प्रस्तुत पुस्तक विपणन के सिद्धान्त Principles of Marketing विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा निर्धारित बी. कॉम. के विद्यार्थियों हेतु तैयार की गयी है I इस पुस्तक की विशेषता है कि यह न केवल पाठ्यक्रम के अनुसार है, बल्कि इसमें भारतीय उदाहरण देकर भाषा को रोचक एवं समझ के योग्य बना दिया गया है।
विपणन के सिद्धान्त Principles of Marketing Book विषय-सूची
- विपणन विचारधारा: परम्परागत एवं आधुनिकय विक्रय बनाम विपणन, विपणन का स्वभाव एवं क्षेत्र – विपणन का व्यापारिक कार्य के रूप में महत्व
- विपणन-मिश्रण एवं विपणन-वातावरण
- उपभोक्ता व्यवहार: स्वभाव, क्षेत्र एवं महत्व
- बाजार विभक्तिकरण: विचारधारा एवं महत्व, बाजार विभक्तिकरण के आधार
- वस्तु: वस्तु विचारधारा, उपभोक्ता एवं औद्योगिक वस्तु एवं वस्तु जीवन-चक्र विचारधारा
- वस्तु-नियोजन एवं विकास
- ब्राण्ड नाम एवं ट्रेडमार्कय पैकेजिंग-भूमिका एवं कार्य तथा विक्रय के बाद सेवा
- मूल्य: विपणन मिश्रण में मूल्य का महत्व एवं वस्तु/सेवा के मूल्य को प्रभावित करने वाले घटक तथा बट्टा एवं छूट
- वितरण-माध्यम: विचारधारा एवं भूमिका, प्रकार तथा चुनाव को प्रभावित करने वाले घटक
- थोक एवं फुटकर विक्रेता
- वस्तुओं का भौतिक वितरण: स्टाक नियन्त्रण एवं आदेश प्रोसेसिंग
- परिवहन एवं भण्डारण
- संवर्द्धन: संवर्द्धन के तरीकेय अनुकूलतम संवर्द्धन सम्मिश्रण
- वैयक्तिक विक्रय
- विज्ञापन माध्यम: सम्बन्धित गुण एवं सीमाएं तथा प्रभावी विज्ञापन की विशेषताएं
- विक्रय संवर्द्धन एवं जन सम्पर्क तथा पब्लिसिटी
- कृषि विपणन
- उपभोक्तावाद
- जीवन वृत्ति के रूप में विक्रय: विक्रयकर्ता के कार्य एवं एक अच्छे विक्रयकर्ता के गुण
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