प्रबन्ध एवं संगठनात्मक व्यवहार (Management & Organizational Behaviour) Book For:
- B.Com (Hons) II Year of Lalit Narayan Mithila University Darbhanga
- B.Com (Hons) Semester IV of Sri Dev Suman Uttarakhand University Tehri Garhwal & B.Com (Hons) Semester V of Binod Bihari Mahato Koylanchal University Dhanbad, Jamshedpur Women’s College, Sido Kanhu Murmu University Dumka
- M.Com (Private) I Year of Chaudhary Charan Singh University Meerut; M.Com I Year of Dr Bhimrao Ambedkar University Agra, Dr Rammanohar Lohia Avadh University Faizabad, Mahatma Jyotiba Phule Rohilkhand University Bareilly, Pt. Deendayal Upadhyay Gorakhpur University, Siddharth University Kapilvastu Siddharth Nagar, Veer Bahadur Singh Purvanchal University Jaunpur
- M.Com II Year of Dr Bhimrao Ambedkar University Agra, Jay Narain Vyas University Jodhpur
- M.Com Semester I of Chaudhary Charan Singh University Meerut, Chhatrapati Shahu Ji Maharaj University Kanpur, Hemvati Nandan Bahuguna Garhwal University, Jamshedpur Women’s College, Kolhan University, Kumaun University, Nilamber Pitamber University Daltonganj, Ranchi University, Sri Dev Suman Uttarakhand University Tehri Garhwal, Tilka Manjhi Bhagalpur University, Lalit Narayan Mithila University Darbhanga, Magadh University, Patliputra University, Purnea University, Veer Kunwar Singh University Ara, Bhupendra Narayan Mandal University Madhepura, Jai Prakash University Chhapra, Babasaheb Bhimrao Ambedkar Bihar University, Patna University, Munger University
- M.Com Semester II of Binod Bihari Mahato Koylanchal University Dhanbad, Guru Ghasidas Vishwavidyalaya Bilaspur, Jananayak Chandrashekhar University Ballia, Kumaun University, Mahatma Gandhi Kashi Vidyapith Varanasi, Sido Kanhu Murmu University Dumka, Vinoba Bhave University Hazaribag
- M.Com Semester III of Atal Bihari Vajpayee Vishwavidyalaya Bilaspur, Bastar University, Pandit Ravishankar Shukla University Raipur, Prof. Rajendra Singh Rajju Bhaiya University Prayagraj, University of Allahabad
औद्योगीकरण एवं वैश्वीकरण के युग में प्रबन्ध की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो गई है। विश्व के समस्त व्यावसायिक व गैर-व्यावसायिक संगठनों, शिक्षा की विभिन्न विधाओं एवं प्रत्येक स्तर के प्रबन्धकों द्वारा समान प्रकार के प्रबन्धकीय कार्य किए जाते हैं। संगठन की सफलता कुशल प्रबन्धन पर निर्भर करती है। इसलिए प्रबन्ध एक महान प्रेरणा-शक्ति प्रभावी साधन, ज्ञान की तकनीक व शाश्वत एवं सार्वभौमिक सत्य के रूप में प्रकट हो गया है। यही कारण है कि आज प्रबन्ध विषय का अध्ययन, अध्यापन सभी विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में जुड़ता चला जा रहा है।
इस पुस्तक में संगठनों में मानवीय व्यवहार, संगठनात्मक प्रबन्ध एवं विभिन्न प्रबन्धकीय विचारधाराओं पर प्रकाश डाला गया है।
पुस्तक के इस संशोधित संस्करण में एक नया अध्याय प्रबन्ध सम्मिलित किया गया है तथा अभिप्रेरण अध्याय में अभिप्रेरण के सिद्धान्त शीर्षक में अनेक नए सिद्धान्तों का समावेश किया गया है। पुस्तक के इस संशोधित संस्करण में निर्देशन पर नई सामग्री सम्मिलित की गई है। इसके अतिरिक्त नेतृत्व अध्याय को अधिक विस्तृतत कर दिया गया है।
पुस्तक की रचना में अनेक पुस्तकों, पत्र-पत्रिकाओं व विषय-विशेषज्ञों की सहायता ली गई है। पुस्तक में सभी विश्वविद्यालयों की आवश्यकताओं को पूरा पूरा करने का प्रयास किया गया है।
प्रबन्ध एवं संगठनात्मक व्यवहार Management & Organizational Behaviour Book विषय-सूची
- प्रबन्ध का अर्थ, प्रकृति, क्षेत्र, स्तर व महत्व
- नियोजन
- बजट
- संगठन: अवधारणा एवं प्रक्रिया
- संगठन के प्रारूप
- संगठन: सिद्धान्त और दृष्टिकोण
- संगठन: सत्ता, दायित्व, प्रत्यायोजन एवं कार्य का विभाजन
- सोपानक्रम या क्रमिक प्रक्रिया एवं समादेश की एकता
- नेतृत्व
- स्टाफिंग
- निर्णय प्रक्रिया
- नियन्त्रण तथा निर्देशन
- नियंत्रण का क्षेत्र एवं अधिकारों का विकेन्द्रीकरण
- समन्वय
- अभिप्रेरण
- प्रत्यक्षीकरण एवं आरोपण
- अभिवृत्ति या मनोवृत्ति तथा मूल्य
- सम्प्रेषण
- प्रमुख प्रबन्ध विचारक
- संगठनात्मक व्यवहार
- उद्योगों में व्यक्तिगत व्यवहार एवं मानवीय व्यवहार
- अंतर-वैयक्तिक व्यवहार
- अंतरसमूह व्यवहार एवं अंतरसमूह संघर्ष
- संगठनात्मक परिवर्तन
- संगठनात्मक विकास
- संगठनात्मक संस्कृति एवं वातावरण
- व्यक्तित्व
- मनोबल
- सीखना या शिक्षण या अधिगम
- कार्य सन्तुष्टि
- शक्ति
- परिवेदना
- एकरसता
- थकान
- कार्य-तनाव एवं औद्योगिक तनाव
- औद्योगिक दुर्घटना
- समूह गतिविधियां
- संघर्ष का प्रबंध
Dr Akhilesh Chandra Pandey –
At least the students are getting the book in Hindi language for those students who are having medium of instruction in Hindi.I thankfully acknowledge the contribution of author for such a good job with his expertise.Kudos to Dr Yadav