- भारतीय आर्थिक समस्याएँ Indian Economic Problems पुस्तक का नवीनतम संस्करण प्रस्तुत करते हुए अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है।
- पुस्तक की विषय सामग्री को पूर्णतः नवीनतम पाठ्यक्रम के अनुसार व्यवस्थित किया गया है।
- समंकों को यथासम्भव नवीनतम किया गया है। इसके लिए प्दकपं.2018ए विश्व विकास रिपोर्ट-2018ए आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 तथा रिजर्व बैंक ऑफ़ इण्डिया के नवीनतम प्रकाशनों का प्रयोग किया गया है।
- जनसंख्या समंकों में जनगणना 2011 के नवीनतम समंकों का उल्लेख किया गया है।
- ‘उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था’ अध्यायों को पूर्णतः संशोधित एवं अद्यतन किया गया है।
- प्रमुख वृहत् उद्योग, लघु उद्योग एवं कुटीर उद्योग के अध्यायों को सरकार की नवीनतम नीतियों एवं समंकों के सन्दर्भ में संशोधित किया गया है।
भारतीय आर्थिक समस्याएँ Indian Economic Problems Book विषय-सूची
- ब्रिटिश भारत की आर्थिक नीतियां : एक संक्षिप्त परिचय
- स्वतन्त्रता के समय अर्थव्यवस्था की स्थिति
- भारत में नियोजन अभ्यास (भारत में विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से नियोजन)
- योजना आयोग तथा निति आयोग
- सुधार पूर्व काल में भारत की आर्थिक वृध्दि एवं विकास
- नवीन आर्थिक सुधार (उदारीकरण, निजीकरण एवं भूमण्डलीकरण)
- सुधारोपरान्त काल में संवृध्दि विकास तथा सरंचनात्मक परिवर्तन
- जनांकिकीय प्रवृत्ति तथा शिक्षा, स्वास्थ्य, कुपोषण और देशान्तरण के मुद्दे
- गरीबी : प्रवृत्ति तथा नीतियां
- असमानता
- बेरोजगारी
- मानव विकास तथा गरीबी में कमी की अन्तराष्ट्रीय तुलना
- कृषि (महत्व एवं विशेषताएं कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता तथा उत्पादकता के निर्धारक तत्व)
- भूमि सुधार
- नवीन कृषि रणनीतियां एवं हरित क्रान्ति
- ग्रामीण साख
- कृषि विपणन
- प्राकृतिक संसाधान
- आधारभूत सरंचना का विकास (निष्पादन, समस्याएं एवं नीतियां)
- मुद्रा योजना
- औद्योगिक संवृध्दि एवं विकास
- औद्योगिक उत्पादकता
- औद्योगिक निति तथा सुधार
- लघु एवं कुटीर उद्योगों का विकास एवं समस्याएं
- भारत के औद्योगीकरण में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की भूमिका
- सेवा क्षेत्र : प्रवृत्ति तथा निष्पादन
- विदेशी व्यापार की भूमिका (निर्यात-आयात प्रवृत्ति, भारत के विदेशी व्यापार की दिशा एवं रचना)
- निर्यात संवर्ध्दन प्रयास एवं नई व्यापारिक नितियां
- राष्ट्रीय आय
- बचत तथा निवेश
- मुद्रा-स्फीति (अवधारणा, मांग प्रेरित, लागत प्रेरित तथा मिश्रित स्फीति और स्फीति की सामाजिक लागत)
- राजकोषीय निति
- मौद्रिक निति
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