समाजशास्त्र Sociology Book मध्य प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में बी. ए., प्रथम वर्ष, समाजशास्त्र के लिए निर्धारित नए वार्षिक पद्धति के अनुसार पाठ्यक्रम पर आधारित है।
पुस्तक की सम्पूर्ण विषय-वस्तु दो मुख्य खण्डों में विभाजित है। प्रथम खण्ड में समाजशास्त्र की प्राथमिक अवधारणाओं से सम्बन्धित उन सभी विषयों की विवेचना की गई है, जिनका सम्बन्ध पाठ्यक्रम के प्रथम प्रश्न-पत्र से है। पुस्तक के द्वितीय खण्ड में ‘भारतीय समाज’ की सामाजिक संरचना से सम्बन्धित उन सभी विषयों का समावेश किया गया है, जो पाठ्यक्रम के द्वितीय प्रश्न-पत्र से सम्बन्धित है।
समाजशास्त्र की प्रकृति तथा इससे सम्बन्धित प्राथमिक अवधारणाएं स्वयं में इतना व्यापक विषय है कि एक संक्षिप्त पुस्तक में विभिन्न अवधारणाओं से सम्बन्धित सभी पक्षों का समावेश करना सम्भव नहीं है। द्वितीय प्रश्न-पत्र में भारतीय समाज से सम्बन्धित विभिन्न संस्थाओं तथा समस्याओं से परिचित कराना भी एक पाठ्य-पुस्तक की सीमाओं के अन्दर कठिन कार्य हो सकता है। इसके बाद भी पुस्तक में पाठ्यक्रम से सम्बन्धित सभी विषयों के उपयोगी पक्षों को संक्षेप में प्रस्तुत करने के साथ ही भाषा की सरलता और विषय-वस्तु की प्रामाणिकता पर विशेष ध्यान दिया गया है। यह सच है कि बी. ए. प्रथम वर्ष, समाजशास्त्र के विद्यार्थियों के लिए अनेक पुस्तकें उपलब्ध हैं, किन्तु अधिकांश पुस्तकों में विभिन्न विषयों की विवेचना को अधिक प्रामाणिक कह सकना बहुत कठिन है। साधारणतया विभिन्न विषयों को इतने कठिन और उलझे हुए रूप में प्रस्तुत कर दिया जाता है कि समाजशास्त्र के आरम्भिक विद्यार्थी उन्हें समझने में असमर्थ रहते हैं। इस पुस्तक को भी पूरी तरह दोषरहित नहीं कहा जा सकता, लेकिन इसकी प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- वर्ष 2019-20 से प्रभावी नए संशोधित पाठ्यक्रमानुसार जितने Topics नए सम्मिलित किये गए हैं, उनको पुस्तक के अंत में परिशिष्ट के रूप में सम्मिलित किया गया है।
- प्रत्येक विषय को व्यवस्थित और सरल भाषा में प्रस्तुत करने के साथ ही विषय-वस्तु की प्रामाणिक विवेचना पुस्तक की मुख्य विशेषता है। इसके लिए मनमाने तथ्यां का सहारा न लेकर प्रामाणिक सन्दर्भ ग्रन्थों की ही सहायता ली गई है।
- विभिन्न अवधारणाओं को स्पष्ट करने के लिए सरल और व्यावहारिक उदाहरण इस तरह दिए गए हैं, जिससे विद्यार्थी विभिन्न विषयों को अधिक व्यवस्थित ढंग से समझ सकें।
- पाठ्यक्रम से सम्बन्धित विषयों को स्पष्ट करने के लिए पुस्तक में उन्हीें पक्षों की विवेचना की गई है, जो विषय के स्पष्टीकरण और परीक्षा के दृष्टिकोण से अधिक उपयोगी हैं।
- पुस्तक में आवश्यकतानुसार नवीनतम तथ्यों और सूचनाओं का समावेश प्रामाणिक सर्वेक्षणों, सरकारी रिपोर्टों तथा विद्वत्तापूर्ण लेखों के आधार पर किया गया है। द्वितीय प्रश्न-पत्र में विभिन्न समस्याओं से सम्बन्धित बहुत-सी उपयोगी सूचनाओं और आंकड़ों का समावेश है।
- साधारणतया विभिन्न पुस्तकों में लघु उत्तरीय तथा वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का समावेश केवल एक औपचारिकता को पूरा करने के लिए किया जाता है। इस पुस्तक में सभी लघु उत्तरीय तथा वस्तुनिष्ठ प्रश्न बहुत व्यावहारिक, स्पष्ट और परीक्षा के दृष्टिकोण से उपयोगी हैं। इनका संयोजन इस तरह किया गया है, जिससे विद्यार्थियों को विषय को समझने में भी सहायता मिल सके।
समाजशास्त्र Sociology Book विषय-सूची
प्रथम प्रश्न-पत्र : समाजशास्त्र की प्राथमिक अवधारणाएं
- समाजशास्त्र का अर्थ, अध्ययन-क्षेत्र, विषय-वस्तु एवं महत्व
- समाजशास्त्र की उत्पत्ति एवं विकास
- समाजशास्त्र की प्रकृति
- समाजशास्त्र एवं अन्य सामाजिक विज्ञान
- समाज
- सामाजिक समूह
- समुदाय, समिति एवं संस्था
- सामाजिक संरचना
- प्रस्थिति एवं भूमिका
- संस्कृति
- समाजीकरण
- सामाजिक नियन्त्रण
- मूल्य एवं आदर्श नियम
- सामाजिक स्तरीकरण
- सामाजिक गतिशीलता
- सामाजिक परिवर्तन
- उद्विकास, विकास, प्रगति एवं क्रान्ति
द्वितीय प्रश्न-पत्र : भारतीय समाज
- धर्म
- वर्ण-व्यवस्था
- आश्रम-व्यवस्था
- पुरुषार्थ
- कर्म का सिद्धान्त
- संस्कार
- भारत में जाति तथा वर्ग
- भारत में विवाह
- भारत में परिवार
- नातेदारी
- भारतीय समाज की संरचना: ग्राम, नगर एवं ग्रामीण-नगरीय, सातत्य
- भारतीय समाज की विविधता: जनांकिकीय, सांस्कृतिक, धार्मिक एवं भाषायी
- पारिवारिक समस्याएं: दहेज
- विवाह-विच्छेद (तलाक)
- घरेलू हिंसा
- वृद्धजनों की समस्याएं
- युवा तनाव
- सामाजिक समस्याएं: जातिवाद, क्षेत्रवाद एवं साम्प्रदायिकता
- साइबर अपराध
- लैंगिक असमानता
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