- पुस्तक के इस एकादशम् संस्करण को नवीन रूप में विद्यार्थियों एवं विज्ञ-अध्यापकों के सम्मुख प्रस्तुत करते हुए हमें हर्ष का अनुभव हो रहा है। यह संस्करण पूर्णतः परिशोधित व परिवर्द्धित है। इसमें विभिन्न विश्वविद्यालयों के पाठकों की आवश्यकता को ध्यान में रख कर नवीन सामग्री जोड़ी गई है। भाषा, शैली एवं विषय की स्पष्ट अभिव्यक्ति पुस्तक की अपनी विशिष्ट विशेषता है। विषय से सम्बन्धित नवीनतम प्रामाणिक सूचनाओं को पुस्तक में सम्मिलित करने का पूर्ण प्रयत्न किया गया है।
- दशम् संस्करण की उपयोगिता एवं उपादेयता को देश के विभिन्न भागों के विद्यार्थियों एवं व्यावसायिक सहकर्मियों ने जिस उत्साह के साथ मान्यता प्रदान की, उससे हमें इस विषय पर अधिक गहन अध्ययन एवं चिन्तन की प्रेरणा प्राप्त हुई है। यह परिशोधित संस्करण उसी का परिणाम है।
सामाजिक मानवशास्त्र Social Anthropology Book विषय-सूची
- सामाजिक मानवशास्त्र की परिभाषा, प्रकृति एवं क्षेत्र
- जनजाति की अवधारणा, जनजाति तथा जाति
- सामाजिक संरचना: विवाह
- परिवार
- नातेदारी व्यवस्था
- संस्कृति: अर्थ एवं विकास के सिद्धान्त
- धर्म एवं जादू
- आदिवासी आर्थिक व्यवस्था
- आदिवासी राजनीतिक व्यवस्था
- जनजातीय लोगों की समस्याएं ख्गरीबी, निरक्षरता, ऋणग्रस्तता, भूमि से अलगाव (पृथक्करण), कृषक मुद्दे एवं शोषण,
- जनजातीय आन्दोलन: काॅलोनियल तथा स्वतन्त्रता पश्चात् की अवधि
- राजस्थान के जनजातीय समुदाय: भील, मीणा तथा गरासिया
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