प्रस्तुत राजस्व Public Finance पुस्तक लखनऊ विश्वविद्यालय के बी.कॉम. सेमेस्टर III के नवीन पाठ्यक्रमानुसार हुए। पुस्तक की अद्वितीय विशेषता यह है कि इसमें 15वां वित्त आयोग तथा माल और सेवा कर (जी. एस. टी.) से सम्बन्धित सामग्री का समावेश किया गया है।
राजस्व Public Finance For B.Com. Semester III of Lucknow University, Lucknow
UNIT-I: Introduction: Meaning & Scope of Public Finance; Public goods vs. Private goods; Principle of Maximum Social Advantage; Public Budget, Techniques of Budgeting (ZBB, PBB).
UNIT-II: Public Expenditure: Meaning & Nature, Wagner’s views on increasing state activities Wiseman-peacock hypothesis, Canons and classification of public expenditure; effects on production, distribution, and economic stability.
UNIT-III: Public Revenue: Main sources of revenue, Tax revenue, Direct and Indirect Taxes, Progressive, proportional & Regressive Taxes, Value added tax and GST. The Division of the tax burden – Impact and Incidence of a tax, effects on production & distribution. Public Debt: Role and classification of Public debt and methods of their redemption. Deficit Financing.
UNIT-IV: Indian Public Finance: Different type of Budgetary Deficits; Financial Federalism under constitution, Finance Commission – meaning and current Finance Commission, Budgetary Procedure and Financial Control in India. Fiscal Consolidation and FRBM Act.
राजस्व Public Finance Book विषय-सूची
- राजस्व (लोक-वित्त) (आशय, क्षेत्र, प्रकृति एवं महत्व)
- सार्वजनिक वस्तुएं बनाम निजी वस्तुएं
- अधिकतम सामाजिक लाभ का सिद्धान्त
- लोक (या सार्वजनिक) बजट (आशय, महत्व, प्रकार तथा वर्गीकरण)
- बजट की तकनीकें
- शून्य आधारित बजटिंग एवं निष्पादन आधारित बजटिंग
- लोक व्यय (महत्त्व, सिद्धान्त एवं वर्गीकरण)
- लोक व्ययों में वृद्धि: घटक, वैगनर का नियम तथ पीकाॅक-वाइजमैन परिकल्पना
- उत्पादन, वितरण एवं आर्थिक स्थायित्व पर लोक व्यय के प्रभाव
- लोक आगम (वर्गीकरण एवं मुख्य स्रोत)
- करारोपण या कर आगम: आशय, उद्देश्य एवं सिद्धान्त
- कर: प्रकार अथवा वर्गीकरण (प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष, प्रगतिशील, आनुपातिक एवं प्रतिगामी)
- मूल्य वर्धित कर
- वस्तु (माल) और सेवा कर (जी. एस. टी.)
- कर भार का वितरण या करारोपण में न्याय की समस्या
- कराघात (कर का दबाव), करापात (कर-भार) और कर विवर्तन
- लोक ऋण (भूमिका या महत्त्व एवं वर्गीकरण)
- लोक ऋण के शोधन
- हीनार्थ प्रबंधन तथा बजटीय घाटा
- संविधान में वित्तीय संघवाद
- वित्त आयोग
- वित्तीय प्रशासन, बजट, बजट प्रक्रिया एवं भारत में वित्तीय नियन्त्रण
- राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजटीय प्रबन्धन अधिनियम, 2003 (एफ. आर. बी. एम. ए.)
Bhupendra Shrivas –
Good