आधुनिक भारत का राजनीतिक इतिहास (1740 ई. से 1964 तक) [Political History of Modern India] Book For B.A. III Year of Dr. Bhimrao Ambedkar University Agra, Mahatma Jyotiba Phule Rohilkhand University Bareilly, Veer Bahadur Singh Purvanchal University Jaunpur, Chaudhary Charan Singh University Meerut
आधुनिक भारत का राजनीतिक इतिहास (Political History of Modern India) के अध्ययन का वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विशेष महत्व है, क्योंकि यह वही समय था, जब अंग्रेजों द्वारा भारतीयों का शोषण किया जा रहा था तथा भारतीयों ने अपने तन-मन-धन की चिन्ता न करते हुए शोषण तथा शोषक-व्यवस्था के विरुद्ध आवाज उठाई। ‘फूट डालो और राज करो’ की अंग्रेजी नीति के छलावे में न आकर एक जुट होकर प्रयत्न करते हुए भारतीयों ने अपनी मातृभूति को स्वतन्त्र कराया। किसी भी देश के इतिहास में उसके स्वतन्त्रता आन्दोलन का विशिष्ट स्थान होता है। उसमें निहित देशभक्तों की सेवा, त्याग और उत्कृष्ट बलिदान की रोमांचक घटनाएं, उस देश की जनता के लिए सदैव प्रेरणा के स्रोत का कार्य करती हैं तथा एकता एवं देश-प्रेम की भावनाओं को प्रबल बनाती हैं।
भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन में विभिन्न प्रमुख राजनीतिक नेताओं के अतिरिक्त समाज के प्रत्येक वर्ग ने महत्वपूर्ण भाग लिया था, किन्तु दुर्भाग्यवश, उनके कार्यों को अद्यतन प्रकाशित ग्रन्थों में समुचित स्थान प्रदान नहीं किया गया है। प्रस्तुत ग्रन्थ में तत्कालीन समाज के विभिन्न वर्गों, किसानों, मजदूरों, सभी राजनीतिक दलों तथा उनके नेताओं, क्रान्तिकारियों व आजाद हिन्द फौज, आदि के द्वारा भारत की स्वतन्त्रता के लिए किए गए प्रयत्नों तथा उनके महत्व का आलोचनात्मक वर्णन किया गया है। इसके साथ ही यह भी ध्यान रखा गया है कि प्रस्तुत पुस्तक अपने मूल उद्देश्यकृविद्यार्थियों को आधुनिक भारतीय इतिहास की समुचित एवं तथ्यों पर आधारित जानकारी उपलब्ध कराने में सफल हो सके।
आधुनिक भारत का राजनीतिक इतिहास का अध्ययन न केवल युवा वर्ग को स्वतन्त्रता एवं परतन्त्रता के अन्तर को समझाने में सहायक सिद्ध होगा, वरन् उन्हें भारत की एकता व अखण्डता को बनाए रखने हेतु प्रयास करने के लिए भी प्रेरित करेगा।
आधुनिक भारत का राजनीतिक इतिहास (1740 ई. से 1964 तक) [Political History of Modern India] Book विषय-सूची
- यूरोपियों का भारत आगमन
- बंगाल में अंग्रेजी शक्ति का उदय
- भारत में अंग्रेजी शासन का विस्तार: आंग्ल-मैसूर, आंग्ल मराठा सम्बन्ध
- बंगाल के गवर्नर-जनरल: वारेन हेस्टिंग्ज से कार्नवालिस, विलियम बैंटिंक, डलहौजी
- राज की विचारधारा: अंग्रेजी शासन का प्रतिरोध: 1857 ई. का विद्रोह
- भारतीय रियासतों से ब्रिटिश सम्बन्ध
- लाॅर्ड कैनिंग, लाॅर्ड लिटन तथा लाॅर्ड रिपन
- लाॅर्ड कर्जन
- 1858 ई., 1861 ई., 1892 ई., 1909 ई., एवं 1919 ई. के भारतीय अधिनियम
- 1935 ई. का भारत सरकार अधिनियम
- भारत में राष्ट्रवाद का उदय, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना तथा उदारवादी आन्दोलन
- स्वदेशी आन्दोलन
- उग्रवादी आन्दोलन, बंगाल का विभाजन
- युद्ध के वर्ष एवं भारतीय राष्ट्रवाद का विकास
- क्रान्तिकारी आन्दोलन
- खिलाफत आन्दोलन, गांधीवादी आन्दोलन: असहयोग आन्दोलन
- स्वराज दल का उदय एवं 1929 ई. तक प्रमुख राजनीतिक घटनाएं
- सविनय अवज्ञा आन्दोलन एवं गोलमेज सम्मेलन
- साम्प्रदायिक राजनीति
- विभाजन पूर्व राजनीति: क्रिप्स मिशन तथा भारत छोड़ो आन्दोलन
- विभाजन की भूमिका: वैवल योजना, कैबिनेट मिशन योजना, माउण्टबेटन योजना, विभाजन एवं स्वतन्त्रता प्राप्ति
- नवीन भारत का दृष्टिकोण
- आधुनिक भारत में विज्ञान एवं तकनीकी का विकास
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