Silents Features of The Book :
- प्रबन्ध विज्ञान एवं तकनीकों के साथ ’प्रबन्ध’ और ’लेखाविधि’ एक-दूसरे के निकट आ गए हैं तथा लेखाविधि के विश्लेषण तथा निर्वचन प्रबन्धकीय क्रियाओं के आधार एवं मार्गदर्शक बन गए हैं और लेखाविधि की एक नवीन शाखा ’प्रबन्धकीय लेखाविधि’ का विकास हुआ है। विषय की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मार्गनिर्देशित बी.कॉम. के नवीन पाठ्यक्रमों में ’प्रबन्धकीय लेखाविधि’ को एक महत्वपूर्ण विषय के रूप में शामिल किया गया तथा बी.कॉम. के एकीकृत पाठ्यक्रम में इसे बी.कॉम. (तृतीय वर्ष) में रखा गया है। इसी सन्दर्भ में प्रस्तुत पुस्तक का नवीन, संशोधित एवं परिमार्जित संस्करण प्रस्तुत करते हुए मुझे अपार हर्ष का अनुभव हो रहा है। पुस्तक की विशिष्टताएं निम्न प्रकार है:
- विषय-सामग्री को पूर्णतः उत्तरपूर्णत में एकीकृत पाठ्यक्रम में इस विषय के निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार हीव्यवस्थित एवं विन्यासित किया गया है।
- पुस्तक के संशोधित संस्करण में अध्याय अनुपात विश्लेषण एवं कोष प्रवाह विवरण को पूर्णतः नए सिरे से तैयार किया गया है तथा नवीन सामाग्री का समावेश परिमार्जित किया है। साथ ही अथ्याय रोकड़ प्रवाह विवरण को पूर्णतः लेखांकन मानक-3 तथा लेखांकन मानक-4 (संशोधित), के आधार पर संशोधित एवं परिमार्जित किया गया है।
- वित्त (नं. 2) अधिनियम, 2019 द्वारा कम्पनियों पर लागू आय कर की नई दर @ 25% के आधार पर संशोधित किया गया है।
- पुस्तक के इस संशोधित संस्करण की उल्लेखनीय विशेषता यह है कि वित्तीय विवरण अध्याय में कम्पनी अधिनियम, 2013 की अनुसूची प्प्प् में दिनांक 24 र्माच, 2021 को संशोधित चिट्ठा तथा लाभ हानि विवरण का नया प्रारूप, जो 1 अप्रैल, 2021 से लागू हुआ है, को सम्मिलित किया गया है।
- पुस्तक की भाषा-शैली को अत्यन्त सरल रखा गया है तथा शीर्षकों एवं उप-शीर्षकों के अंग्रजी पर्याय भी दिए गए हैं।
- संख्यात्मक प्रश्नों को सरलता से कठिनता की और क्रमबद्ध रूप् में अनुविन्यासित करने का प्रयत्न किया गया है। उदाहरणों एवं प्रश्नों को समान क्रम में रखा गया है, जिससे विद्यार्थी उदाहरणों के आधार पर प्रश्न हल करता रहे।
- सभी उदाहरणों एवं प्रश्नो को हिंदी तथा दोनों भाषाओँ में दिया गया है, जिससे उन्हें अधिकाधिक स्पष्टता से समझा जा सके | प्रश्नो के चयन में बी.कॉम के स्तर को विशेष रूप से ध्यान में रखा गया है |
- सभी महत्वपूर्ण विश्वविद्यालयों के प्रश्न-पत्रों के नवीन प्रारूपों के अनुसार विभिन्न अध्यायों के अन्त में लघु उत्तरीय एवं वस्तुनिष्ठ प्रश्नो को पर्याप्त संख्या में जोड़ा गया है |
- विभिन्न अध्यायों में प्रयुक्त सूत्रों को सरल, लेकिन मानक रूप में रखा गया है तथा प्रत्येक अध्याय के अन्त में उस अध्याय में प्रयुक्त सभी सूत्रों को एक स्थान पर दिया गया है
विषय-सूची
- प्रबन्धकीय लेखाविधि : परिचय
- वित्तीय विवरण
- वित्तीय विवरणों का विश्लेषण एवं निवर्चन
- अनुपात विश्लेषण
- कोष प्रवाह विवरण
- रोकड़ प्रवाह विवरण (लेखांकन मानक-3 के आधार पर)
- अवशोषण लागत विधि एवं सीमान्त लागत विधि
- सीमान्त लागत विधि (निर्णयन उपकरण के रूप में)
- विभेदात्मक लागत लेखाविधि
- लागत-मात्रा-लाभ विश्लेषण (सम-विच्छेद बिन्दु)
- बजट एवं बजटन
- बजटरी नियन्त्रण
- स्थिर एवं लोचदार बजटन
- रोकड़ बजट
- विक्रय एवं उत्पादन बजट
- नियन्त्रण अनुपात
- शून्य आधार बजटन
- उत्तरदायित्व लेखांकन
- निष्पादन बजटन
- प्रमाप लागत विधि
- विषरण विश्लेषण : सामग्री एवं श्रम विचरण
- उपरिव्यय (द्वि-पथ) विचरण विश्लेषण
- पूंजीगत बजटन (दीर्घकालीन निवेश निर्णय : प्रकृति विशेषताएं एवं श्रेणीयन)
- प्रबन्ध हेतु लेखा रिपोर्ट (प्रतिवेदन)
- एक सुचना पध्दति के रूप में लिखांकन
- क्रिया आधारित लागत अंकन
- लक्ष्य एवं उत्पाद जीवन चक्र लागत अंकन
- मूल्य श्रृंखला विश्लेषण एवं गुणवत्ता लागत विधि
- स्थानान्तरण कीमत (आशय, आवश्यकता एवं पद्धितियां)
- कीमत-स्तर परिवर्तनों के लिए लेखांकन (सम्पत्तियों के मूल्यांकन सहित)
- वित्तीय पट्टे का लेखांकन (लेखांकन मानक-19 के अनुसार)
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