में ब्रिटेन में जो आम चुनाव हुए उन चुनावों ने अब तक की राजनीतिक स्थिति से पूर्णतया भिन्न राजनीतिक स्थिति को जन्म दिया है। द्वितीय महायुद्ध के बाद से ही ब्रिटेन में द्विदलीय पद्धति तथा उसके परिणाम स्वरूप एक ही राजनीतिक दल की सरकार चली आ रही थी। मई 2010 ई. के आम चुनावों ने ब्रिटेन में त्रिदलीय पद्धति और गठबंधन सरकार को जन्म दिया है। इस स्थिति के परिणाम स्वरूप राज-व्यवस्था के व्यावहारिक स्वरूप में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। प्रस्तुत पुस्तक में इन सभी परिवर्तित स्थितियों का यथास्थान आवश्यक विस्तार के साथ उल्लेख किया गया है।
- विशेष बात यह है कि ब्रिटेन और स्विट्जरलैण्ड की संवैधानिक व्यवस्थओं में इन वर्षों में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। संवैधानिक सुधार कानून, 2005 ई. (Constitutional Reform Act, 2005) के द्वारा लाॅर्ड चांसलर की भूमिका में महत्वपूर्ण परिवर्तन किये गये और ब्रिटेन में व्यवस्थापिका और कार्यपालिका से पूर्णतया स्वतन्त्र एक ‘सर्वोच्च न्यायालय’ की स्थापना की व्यवस्था की गई तथा अक्टूबर 2009 ई. में विधिवत् रूप से सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना हो गई है। प्रस्तुत पुस्तक में ब्रिटेन की संवैधानिक व्यवस्था में हुए इन परिवर्तनों का यथास्थान आवश्यक विस्तार के साथ उल्लेख किया गया है।
- इन सबके अतिरिक्त स्विट्जरलैण्ड में एक पुर्णतया नवीन संविधान का निर्माण कर अप्रैल, 1999 में इसे लागू किया गया है तथा 2001 और 2002 ई. में इस संविधान में महत्वपूर्ण परिवर्तन किये गये हैं। प्रस्तुत पुस्तक में स्विट्जरलैण्ड की राजनीतिक व्यवस्था का वर्णन 1999 में लागू किये गये तथा उसके उपरान्त संशोधित किये गये संविधान के आधार पर किया गया है।
- ‘भारतीय संविधान में अब तक हुए 104 संवैधानिक संशोधनों सहित भारतीय राजव्यवस्था में अब तक हुए सभी परिवर्तनों (17 वीं लोकसभा के चुनाव, 2019 तक) को पुस्तक में यथास्थान सम्मिलित किया गया है। 15वें वित्त आयोग के गठन से सम्बन्धित सामग्री का भी पुस्तक में समावेश किया गया है। समस्त विषय-वस्तु के प्रसंग में आज तक की स्थिति को दृष्टि में रखा गया है। इस दृष्टि से पुस्तक ‘पूर्णतया आद्योपान्त’ (Most up-to-date) है।
विश्व के प्रमुख सविंधान Major Constitutions of the World Book विषय-सूची
ब्रिटेन का संविधान
- ब्रिटिश संविधान: विकास, महत्व और विशेषताएं
- संविधान के अभिसमय अथवा वैधानिक परम्पराएं
- सम्राट और राजमुकुट
- मन्त्रिमण्डल और प्रधानमन्त्री
- नौकरशाही या लोक सेवाएं
- संसद
- विधि का शासन और सर्वोच्च न्यायालय
- दलीय व्यवस्था
संयुक्त राज्य अमेरिका का संविधान
- अमरीकी संविधान की पृष्टभूमि, महत्व और विशेषताएं
- शक्तियों का पृथक्करण एवं नियन्त्रण तथा सन्तुलन
- अमरीका की संघीय व्यवस्था
- संघीय कार्यपालिका: राष्ट्रपति एवं केबीनेट
- कांग्रेस: संगठन और कार्य
- संघीय न्यायपालिका और न्यायिक पूनर्विलोकन
- दलीय व्यवस्था
स्विट्जरलैण्ड का संविधान
- संविधान का विकास और उसकी विशेषताएं
- मौलिक अधिकार
- स्विट्जरलैण्ड की संघीय व्यवस्था
- संघीय व्यवस्थापिका: संघीय संसद
- संघीय सरकार
- स्विस न्यायपालिका: संघीय सर्वोच्च न्यायालय और अन्य न्यायिक सत्ताएं
- स्विट्जरलैण्ड में प्रत्यक्ष लोकतन्त्र
- स्विट्जरलैण्ड के राजनीतिक दल
चीन का संविधान
- संवैधानिक विकास और जनवादी चीन के संविधान (1982) की विशेषताएं
- मौलिक अधिकार तथा कर्तव्य
- जनवादी चीन का विधान-मण्डल: राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस
- जनवादी चीन का शासन-तन्त्र राष्ट्रपति, राज्य परिषद् (मन्त्रिपरिषद्) तथा केन्द्रीय सैनिक आयोग
- न्याय व्यवस्था
- साम्यवादी दल: भूमिका और संगठन
भारत का संविधान
- संविधान निर्मात्री सभा और भारतीय संविधान का निर्माण: प्रमुख मुद्दे एवं दृष्टिकोण
- प्रस्तावना (उद्देशिका)
- भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताएं
- मूल अधिकार
- राज्य नीति के निदेशक तत्व
- संघीय कार्यपालिका: राष्ट्रपति
- संघीय कार्यपालिका: मन्त्रिपरिषद और प्रधानमन्त्री
- संघीय व्यवस्थापिका: संसद
- सर्वोच्च न्यायालय: न्यायिक पुनर्विलोकन और न्यायिक सक्रियतावाद एवं जनहित याचिकाएं
- चुनाव आयोग, चुनाव सुधार और मतदान व्यवहार
- संघीय व्यवस्था की प्रकृति
- संघ-राज्य सम्बन्ध: नवीन प्रवृत्तियां और विकास
- राज्यपाल
- राजनीतिक दल: बहुदलीय व्यवस्था और क्षेत्रीय दल
- आपातकालीन प्रावधान
- उच्च न्यायालय: रचना, शक्तियां और कार्य
- मन्त्रिपरिषद् और मुख्यमन्त्री
- राज्य विधानमण्डल: रचना, शक्तियां और कार्य
- पंचायती राज और नगरीय स्थानीय संस्थाएं
Dr.J .S .Singh –
This Book is very useful for every student sand Teacher