आधुनिक भारत के इतिहास के अध्ययन का वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विशेष महत्व है, क्योंकि यह वही समय था, जब अंग्रेजों द्वारा भारतीयों का शोषण किया जा रहा था तथा भारतीयों ने अपने तन-मन-धन की चिन्ता न करते हुए शोषण तथा शोषक-व्यवस्था के विरुद्ध आवाज उठाई। ‘फूट डालो और राज करो’ की अंग्रेजी नीति के छलावे में न आकर एकजुट होकर प्रयत्न करते हुए भारतीयों ने अपनी मातृभूमि को स्वतन्त्र कराया। किसी भी देश के इतिहास में उसके स्वतन्त्रता आन्दोलन का विशिष्ट स्थान होता है। उसमें निहित देशभक्तों की सेवा, त्याग और उत्कृष्ट बलिदान की रोमांचक घटनाएं, उस देश की जनता के लिए सदैव प्रेरणा के स्रोत का कार्य करती हैं तथा एकता एवं देश-प्रेम की भावनाओं को प्रबल बनाती हैं।
भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन में विभिन्न प्रमुख राजनीतिक नेताओं के अतिरिक्त समाज के प्रत्येक वर्ग ने महत्वपूर्ण भाग लिया था, किन्तु दुर्भाग्यवश, उनके कार्यों को अद्यतन प्रकाशित ग्रन्थों में समुचित स्थान प्रदान नहीं किया गया है। प्रस्तुत ग्रन्थ में तत्कालीन समाज के विभिन्न वर्गों, किसानों, मजदूरों, सभी राजीनीतिक दलों तथा उनके नेताओं, क्रान्तिकारियों व आजाद हिन्द फौज, आदि के द्वारा भारत की स्वतन्त्रता के लिए किए गए प्रयत्नों तथा उनके महत्व का आलोचनात्मक वर्णन किया गया है। इसके साथ ही यह भी ध्यान रखा गया है कि प्रस्तुत पुस्तक अपने मूल उद्देश्योंकृविद्यार्थियों को आधुनिक भारतीय इतिहास की समुचित एवं तथ्यों पर आधारित जानकारी उपलब्ध कराने में सफल हो सके।
आधुनिक भारत का राजनीतिक एवं सांस्कृतिक इतिहास (1707 ई. से 1950 ई. तक) Political & Cultural History of Modern India (1707 A.D – 1950 A.D) Book विषय-सूची
- मुगल साम्राज्य के पतन के कारण
- औरंगजेब के पश्चात् मुगल-साम्राज्य का विघटन तथा नादिरशाह का अभियान
- पेशवाओं के अधीन मराठा
- भारत में यूरोपियों का आगमन तथा कर्नाटक व बंगाल में अंग्रेजी सत्ता की स्थापना
- भारत में अंग्रेजी साम्राज्य का विस्तार
- कर्जन तक औपनिवेशिक प्रशासनिक प्रणाली (1772 ई. से 1905 ई)
- ब्रिटिश शासन का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
- अंग्रेजी शासन का प्रतिरोध
- भारतीय रियासतों के प्रति ब्रिटिश नीति
- सीमावर्ती राज्यों से सम्बन्ध (उत्तरी व उत्तरी-पूर्वी सीमाएं)
- अंग्रेजी शिक्षा पद्धति तथा उसका प्रभाव
- भारत में सामाजिक-धार्मिक आन्दोलन
- 1858 ई., 1861 ई. व 1892 ई. के अधिनियम
- प्रशासकीय विकेन्द्रीकरण
- भारत में लोक सेवाओं का विकास
- राजनीतिक जागृति एवं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना
- स्वदेशी आन्दोलन
- उग्रवादी आन्दोलन
- युद्ध के वर्ष
- क्रान्तिकारी आन्दोलन
- 1909 ई. एवं 1919 ई. के भारतीय अधिनियम
- खिलाफत आन्दोलन
- जलियांवाला काण्ड एवं असहयोग आन्दोलन
- स्वराज्य दल का उदय
- सविनय अवज्ञा आन्दोलन
- 1935 ई. का अधिनियम
- मुस्लिम साम्प्रदायिकता का विकास
- क्रिप्स योजना तथा भारत छोड़ो आन्दोलन
- विभाजन की भूमिका, विभाजन एवं स्वतन्त्रता प्राप्ति
- रियासतों का विलय एवं भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताएं
- कृषक संगठन तथा व्यापार संघ आन्दोलन
- आधुनिक भारत के प्रमुख व्यक्तित्व
Reviews
There are no reviews yet.