समाजशास्त्र Sociology Book मध्य प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में बी. ए. द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों के लिए निर्धारित वार्षिक पद्धति के अनुसार नए पाठ्यक्रम पर आधारित है। पुस्तक में प्रथम तथा द्वितीय दोनों प्रश्न-पत्रों से सम्बन्धित सभी विषयों को इस तरह प्रस्तुत किया गया है, जिससे सभी विद्यार्थी एक व्यवस्थित क्रम में उन्हें सरलता के साथ समझ सकें।
पाठ्यक्रम से सम्बन्धित द्वितीय प्रश्न-पत्र ‘ग्रामीण, नगरीय एवं जनजातीय समाज’ को समझने से सम्बन्धित है। पाठ्यक्रम में निर्धारित विषयों के अनुसार अध्याय 1 से 8 तक में ग्रामीण समाज से सम्बन्धित विभिन्न विषयों की विवेचना की गई है। अध्याय 9 से अध्याय 15 तक में नगरीय समाज तथा उससे सम्बन्धित प्रमुख समस्याओं का उल्लेख किया गया है। नगरीय समस्याओं के अन्तर्गत पर्यावरण प्रदूषण को स्पष्ट करने के लिए विद्यार्थियों को उन दशाओं से परिचित कराया गया है, जो आज वैश्विक उष्णता के रूप में सभी देशों के जनजीवन को प्रभावित कर रही हैं। अध्याय 16 से अध्याय 18 तक की विषय-वस्तु जनजातीय समाज के परिचय, विभिन्न समस्याओं तथा मध्य प्रदेश की कुछ प्रमुख जनजातियां की जीवन-शैली से सम्बन्धित है। जनजातीय जीवन से सम्बन्धित प्रामाणिक विशेषताओं के साथ नवीनतम तथ्यों से भी विद्यार्थियों को अवगत कराने का प्रयत्न किया गया है।
- दास, सामन्ती तथा औद्योगिक/पूंजीवादी समाज में कार्य का सामाजिक संगठन
- सामाजिक विधान
- पंचायती राज एवं सत्ता का विकेन्द्रीकरण
- भ्रष्टाचार एवं इसका निवारण
- जनजातियों का भौगोलिक वितरण, विकास एवं कल्याणकारी कार्यक्रम
समाजशास्त्र Sociology Book विषय-सूची
प्रथम प्रश्न-पत्र : सामाजिक प्रक्रियाएं एवं परिवर्तन
- सामाजिक संरचना तथा प्रकार्य : अवधारणा एवं विशेषताएं
- सामाजिक संरचना एवं प्रकार्य पर रेडक्लिफ ब्राउन तथा टी. पारसन्स के विचार
- सामाजिक संगठन : अवधारणा एवं विशेषताएं
- सामाजिक संगठन की प्रक्रियाएं
- सामाजिक विघटन की अवधारणा तथा विशेषताएं
- सामाजिक विघटन की प्रक्रियाएं : प्रतिस्पर्द्धा, संघर्ष, विचलित व्यवहार तथा युद्ध
- सामाजिक विधान
- भारतीय संविधान एवं अपराधिक कानूनों के अन्तर्गत महिला सुरक्षा
- सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रियाएं : सामाजिक आन्दोलन एवं नियोजन
- नगरीकरण, औद्योगीकरण तथा आधुनिकीकरण
द्वितीय प्रश्न-पत्र : ग्रामीण, नगरीय एवं जनजातीय समाज
- ग्रामीण एवं कृषक समाज की विशेषताएं
- ग्रामीण परिवार, जाति एवं व्यवसाय
- ग्रामीण जजमानी व्यवस्था
- ग्रामीण नेतृत्व एवं गुटबन्दी
- कृषक तनाव
- सहकारिता
- ग्रामीण महिलाओं की परिवर्तनशील प्रस्थिति
- ग्रामीण प्रवास
- नगरीय समाज एवं सामाजिक विघटन : अर्थ, लक्षण एवं कारण
- नगरीय आवास एवं गन्दी बस्तियां
- अपराध तथा बाल-अपराध
- मद्यपान तथा मादक द्रव्य-व्यसन
- निर्धनता एवं बेरोजगारी
- पर्यावरण प्रदूषण
- समाज पर सूचना प्रौद्योगिकी का प्रभाव
- जनजाति : अर्थ, विशेषताएं एवं जनांकिकी
- जनजातीय समस्याएं : ऋणग्रस्तता एवं भूमि-पृथक्करण
- गोंड, भील, भिलाला एवं कोरकू जनजातियों की जीवन-शैली
परिशिष्ट
प्रथम प्रश्न-पत्र :
- दास, सामन्ती तथा औद्योगिक/पूंजीवादी समाज में कार्य का सामाजिक संगठन
- सामाजिक विधान
द्वितीय प्रश्न-पत्र :
- पंचायती राज एवं सत्ता का विकेन्द्रीकरण
- भ्रष्टाचार एवं इसका निवारण
- जनजातियों का भौगोलिक वितरण, विकास एवं कल्याणकारी कार्यक्रम
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