Silent Features of the Book
- मध्य प्रदेश के विभिन्न विष्वविद्यालयों में बी. कॉम. प्रथम वर्ष हेतु केंद्रीय अध्ययन मण्डल द्वारा अनुशंसित नवीन शिक्षा पध्दति, 2020 के अंतर्गत नया वार्षिक पाठ्यक्रम ( Year-wise Syllabus) लागू किया गया है इस पुस्तक का प्रस्तुत संस्करण पूर्णत: नवीन पाठ्यक्रमानुसार तैयार किया गया है
- ”मुद्रा एवं बैंकिंग” पुस्तक का पाठकों ने जिस उत्साह के साथ स्वागत किया है, वह हमारे लिए प्रसन्नता का विषय है पुस्तक का पुन: आद्योपान्त संशोधित संस्करण पाठकों के समझ प्रस्तुत है
- पुस्तक का संशोधन करते समय नवीनतम महत्वपूर्ण दस्तावेजों का सहारा लिया गया है विभिन्न अध्यायो में नवीनतम सामग्री का समावेश किया गया है अन्तराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विशव बैंक, एशियाई विकास बैंक, आदि अन्तराष्ट्रीय संस्थाओ का भारतीय सन्दर्भ में अधतन विवेचन छात्रों को नई जानजानकारी देगा प्रत्येक अध्याय के अन्त में पूर्व की भाँती महत्वपूर्ण प्रशनो के साथ ही उनके उत्तर-संकेत भी दिए गए है जो छात्रों को मार्गदर्शक सिद्ध होंगे
- श्री के. एल. बंसल, साहित्य भवन पुब्लिकेशन्स, आगरा ने बहुत ही काम समय में बड़े ही कलात्मक ढंग से एवं कुशलता से पुस्तक का प्रकाशन किया है इस हेतु हम उनके ह्रदय से आभारी है
मुद्रा एवं बैंकिंग Money and Banking Book For B.Com Ist Year as per Syllabus of Awadhesh Pratap Singh University (APSU), Barkatullah University, Rani Durgavati Vishwavidyalaya Jabalpur (RDVV), Vikram University Ujjain, Dr. Harisingh Gour University Sagar (DHGU)
- मुद्रा : अर्थ, कार्य एवं वर्गीकरण- मुद्रा की अवधारणा, परिभाषाएं, कार्य एवं महत्व, मुद्रा का वर्गीकरण पूंजीवादी एवं मिश्रित अर्थव्यवस्था में मुद्रा की भूमिका अच्छी मुद्रा के आवश्यक तत्व, मुद्रा आपूर्ति (एग्रीगेटस), पत्र मुद्रा-अर्थ स्वरूप, सिद्धान्त एवं भारत में नोट निगर्मन की विधियां ग्रेशम का नियम, विमुद्रीकरण या नोटबांदी
शब्द्कुंजी : मुद्रा, मुद्रा की भूमिका, पत्र मुद्रा, नोटबन्दी मुद्रा आपूर्ति (एग्रीगेट्स) - मुद्रा का मूल्य एवं आर्थिक उच्चावचन : मुद्रा मूल्य के सिद्धान्त-मुद्रा का परिमाणा सिद्धान्त, फिशर एवं केम्ब्रिज का समीकरण और आय सिद्धान्त, आर्थिक उच्चावचन-मुद्रा प्रसार एवं मुद्रा संकुचन, मुद्रास्फीति जनित मंदी
शब्द्कुंजी : मुद्रा बाजार, साख नियन्त्रण, मौद्रिक निति, भारत की वर्तमान मौद्रिक निति - मुद्रा बाजार एवं मौद्रिक निति : मुद्रा बाजार के कार्य एवं महत्व, भारतीय मुद्रा बाजार, मुद्रा निति एवं इसके उद्देश्य, संकेतक और मुद्रा निति के उपकरण, खुली अर्थव्यवस्था में मौद्रिक निति, भारत की वर्तमान मौद्रिक निति
शब्द्कुंजी : मुद्रा बाजार, साख नियन्त्रण, मौद्रिक निति, भारत की वर्तमान मौद्रिक निति - बैंकिंग संस्थाएं : बैंक की अवधारणा परिभाषाएं, कार्य एवं महत्व, बैंको के प्रकार : वाणिज्यिक बैंक, विकास बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, सूक्ष्म वित्त संस्थाएं, निजी बैंक, देशी बैंकर, साख सृजन (निमार्ण), अर्थव्यवस्था में बैंको की भूमिका
शब्द्कुंजी : भारत में बैंकिंग संस्थाएं, बैंको के प्रकार, साख सृजन, अर्थव्यवस्था में बैंकिंग की भूमिका - केद्रीय बैंक में सुधार की निति : केद्रीय बैंक के उद्देश्य तथा अर्थव्यवस्था में इसकी भूमिका, भारतीय रिजर्व बैंक : संगठन, ढांचा, एवं कार्य रिजर्व बैंक द्वारा साख सृजन (निर्माण) एवं नियंत्रण, बैंको का राष्ट्रीयकरण एवं इसके उद्देश्य, बैंकिंग क्षेत्र में सुधार, भारत में बैंकिंग प्रणाली में वर्तमान प्रवृत्तियां
शब्द्कुंजी : केंद्रीय बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक, बैंको का राष्ट्रीयकरण, बैंको में सुधार बैंको में वर्तमान प्रवृत्तियां
मुद्रा एवं बैंकिंग विषय-सूची
- मुद्रा (उदगम, परिभाषा, कार्य एवं महत्व)
- मुद्रा का वर्गीकरण
- मुद्रा-स्फीति, विस्फीति एवं संस्फीति
- मुद्रा का परिमाण सिद्धान्त
- मुद्रा के मूल्य में परिवर्तन तथा उसका माप : सूचकांक
- मुद्रमान (पत्र मुद्रमान सहित)
- मुद्रा की मांग एवं पूर्ति
- सवर्णमान
- बैंकिंग : विकास, परिभाषा, कार्य, प्रकार एवं महत्व
- केंद्रीय बैंकिंग एवं उसके कार्य
- व्यापारिक बैंक
- साख निर्माण एवं साख गुणक
- रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया
- भारतीय बैंकिंग संरचना एवं बैंको का राष्ट्रीयकरण
- बैंको का निजीकरण
- भारत में बैंकिंग क्षेत्र में सुधार एवं नरसिम्हम समिति प्रतिवेदन
- मौद्रिक निति
- भारतीय मौद्रिक बाजार
- अंतर्राष्ट्रीय तरलता, विशेष आहरण अधिकार एवं नवीन मौद्रिक प्रणाली
- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा-कोष
- अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक
- एशियाई विकास बैंक
- विदेशी विनिमय : अर्थ एवं प्रकार
- विनिमय दर का निर्धारण
- विनिमय नियन्त्रण (उद्देश्य एवं विधियां)
- भुगतान सन्तुलन
- अवमूल्यन और अधिमुल्यन
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