प्रबन्ध विज्ञान एवं तकनीकों के विकास के साथ ‘प्रबन्ध’ और ‘लेखाविधि’ एक-दूसरे के निकट आ गए हैं तथा लेखाविधि के विश्लेषण तथा निर्वचन प्रबन्धकीय क्रियाओं के आधार एवं मार्गदर्शक बन गए हैं और लेखाविधि की एक नवीन शाखा ‘प्रबन्धकीय लेखाविधि’ का विकास हुआ है। विषय की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए बी. काॅम. के नवीन पाठ्यक्रमों में ‘प्रबन्धकीय लेखाविधि’ को एक महत्वपूर्ण विषय के रूप में शामिल किया गया तथा बी. काॅम. के पाठ्यक्रम में इसे बी. काॅम. (तृतीय वर्ष) में रखा गया है।
प्रबन्धकीय लेखाविधि Management Accounting पुस्तक की विशिष्टताएं निम्न प्रकार हैं:
- विषय-सामग्री को पूर्णतः उत्तरपूर्णत में एकीकृत पाठ्यक्रम में इस विषय के निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार ही व्यवस्थित एवं विन्यासित किया गया है।
- पुस्तक की भाषा-शैली को अत्यन्त सरल रखा गया है तथा शीर्षकों एवं उप-शीर्षकों के अंग्रेजी पर्याय भी दिए गए हैं।
- संख्यात्मक प्रश्नों को सरलता से कठिनता की ओर क्रमबद्ध रूप में अनुविन्यासित करने का प्रयत्न किया गया है। उदाहरणों एवं प्रश्नों को समान क्रम में रखा गया है, जिससे विद्यार्थी उदाहरणों के आधार पर प्रश्न हल करता रहे।
- सभी उदाहरणों एवं प्रश्नों को हिन्दी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में दिया गया है, जिससे उन्हें अधिकाधिक स्पष्टता से समझा जा सके। प्रश्नों के चयन में बी. काॅम. के स्तर को विशेष रूप से ध्यान में रखा गया है।
सभी महत्त्वपूर्ण विश्वविद्यालयों के प्रश्न-पत्रों के नवीन प्रारूपों के अनुसार विभिन्न अध्यायों के अन्त में लघु उत्तरीय एवं वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को पर्याप्त संख्या में जोड़ा गया है। - विभिन्न अध्यायों में प्रयुक्त सूत्रों को सरल, लेकिन मानक रूप में रखा गया है तथा प्रत्येक अध्याय के अन्त में उस अध्याय में प्रयुक्त सभी सूत्रों को एक स्थान पर दिया गया है।
- पुस्तक के इस संशोधित संस्करण की उल्लेखनीय विशेषता यह है कि कम्पनी अधिनियम, 2013 की अनुसूची III के अनुरूप चिट्ठा एवं लाभ-हानि विवरण के संशोधित
- प्रारूप के अनुरूप सभी सम्बन्धित अध्यायों को पुनः तैयार किया गया है। इसमें केवल नवीन प्रारूप ही प्रयुक्त नहीं किए गए हैं, वरन् उनमें प्रयुक्त शब्दावली भी कम्पनी अधिनियम के प्रावधानों एवं व्यवस्थाओं के अनुसार है।
प्रबन्धकीय लेखाविधि Management Accounting Book विषय-सूची
- प्रबन्धकीय लेखाविधि: परिचय
- लेखांकन की आधारभूत अवधारणाएं एवं परम्पराएं
- वित्तीय विवरण: आशय, प्रकार एवं सीमाएं
- वित्तीय विवरणों का विश्लेषण एवं निर्वचन
- अनुपात विश्लेषण
- कोष प्रवाह विवरण
- रोकड़ प्रवाह विवरण (लेखांकन मानक-3 के आधार पर)
- सामग्री/इन्वेण्टरी की धारणा एवं तकनीकें
- सामग्री का नियन्त्रण एवं मूल्यांकन
- मुद्रा स्फीति लेखांकन अथवा कीमत-स्तर परिवर्तनों के लिए लेखांकन
- अवशोषण लागत विधि एवं सीमान्त लागत विधि
- लागत-मात्रा-लाभ विश्लेषण (सम-विच्छेद बिन्दु)
- बजट एवं बजटन
- बजटरी नियन्त्रण
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