समाजशास्त्र (Sociology) पुस्तक के इस संशोधित संस्करण में नवीनतम सामग्री का समावेश किया गया है जैसे भ्रष्टाचार के अध्याय मे जनवरी 2020 में प्रकाशित रिपोर्ट को सम्मिलित किया गया है
प्रस्तुत समाजशास्त्र (Sociology) पुस्तक के पूर्णतः परिशोधित एवं परिवर्द्धित रूप में प्रस्तुत करते हुए हमें हर्ष का अनुभव हो रहा है। पुस्तक जय नरायन व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के बी. ए. समाजशास्त्र द्वितीय वर्ष के प्रथम एवं द्वितीय प्रश्न दोनों प्रश्न-पत्रों हेतु निर्धारित पाठ्यक्रमानुसार तैयार की गई है। पुस्तक में भाषा-शैली तथा विषय की स्पष्ट अभिव्यक्ति को प्रमुखतः प्रधानता दी गई है। साथ ही विषय से सम्बन्धित उपलब्ध नवीनतम् प्रामाणिक सूचनाओं को पुस्तक में स्थान देने का पूर्ण प्रयास किया गया है। पुस्तक में जनगणना 2011 से सम्बन्धित आंकड़ों का यथास्थान समावेश किया गया है।
समाजशास्त्र (Sociology) Book Syllabus For Jai Narain Vyas University Jodhpur (JNVU)
इकाई-1: मानवशास्त्र: परिभाषा व विषय क्षेत्र, मानव की प्रजातियां, भारतीय जनसंख्या के प्रजातीय तत्व।
इकाई-2: संस्कृति का संबोध, उद्विकासवाद, प्रसारवाद व प्रकार्यवाद।
इकाई-3: जनजातीय भारत-राजस्थान के विशेष सन्दर्भ में: जनसंख्यात्मक पृष्ठभूमि, परिवार, विवाह, स्वजन व्यवस्था, महिलाओं की प्रस्थिति।
इकाई-4: अर्थव्यवस्था, धर्म, जादू, पौराणिकी (माइथोलोजी) और जनजातीय कानून।
इकाई-5: भारतीय जनजातियों की समस्याएं, जनजातीय आन्दोलन (विशेषताएं एवं मुख्य मुद्दे) जनजातीय कल्याण एवं जनजातीय एकता।
इकाई-1: सामाजिक समस्या, सामाजिक संगठन और सामाजिक विघटन की अवधारणा, सामाजिक विघटन तथा सामाजिक समस्या के कारण।
इकाई-2: भारतीय जनसंख्या के विशेष सन्दर्भ में सामाजिक समस्याएं: निरक्षरता, विवाह एवं परिवार की समस्याएंकृबाल-विवाह, दहेज एवं विवाह-विच्छेद।
इकाई-3: अपराध, बाल-अपराध, महिलाओं के विरुद्ध अपराध, वेश्यावृत्ति।
इकाई-4: मद्यपान, मादक द्रव्य व्यसन, छात्र असन्तोष एवं हिंसा, आतंकवाद।
समाजशास्त्र (Sociology) विषय-सूची
प्रथम प्रश्न-पत्र: सामाजिक मानवशास्त्र
- सामाजिक मानवशास्त्र की परिभाषा एवं विषय क्षेत्र
- मानव की प्रजातियां, भारतीय जनसंख्या में प्रजातियां तत्व
- संस्कृति का संबोध: उद्विकासवाद, प्रसारवाद व प्रकार्यवाद
- जनजातीय भारत
- जनजातीय भारत: राजस्थान के विशेष संदर्भ में
- परिवार
- विवाह
- नातेदारी
- जनजातीय महिलाओं की प्रस्थिति
- अर्थ-व्यवस्था
- धर्म एवं जादू
- पौराणिकी (पौराणिक गाथाएं)
- जनजातीय कानून
- भारतीय जनजातियों की समस्याएं
- जनजातीय आन्दोलन: विशेषताएं एवं मुख्य मुद्दे
- जनजातीय कल्याण
- जनजातीय एकीकरण
द्वितीय प्रश्न-पत्र: सामाजिक समस्याएं
- सामाजिक समस्या की अवधारणा एवं कारण
- सामाजिक संगठन एवं विघटन की अवधारणा: कारण
- निरक्षरता (अशिक्षा)
- विवाह एवं परिवार की समस्याएं: बाल-विवाह, दहेज एवं विवाह-विच्छेद
- अपराध
- बाल-अपराध
- महिलाओं के विरुद्ध अपराध
- वेश्यावृत्ति
- मद्यपान तथा मादक-द्रव्य व्यसन
- छात्र असन्तोष एवं हिंसा
- आतंकवाद
- जनसंख्या समस्या
- गरीबी (निर्धनता)
- बेकारी
- भिक्षावृत्ति
- भ्रष्टाचार
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