प्रस्तुत प्रबन्ध के सिद्धान्त Principles of Management पुस्तक बी. बी. ए. प्रथम वर्ष के नवीन पाठ्यक्रम के आधार पर तैयार की गई है।
इस पुस्तक की निम्न विशेषताएं हैं:
- पुस्तक की भाषा को छात्रों के स्तर का ध्यान रखते हुए सरल, रुचिकर तथा बोधगम्य बनाया गया है।
- प्रबन्ध के ऐसे सिद्धान्तों तथा अवधारणाओं को जो छात्रों की दृष्टि से समझने में कठिन हैं, भारतीय परिवेश तथा कम्पनियों के उदाहरणों द्वारा स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है।
- प्रबन्ध के कुछेक सिद्धान्तों को आवश्यकतानुसार तालिकाओं तथा चित्रों की सहायता से बोधगम्य बनाया गया है।
- पुस्तक में प्रत्येक अध्याय के अन्त में दीर्घ उत्तरीय, लघु उत्तरीय तथा वस्तुनिष्ठ प्रश्न दिए गए हैं, जो सामान्यतया परीक्षा में पूछे जाते हैं। छात्र को अध्याय पढ़ लेने के बाद इन प्रश्नों के उत्तर खोजने में कोई कठिनाई नहीं होगी।
- प्रबन्ध विषय में हिन्दी शब्दावली में कुछ स्थानों पर एकरूपता नहीं पाई जाती, अतः इस भ्रम की स्थिति को दूर करने के लिए पुस्तक के सभी अध्यायों, शीर्षकों तथा उपशीर्षकों तथा कहीं-कहीं व्याख्या में भी अंग्रेजी शब्दावली कोष्ठक में दे दी गई है।
- पुस्तक के नए संस्करण को पूर्णतः संशोधित एवं परिमार्जित ही नहीं किया है, बल्कि अनेक अध्यायों में परीक्षोपयोगी महत्वपूर्ण नई पाठ्य-सामग्री तथा अनेक नए उदाहरणों एवं प्रश्नों को सम्मिलित किया गया है।
प्रबन्ध के सिद्धान्त Principles of Management विषय-सूची
- प्रबन्ध: अवधारणा एवं प्रक्रिया
- प्रबन्ध की प्रकृति, क्षेत्र, महत्व एवं भूमिकाएं
- प्रबन्ध के कार्यात्मक क्षेत्र
- प्रबन्धकीय विचारों का विकास-I
- प्रबन्धकीय विचारों का विकास-II (नव प्रतिष्ठित प्रणाली व संयोगिकी दृष्टिकोण)
- प्रबन्धकीय विचारों का विकास-III (आधुनिक विचार)
- नियोजन (अवधारणा, महत्व, प्रकार एवं प्रक्रिया)
- निगम-नियोजन अथवा रणनीतिक नियोजन
- निर्णयन (अवधारणा, प्रक्रिया तकनीकें तथा परिबद्ध तर्कशक्ति)
- उद्देश्य निहित प्रबन्ध
- संगठन (अवधारणा, प्रकृति, प्रक्रिया व महत्व)
- अधिकार, उत्तरदायित्व तथा अधिकारकृअंतरण (भारार्पण)
- केन्द्रीकरण व विकेन्द्रीकरण
- विभागीकरण
- संगठन संरचना के प्रारूप
- नियन्त्रण का विस्तार
- स्टाफिंग (नियुक्तियां): प्रकृति, कार्य एवं महत्व
- मानव संसाधन नियोजन, भरती एवं चयन
- प्रशिक्षण: महत्व व तकनीकें
- अभिप्रेरणा (अवधारणा, उद्देश्य, सिद्धान्त एवं प्रेरक)
- निदेशन (संचालन)
- नेतृत्व: अवधारणा, शैलियां व सिद्धान्त
- सम्प्रेषण (सन्देशवाहन)
- नियन्त्रण: प्रकृति, प्रक्रिया एवं महत्व
- समन्वय: प्रबन्ध का सार
- परिवर्तन-प्रबन्ध: अवधारणा, प्रकृति एवं प्रक्रिया
- प्रबन्ध के उभरते हुए क्षितिज
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