प्रबन्ध विज्ञान एवं तकनीकों के विकास के साथ ‘प्रबन्ध’ और ‘लेखाविधि’ एक-दूसरे के निकट आ गए हैं तथा लेखाविधि के विश्लेषण तथा निर्वचन प्रबन्धकीय क्रियाओं के आधार एवं मार्गदर्शक बन गए हैं और लेखाविधि की एक नवीन शाखा ‘प्रबन्धकीय लेखाविधि’ का विकास हुआ है।
प्रबन्धकीय लेखाविधि Management Accounting पुस्तक की विशिष्टताएं निम्न प्रकार हैं:
- विषय-सामग्री को बी. कॉम. VI सेमेस्टर हेतु निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार ही व्यवस्थित एवं विन्यासित किया गया है।
- पुस्तक के संशोधित संस्करण में अध्याय अनुपात विश्लेषण एवं कोष प्रवाह विवरण को पूर्णतः नए सिरे से तैयार किया गया है तथा नवीन सामग्री का समावेश परिमार्जित किया है। साथ ही अध्याय रोकड़ प्रवाह विवरण को पूर्णतः लेखांकन मानक-3 तथा लेखांकन मानक-4 (संशोधित) के आधार पर संशोधित एवं परिमार्जित किया गया है।
- वित्त (नं. 2) अधिनियम, 2019 द्वारा कम्पनियों पर लागू आय कर की नई दर @ 25% के आधार पर Numerical Questions को संशोधित किया गया है।
- पुस्तक के इस संशोधित संस्करण की उल्लेखनीय विशेषता यह है कि कम्पनी अधिनियम, 2013 की अनुसूची III के अनुरूप चिट्ठा एवं लाभ-हानि विवरण के संशोधित प्रारूप के अनुरूप सभी सम्बन्धित अध्यायों को पुनः तैयार किया गया है। इसमें केवल नवीन प्रारूप ही प्रयुक्त नहीं किए गए हैं, वरन् उनमें प्रयुक्त शब्दावली भी कम्पनी अधिनियम के प्रावधानों एवं व्यवस्थाओं के अनुसार है।
- पुस्तक की भाषा-शैली को अत्यन्त सरल रखा गया है तथा शीर्षकों एवं उप-शीर्षकों के अंग्रेजी पर्याय भी दिए गए हैं।
- संख्यात्मक प्रश्नों को सरलता से कठिनता की ओर क्रमबद्ध रूप में अनुविन्यासित करने का प्रयत्न किया गया है। उदाहरणों एवं प्रश्नों को समान क्रम में रखा गया है, जिससे विद्यार्थी उदाहरणों के आधार पर प्रश्न हल करता रहे।
- सभी उदाहरणों एवं प्रश्नों को हिन्दी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में दिया गया है, जिससे उन्हें अधिकाधिक स्पष्टता से समझा जा सके। प्रश्नों के चयन में बी. कॉम. के स्तर को विशेष रूप से ध्यान में रखा गया है।
- सभी महत्त्वपूर्ण विश्वविद्यालयों के प्रश्न-पत्रों के नवीन प्रारूपों के अनुसार विभिन्न अध्यायों के अन्त में लघु उत्तरीय एवं वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को पर्याप्त संख्या में जोड़ा गया है।
- विभिन्न अध्यायों में प्रयुक्त सूत्रों को सरल, लेकिन मानक रूप में रखा गया है तथा प्रत्येक अध्याय के अन्त में उस अध्याय में प्रयुक्त सभी सूत्रों को एक स्थान पर दिया गया है।
प्रबन्धकीय लेखाविधि Management Accounting Syllabus For B.Com. Semester VI of Chaudhary Devi Lal University, Sirsa
Unit-I : Introduction: Meaning, nature, significance and scope, rules and techniques of management accounting; difference between cost accounting and management accounting, cost control, cost reduction, cost management.
Budgeting and budgetary control: the concept of budget and budgetary control objectives, merits, and limitations, budget administration, functional budgets, fixed and flexible budgets, zero base budget, program and performance budgets. Ratio analysis
Unit-II: Standard costing and variance analysis: concept and significance; advantages, limitations and applications, variance analysis – material, labor.
Marginal Costing: Absorption versus variable costing – distinctive features and income determination; cost-volume-profit analysis: break-even analysis-algebraic and graphic methods; contribution; P/V ratio, break-even-point; margin of safety: angle of incidence; determination of cost indifference point.
Unit-III: Responsibility Accounting: Concept, significance, types of responsibility centers, divisional performance measurement – financial measures. Funds flow statement Cash flow statement
प्रबन्धकीय लेखाविधि Management Accounting Book Contents
- प्रबन्धकीय लेखाविधि: प्रकृति, क्षेत्र एवं महत्त्व
- लागत नियंत्रण एवं लागत में कमी
- लागत प्रबंध
- बजटन एवं बजटरी नियन्त्रण
- शून्य आधार बजटन
- कार्यक्रम एवं निष्पादन बजटन
- प्रमाप लागत विधि
- विचरण विश्लेषण: सामग्री एवं श्रम विचरण
- अवशोषण एवं सीमान्त (परिवर्तनशील) लागत विधि
- लागत-मात्रा-लाभ विश्लेषण (सम विच्छेद बिंदु)
- उत्तरदायित्व लेखांकन
- अनुपात विश्लेषण
- कोष प्रवाह विवरण
- रोकड़ प्रवाह विवरण (लेखांकन मानक-3 के आधार पर)
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