प्रस्तुत राजस्व Public Finance पुस्तक बी. काॅम. तृतीय वर्ष Awadhesh Pratap Singh University, Rani Durgavati Vishwavidyalaya, Dr Harisingh Gour University, Barkatullah University, Vikram University हेतु लोक वित्त प्रश्न-पत्र हेतु निर्धारित पाठ्यक्रमानुसार तैयार की गई है।
एक नया अध्याय नीति आयोग पर सम्मिलित किया गया है। आजकल जन-जीवन को प्रभावित करने में राजस्व की भूमिका दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। वर्तमान में बजट का इन्तजार केवल अर्थशास्त्री एवं राजनेता ही नहीं करते वरन् आम आदमी एवं गृहणियां भी इसमें गहरी अभिरुचि रखती हैं। इस दृष्टि से राजस्व के विभिन्न अंगों का ज्ञान छात्रों के लिए नितान्त आवश्यक है। पुस्तक में पाठ्यक्रम में निर्धारित सभी अध्यायों का समावेश है।
पुस्तक में विषय-वस्तु का विवेचन बहुत ही सरल भाषा में किया गया है ताकि छात्रों को इसे समझने में कठिनाई न हो। जहां भी आवश्यक समझा गया, अंग्रेजी शब्दावली का भी प्रयोग किया गया है। सारा विवेचन भारतीय सन्दर्भ में है, जिससे छात्रों को देश की अर्थव्यवस्था की सुचारु रूप से जानकारी हो सके। पुस्तक की यह विशेषता है कि इसमें विषय से सम्बन्धित बिल्कुल नवीनतम आंकड़े दिए गए हैं।
राजस्व Public Finance Syllabus For B.Com IIIrd Year of Awadhesh Pratap Singh University, Rani Durgavati Vishwavidyalaya, Dr. Harisingh Gour University, Barkatullah University, Vikram University
इकाई-2 राजस्व के स्रोत-कर, ऋण, अनुदान एवं सहायता-अर्थ, प्रकार, कराधान के सिद्धान्त। कराधान में न्याय की समस्या, करभार एवं करदान क्षमता। करारोपण के प्रभाव एवं करवंचन। भारतीय कर प्रणाली के लक्षण, इसके दोष तथा इसमें सुधार के प्रयास।
इकाई-3 सार्वजनिक व्यय के सिद्धान्त, सार्वजनिक ऋण के सिद्धान्त तथा इसके शोधन की विधियाँ, सार्वजनिक व्यय का उत्पादन एवं वितरण पर प्रभाव। भारत में सार्वजनिक ऋण।
इकाई-4 भारत में लोक वित्त: केन्द्र एवं राज्य सरकारों के आगम के स्रोत, बजट की अवधारणा एवं प्रकार, राजकोषीय घाटा, घाटे की अर्थव्यवस्था और घाटे का बजट, केन्द्र एवं राज्य के मध्य वित्तीय सम्बन्ध।
इकाई-5 वित्त आयोग का गठन एवं कार्य, अद्यतन वित्त आयोग की अनुशंसाएं केन्द्र एवं मध्य प्रदेश सरकार के अद्यतन बजट। संघ तथा राज्य सरकारों के वित्तीयर सम्बन्ध, केन्द्र तथा राज्य सरकार की आय-व्यय की मुख्य मदें। नीति आयोग: स्थापना एवं उद्देश्य।
राजस्व Public Finance Book विषय-सूची
- राजस्व (लोक वित्त): परिचय (लोक वित्त एवं निजी वित्त में अन्तर सहित)
- अधिकतम सामाजिक लाभ का सिद्धान्त
- लोक वित्त में राज्य की भूमिका
- लोक आगम के स्रोत
- करारोपण: आशय एवं सिद्धान्त
- कर: प्रकार अथवा वर्गीकरण (प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष, प्रगतिशील, आनुपातिक एवं प्रतिगामी)
- करारोपण में न्याय की समस्या
- कराघात (कर का दबाव), करापात (कर-भार) और कर विवर्तन
- करदान क्षमता
- करारोपण के प्रभाव
- भारतीय कर व्यवस्था: विशेषताएं एवं सुधार
- लोक व्यय: आशय, महत्व एवं सिद्धान्त
- उत्पादन, वितरण एवं आर्थिक स्थायित्व पर लोक व्यय के प्रभाव
- लोक ऋण (महत्व एवं सिद्धान्त)
- लोक ऋण के शोधन (भुगतान) की रीतियां
- लोक ऋण का भार और प्रभाव
- बजट-अवधारणा, प्रकार एवं तैयारी
- हीनार्थ प्रबन्धन, राजकोषीय घाटा एवं घाटे का बजट
- संविधान और वित्त आयोग (तेरहवें वित्त आयोग की अनुशंसाओं सहित)
- केन्द्र और राज्यों के मध्य वित्तीय सम्बन्ध
- केन्द्रीय सरकार के आय एवं व्यय
- राज्य सरकारों के आय एवं व्यय
- केन्द्रीय बजट 2013-14
- मध्य प्रदेश का बजट 2013-14
- नीति आयोग: स्थापना एवं उद्देश्य
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