Silents Features : प्रस्तुत पुस्तक बी. ए. तृतीय वर्ष हेतु ‘राजनीति विज्ञान’ विषय के विद्यार्थियों के लिया जय नारयण व्यास विश्विद्यालय, जोधपुर द्वारा अनुशंसित प्रथम एवं द्वितीय प्रश्न-पत्रों के नवीन संशोधित पाठयक्रम के आधार पर तैयार की गयी है | इसमें गागर में सागर भरने का अनूठा प्रयास किया गया है |
- प्रथम प्रश्न-पत्र : ‘अन्तराष्ट्रीय सम्बन्धों’ का विषय अत्यधिक आधुनिक और रोचक है, परन्तु इसकी सीमा यह है की इसमें आत्मपरकता की अत्यधिक सम्भावना है | विश्व में विविध प्रकार की सामाजिक, आर्थिक और राजनितिक व्यवस्थाएं है, विविध एवं परस्पर विरोधी राष्ट्रीय हित है जो नागरिकों और करते ; फिर भी घटनाओ और विषय के विश्लेषण को वस्तुपरक बनाने का भरसक प्रयास किया गया है | इस विषय की दूसरी सीमा यह है की अंतराष्ट्रीय घटनाएं एवं हित द्रुतगति से परिवर्तित होते रहते है | हमने यह पूर्ण प्रयास किया है की पुस्तक को अधुनातन (up-to-date) बनाया जाए |
हमने अपनी और से इस बात का भी भरसक प्रयत्न किया है की पुस्तक की भाषा इतनी सरल और उसका प्रवाह इतना स्वाभाविक हो की ‘अन्तराष्ट्रीय सम्बन्धों’ के गूढ़तम पक्ष को समझने में पाठकों को कोई कठिनाई न हो | - द्वितीय प्रश्न-पत्र : इसमें ‘लोक प्रशासन : सिद्धान्त एवं व्यवहार’ से संबन्धित अध्येतव्य आवश्यक समस्त सामग्री एक ही स्थान पर सुलभ कर दी गयी है | पुस्तक में जगह-जगह लोक प्रशासन के सिद्धान्त सूत्र को भारत, इंग्लैंड, अमरीका और फ्रांस के प्रशासनिक संस्थानों और उनकी कार्यविधियों के तुलनात्मक अध्ययन से जोड़ने का सचेष्ट प्रयास किया गया है |
राजनीति विज्ञान Political Science Syllabus For B.A. IIIrd Year of Jai Narain Vyas University, Jodhpur
प्रथम प्रश्न-पत्र : अन्तर्राष्टीय सम्बन्ध
इकाई 1 : अन्तराष्ट्रीय सम्बन्ध का अर्थ,प्रकृति व् क्षेत्र ; अन्तराष्ट्रीय संबन्धों अध्ययन सम्बन्धी उपागम-आदशवादी एवं यथाथर्वादि उपागम, अन्तराष्ट्रीय संबंधों के कर्ता-राज्य और अन्य कर्ता |
इकाई 2 : राष्ट्रीय शक्ति-राष्ट्रीय शक्ति से अभिप्राय और तत्व; शक्ति के लिए संघर्ष-शक्ति बनाएं रखना, शक्ति का विस्तार करना, शक्ति का प्रदर्शन करना; शक्ति सन्तुलन-अभिप्राय, लक्षण ओर शक्ति सन्तुलन बनाएं रखते के तरीके |
इकाई 3 : शीत युद्ध-अर्थ, कारण एवं प्रकार ; शीत युद्ध का अन्त; गुटनिरपेक्षता की अवधारणा- उसकी उपलब्धियां, समस्याएं एवं चुनौतियां ; गुटनिरपेक्ष आन्दोलन में भारत की भूमिका |
इकाई 4 : संयुक्त राज्य अमेरिका, साम्यवादी चीन और भारत की विदेश निति की प्रमुख विशेषताएं; सयुक्त राज्य अमेरिका, चीन साम्यवादी और पाकिस्तान के साथ भारत के सम्बन्ध |
इकाई 5 : अन्तराष्ट्रीय राजनीति की प्रमुख समकालीन प्रवृत्तियां और मुद्दे: बदलता विश्व परिदृश्य-पर्यावरणीकरण, भूमण्डलीकरण, मानव अधिकार, नि:शस्त्रीकरण, सार्क एवं आसियान |
द्वितीय प्रश्न-पत्र : लोक प्रशासन
इकाई 1 : लोक प्रशासन का अर्थ, क्षेत्र और स्वरूप; एक विषय के रूप में लोक प्रशासन का विकास; लोक प्रशासन एवं निजी प्रशासन; राजनीति और प्रशासन; नवीन लोक प्रशासन; लोक प्रशासन की अध्ययन पध्दितियां एवं उपागम |
इकाई 2 : प्रशासनिक व्यवहार : नेतृत्व, निर्णय निर्माण, संचार, जवाबदेयता एवं अभिप्रेरणा |
इकाई 3 : नौकरशाही एवं लोकसेवा की अवधारणाएं ; विकासशील समाजों में लोक सेवा की भूमिका; भर्ती, प्रशिक्षण एवं पदोन्नति |
इकाई 4 : बजट : अवधारणाएं एवं तकनीकें, बजट निर्माण एवं क्रियान्वयन, वित्त मन्त्रालय की भूमिका, लेखांकन और लेखा परीक्षा |
इकाई 5 : प्रशासन पर विधायी, कार्यकारी और न्यायिक नियन्त्रण; भूमण्डलीकरण और उदारीकरण के युग में लोक प्रशासन |
विषय-सूची
अन्तराष्ट्रीय सम्बन्ध (International Relations)
- अन्तराष्ट्रीय सम्बन्ध : अर्थ, प्रकृति एवं क्षेत्र
- अन्तराष्ट्रीय सम्बन्ध के अध्ययन के उपागम : आदर्शवादी एवं यथार्थवादी उपागम
- अन्तराष्ट्रीय सम्बन्धों के कर्ता
- राष्ट्रीय शक्ति : अर्थ, तत्व एवं सीमाएं
- शक्ति के लिए संघर्ष : शक्ति बनाए रखना, शक्ति का विस्तार करना तथा शक्ति का प्रदर्शन करना
- शक्ति सन्तुलन अवधारणा
- शीत-युद्ध : अर्थ, कारण एवं प्रभाव
- शीत-युद्ध का अन्त
- गुटनिरपेक्षता की अवधारणा : शीत युद्धोत्तर युग में उपादेयता
- गुटनिरपेक्ष आन्दोलन में भारत की भूमिका
- संयुक्त राज्य अमरीका का विदेस्ज निति की विशेष्ताएं
- साम्यवादी चीन की विदेश निति की विशेषताएं
- भारत की विदेश निति की विशेषताएं
- पाकिस्तान तथा साम्यवादी चीन के साथ भारत के सम्बन्ध
- भारत-अमरीका सम्बन्ध
- अन्तराष्ट्रीय राजनीति : समसामयिक नई प्रवृत्तियां तथा मुद्दे
- आसियान तथा सार्क
- मानव अधिकार
- भूमंडलकरण या वश्वीकरण
- वैश्विक आंतकवाद
- पर्यावरणवाद
- नि: शस्त्रीकरण
लोक प्रशासन (Public Administration)
- लोक प्रशासन : अर्थ तथा क्षेत्र
- लोक प्रशासन का स्वरूप : कला अथवा विज्ञान
- अध्ययन विषय के रूप में लोक प्रशासन का विकास
- लोक प्रशासन एवं निजी प्रशासन
- राजनीति और प्रशासन
- नवीन लोक प्रशासन
- लोक प्रशासन के अध्ययन की पद्धति एवं उपागम
- नेतृत्व
- प्रशासन में निर्णय निर्माण
- संचार
- जवाबदेहिता
- अभिप्रेरण
- नौकरशाही की अवधारणा
- लोक सेवा
- विकासशील समाजों में लोक सेवा की भूमिका
- भर्ती
- प्रशिक्षण
- पदोन्नति
- बजट की अवधारणा
- बजट निर्माण एवं क्रियान्वयन
- भारत में वित्त मन्त्रालय : कार्य एवं भूमिका
- लेखांकन और लेखा परिक्षण
- प्रशासन पर नियन्त्रण
- भूमण्डलीकरण और उदारीकरण के योग में लोक प्रशासन
- परीक्षा प्रश्न-पत्र 2021 (अट्ट सहित )
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