परिमाणात्मक पद्धतियां (Quantitative Methods) पुस्तक को अत्यन्त व्यावहारिक एवं उपयोगी बनाने के लिए जो विशेष प्रयास किए गए हैं उनमें से निम्नलिखित प्रमुख रूप से उल्लेखनीय हैं:
- पुस्तक नए पाठ्यक्रम के अनुसार तैयार की गई है।
- विषय के सैद्धान्तिक भाग को सरल, बोधगम्य एवं प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
- सभी प्रकार के प्रश्नों को हल करके छात्रों के लिए सुविधादायक बनाने का प्रयास किया गया है।
- विभिन्न विश्वविद्यालय के सैद्धान्तिक तथा न्यूमेरीकल प्रश्नों का समावेश किया गया है, जिससे छात्रों को विभिन्न प्रकार के प्रश्नों के बारे में ज्ञान हो सके।
- सभी प्रश्नों को सरलता से बोधगम्य बनाने के लिए अंग्रेजी के साथ-साथ हिन्दी अनुवाद भी दिया गया है।
- जिन क्षेत्रों में विकल्प सूत्रों का व्यवहार होता है या सम्भव होता है, वहां पर उनके वैकल्पिक व्यवहार का उदाहरण प्रस्तुत किया गया है।
- सभी प्रकार के (सहज/कठिन) उदाहरणों को (हल सहित) प्रस्तुत किया गया है, जिससे छात्रों की परीक्षा के लिए तैयारी सरल हो सके।
परिमाणात्मक पद्धतियां Quantitative Methods Book विषय-सूची
गणितीय पद्धतियां
- चर एवं फलन
- समुच्चय सिद्धान्त
- समीकरण एवं सर्वसमिका
- सीमा एवं सांतत्य
- अवकलन
- उच्चिष्ठ एवं निम्निष्ठ
- अर्थशास्त्र में अवकलजों का उपयोग
- समाकलन
- अर्थशास्त्र में समाकलन का उपयोग
- सारणिक एवं क्रेमर का नियम
- आव्यूह
- आगत-निर्गत विश्लेषण
- सहलग्नता
- रेखीय प्रक्रमन
सांख्यिकीय पद्धतियां
- विषय-प्रवेश: अर्थशास्त्र में सांख्यिकी का महत्व
- सांख्यिकीय अनुसन्धान
- सांख्यिकीय अनुसन्धान की संगणना और निदर्शन विधियां
- सांख्यिकीय आंकड़े (या समंक)
- समंकों का संकलन
- प्रश्नावली एवं अनुसूची
- समंकों का सारणीयन
- चित्रों द्वारा समंकों का प्रदर्शन
- समंकों का बिन्दुरेखीय प्रदर्शन
- आवृत्ति वितरण
- निदर्शन या प्रतिचयन: (रीतियां/प्रकार)
- केन्द्रीय प्रवृत्ति की मापें
- गुणोत्तर माध्य एवं हरात्मक माध्य
- अपकिरण की मापें
- गिनी का माध्य अन्तर एवं लाॅरेन्ज वक्र
- सह-सम्बन्ध विश्लेषण
- प्रतीपगमन विश्लेषण
- त्रिचर समंक: आंशिक सहसम्बन्ध एवं बहुगुणी सहसम्बन्ध
- काल-श्रेणी का विश्लेषण
- सूचकांक
- विषमता के माप
- पृथुशीर्षत्व के माप
- प्रायिकता
- दैव चर
- द्विपद, पाॅयसन तथा प्रसामान्य वितरण की विशेषताएं
- चतुर्थक विचलन
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