पुस्तक का प्रस्तुत संस्करण राष्ट्रीय शिक्षा निति, २०२० द्वारा उत्तर प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के बी.ए (प्रथम वर्ष) सेमेस्टर II हेतु निर्धारित नवीन पाठ्यक्रमानुसार तैयार की गयी है तथा नवीन पाठ्यक्रम के प्रत्येक बिन्दु को पुस्तक में सम्मिलित किया गया है |
पुस्तक की अद्वितीय विशेषता यह है की पुस्तक में नवीन परीक्षा प्रणाली के अनुरूप प्रत्येक अध्याय में दीर्घ उत्तरीय, लघु उत्तरीय, अति लघु उत्तरीय प्रश्न एवं बहुविकल्पीय प्रश्नो (उत्तर सहित) का समावेश किया गया है |
भारत के अधिकांश विष्वद्यालयों में ‘राजनितिक सिद्धान्त’ का पाठ्यक्रम एक लीक पर चल रहा है, आज भी लगभग वही पाठ्यक्रम है जो या तीन दशक पूर्व था | इस दृष्टि से राष्ट्रीय शिक्षा निति, 2020 द्वारा ‘राजनितिक सिद्धांत ‘ पाठ्यक्रम को अद्यतन व् व्यापक नई दिशा प्रदान की गई है, जो स्वागत योग्य कदम है | पाठ्यक्रम में राजनीति विज्ञान की परम्परागत व् आधुनिक धारणाओं को सम्यकू स्थान दिया गया है | इस पुस्तक में इन सभी धारणाओं का सरल भाषा में सटीक विवेचन किया गया है | राजनितिक सिद्धान्तों के कठिन पहलुओं को दृष्टांत व् तुलना के माध्यम से बोधगम्य बनाया गया है |
नवीन पाठ्यक्रम का घोषित उद्देश्य राजनितिक सिद्धान्तों व् धारणाओं को इस रूप में प्रस्तुत करना है की विद्यार्थियों को इनकी समेकित व् व्यापक जानकारी प्राप्त हो सके | अत: पुस्तक की रचना में पाठ्यक्रम के इस मूल दृष्टिकोण को पूर्णतया ध्यान में रखा गया है | पुस्तक विभिन्न विश्वविद्यालयों के लिए निर्धारित नवीन संशोधित पाठ्यक्रमानुसार है और इस बात की पूरी चेष्टा की गयी है की पुस्तक विद्यार्थियों के लिए एक श्रेष्ठतम पुस्तक की स्थिति प्राप्त कर सके |
‘राजनितिक सिद्धान्त’ के अध्ययत विषय का तीव्र गति से रहा है और विषय में सामाजिक न्याय, उत्तर आधुनिकतावाद जैसी नवीन धारणाएं भी प्रवेश कर रही हैं | इसके साथ ही परम्परागत धारणाओं में नवीन प्रवृत्तियों का भी विकास हो रहा है | इन सभी का सामान्य परिचय राजनीति विज्ञान के प्रारम्भिक विद्यार्थियों को भी प्राप्त होना ही चाहिए | इस बात को दृष्टि में रखते हुए सभी अध्यायों में नवीन प्रवृत्तियों की यथास्थान स्पष्टता और आवश्यक विस्तार के साथ विवेचना की गई है | लोकतान्त्र, राजनितिक दल, दबाव समूह और अन्य कुछ विषयों की विवेचना में देश-विदेश की नवीनतम घटनाओं के उदाहरणा देकर विषय को रोजक बनाने का प्रयास किया गया है |
राजनितिक सिद्धान्त एवं अवधारणाएं (Political Theory and Concepts) Syllabus For B.A. IInd Semester of Various Univerisities Uttar Pradesh.
Course Outcome : Understanding Political theory is integral and indispensable for a comprehensive and critical study of political science. The course is designed to train a student in the foundational issues of political theory, which is relevant for any in depth
study and research.
Total No. of Lectures – Tutorials – Practical (in hours per week) : 6 – 0 – 0
Unit I : Political Science : Definition, Nature, Scope, Methods and Relations with Other Social Sciences.
Unit II : Approaches to the study of Political Science. Traditional approaches : Institutional, Historical, Sociological, Philosophical or Normative, Modern Approaches : Behaviouralism, Post Behaviouralism.
Unit III : State : Definition and Elements, Origin theories : Divine theory, Force theory, Social Contract, Evolutionary theory and Marxists theory. Functions of state : Idealistic theory, Liberal theory, Socialist theory and Welfare theory.
Unit IV : Sovereignty : Monism and Pluralism. Law : Definition : Source, Classification. Punishment : Theories of punishment.
Unit V : Liberty, Equality, Justice, Power, Influence, Authority, Legitimacy, Obligation, Rights, Duties, Political Culture, Political participation, Political development and Political modernization.
Unit VI : Idealism, Individualism, Anarchism, Socialism, Capitalism, Imperialism, De colonization, Nationalism, Ethno nationalism, Globalization, Humanright, Feminism.
Unit VII : Parliamentary System, Presidential System, Federal vs Unitary, Political Parties, Pressure Groups, Organs of Govt. Executive, Legislature, Judiciary.
Unit VIII : Constitution, Constitutionalism Democracy, Totalitarianism, Public Opinion, Social Justice, Secularism, Decentralization, Theories of Representation, Post modernism.
विषय-सूची
- राजनीति विज्ञान (परिभाषा, प्रकृति एवं क्षेत्र)
- राजनितिक विज्ञान की अध्ययन पध्दतियाँ
- राजनीति विज्ञान का अन्य सामाजिक विज्ञानों से सम्बन्ध
- राजनीति विज्ञान के अध्ययन के दृष्टिकोण (उपागम)
- राज्य: परिभाषा और तत्व
- राज्य की उत्पत्ति के सिद्धान्त
- राज्य के कार्य
- सम्प्रभुता : एकत्ववाद एवं बहुलवाद
- कानून
- दण्ड
- स्वतन्त्रता
- समानता
- न्याय
- शक्ति और प्रभाव
- सत्ता और वैधता
- अधिकार, दायित्व और कर्तव्य
- राजनितिक संस्कृति
- राजनितिक सहभागिता
- राजनितिक विकास
- राजनितिक आधुनिकीकरण
- आदर्शवाद या प्रत्ययवाद
- व्यक्तिवाद
- अराजतावाद
- समाजवाद
- पूंजीवाद
- साम्राजयवाद व् उपनिवेशवाद
- राष्ट्रवाद
- भूमण्डलीकरण (वैश्वीकरण)
- मानवधिकार
- नारीवाद
- संसदात्मक व् अध्यक्षात्मक व्यवस्था
- एकात्मक व् संघात्मक शासन
- राजनितिक दल
- दबाव समूह
- सरकार के अंग : व्यवस्थापिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका
- संविधान तथा संविधानवाद
- लोकतन्त्र
- सामग्राधिकारवाद
- लोकमत
- सामाजिक न्याय
- पंथ निरपेक्षता
- विकेन्द्रकरण
- प्रतिनिधत्व के सिद्धान्त
- उत्तर-आधुनिकतावाद
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