समाजशास्त्र के सिद्धान्त Principles of Sociology के इस चौदहवें संस्करण को पूर्णतः संशोधित एवं परिवर्तित रूप में प्रस्तुत करते हुए हमें हर्ष का अनुभव हो रहा है। विभिन्न विश्वविद्यालयों के कला-समाजशास्त्र के पाठ्यक्रम तथा प्रश्न-पत्र के प्रारूप के काफी कुछ बदल जाने से पुस्तक में नवीनतम सामग्री को यथास्थान सम्मिलित किया गया है। भाषा, शैली और विषय की उदाहरणों सहित स्पष्ट अभिव्यक्ति पुस्तक की प्रमुख विशेषता है। प्रत्येक अध्याय के अन्त में परीक्षा की दृष्टि से उपयोगी प्रश्न जोड़े गए हैं।
पुस्तक के इस संशोधित संस्करण में विभिन्न विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों को दृश्टिगत रखते हुए निम्नलिखित नए अध्यायों का समावेश किया गया है:
- समाजशास्त्र तथा अन्य सामाजिक विज्ञानं
- व्यक्ति और समाज
- सामाजिक प्रक्रिया : सहयोग (सहगामी)
- सामाजिक प्रक्रिया : प्रतिस्पर्धा एवं संघर्ष
- समाजशास्त्र एवं सामाजिक नीति
- समाजशास्त्र एवं सामाजिक क्रिया
समाजशास्त्र के सिद्धान्त Principles of Sociology Book विषय-सूची
- समाजशास्त्र का अर्थ
- समाजशास्त्र की प्रकृति
- समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य
- समाजशास्त्र तथा अन्य सामाजिक विज्ञानं
- समाजशास्त्रीय अध्ययन का वैज्ञानिक एवं मानविकी अभिमुखन
- आधारभूत अवधारणाएं: संस्कृति
- समाज
- समुदाय, समिति एवं संस्था
- सामाजिक समूह: अर्थ एवं प्रकार (प्राथमिक एवं द्वैतीयक)
- सामाजिक संरचना
- प्रस्थिति तथा भूमिका
- व्यक्ति और समाज
- व्यक्ति और समाज का सम्बन्ध
- समाजीकरण: अर्थ एवं सिद्धान्त
- सामाजिक स्तरीकरण: अर्थ, स्वरूप एवं सिद्धान्त
- सामाजिक गतिशीलता
- सामाजिक नियन्त्रण
- सामाजिक मानदण्ड (प्रतिमान), मूल्य तथा सामाजिक अनुशास्तियां
- सामाजिक परिवर्तन की अवधारणा
- सामाजिक परिवर्तन के प्रकार
- सामाजिक परिवर्तन के कारक
- सामाजिक परिवर्तन के सिद्धान्त: आगबर्न सोरोकिन तथा कार्ल माक्र्स
- व्यावहारिक समाजशास्त्र का परिचय एवं समाजशास्त्र के उपयोग
- समाजशास्त्र तथा सामाजिक समस्याएँ, समाजशास्त्र एवं सामाजिक परिवर्तन
- संस्थाए : परिवार
- नातेदारी
- धर्म एवं शिक्षा
- सामाजिक प्रक्रिया : सहयोग (सहगामी)
- सामाजिक प्रक्रिया : प्रतिस्पर्धा एवं संघर्ष
- समाजशास्त्र एवं सामाजिक नीति
- समाजशास्त्र एवं सामाजिक क्रिया
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